Fact Check: धीरेंद्र शास्त्री को Z+ सिक्योरिटी दिए जाने का बीबीसी के ट्वीट का स्क्रीनशॉट फेक है

केंद्र सरकार द्वारा धीरेंद्र शास्त्री को जेड प्लस सिक्योरिटी दिए जाने का बीबीसी के ट्वीट का स्क्रीनशॉट फेक है। ओके सटायर फेसबुक पेज से इसे व्यंग्य के तौर पर पोस्ट किया गया था, जिसे यूजर्स सच समझकर शेयर कर रहे हैं।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इस समय काफी चर्चा में हैं। सोशल मीडिया पर धीरेंद्र शास्त्री को लेकर एक पोस्ट वायरल हो रही है। वायरल स्क्रीनशॉट पर बीबीसी न्यूज हिंदी का लोगो लगा हुआ है। इस पर लिखा है कि मोदी सरकार ने विवादों में फंसे धीरेंद्र शास्त्री को Z+ सिक्योरिटी दी है। अब उनके साथ 25 कमांडोज रहेंगे। इस पर यह भी लिखा है कि इसके लिए संयुक्त राष्ट्र ने भी मोदी सरकार की सराहना की है।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि सोशल मीडिया पर वायरल स्क्रीनशॉट फेक है। न ही बीबीसी ने इस तरह का कोई ट्वीट किया है और न ही अभी केंद्र सरकार ने ऐसा कोई ऐलान किया है। यह स्क्रीनशॉट एक सटायर पेज ने पोस्ट किया था, जिसे यूजर्स सही समझ शेयर कर रहे हैं।

क्या है वायरल पोस्ट

फेसबुक यूजर Mohit Mishra (आर्काइव लिंक) ने 23 जनवरी को स्क्रीनशॉट को शेयर किया है। इस पर धीरेंद्र शास्त्री और श्याम मानव की तस्वीरों के साथ में लिखा है,

विवादों में फंसे धीरेंद्र शास्त्री के लिए मोदी सरकार ने Z+ सिक्योरिटी ।

25 कमांडोज के साथ रहेंगे धीरेंद्र शास्त्री,

UN ने भी कहा-मोदी सरकार ने किया सही काम , विरोध कने वाले @ShyamManav पर इंटरपोल ने दर्ज किया मुकदमा

पड़ताल

वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले कीवर्ड से धीरेंद्र शास्त्री को जेड प्लस सुरक्षा दिए जाने के बारे में सर्च किया। 24 जनवरी को दैनिक जागरण में खबर छपी है कि बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री को फोन पर जान से मारने की धमकी मिली है। वह इस समय छत्तीसगढ़ के रायपुर में हैं। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। धीरेंद्र शास्त्री को चुनौती देने वाले श्याम मानव को भी इस तरह की धमकी मिल चुकी है। श्याम मानव अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति से संबंध रखते हैं। हालांकि, खबर में हमें कही भी जेड प्लस सिक्योरिटी का जिक्र नहीं मिला।

24 जनवरी को हिन्दुस्तान में छपी खबर के अनुसार, धीरेंद्र शास्त्री को धमकी मिलने के बाद उनको सुरक्षा दिए जाने की मांग उठने लगी है। कांग्रेस नेता अमित श्रीवास्तव ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से धीरेंद्र शास्त्री को वाई प्लस सुरक्षा देने की मांग की है।

25 जनवरी को दैनिक भास्कर में छपी खबर के मुताबिक, धमकी मिलने के बाद धीरेंद्र शास्त्री 24 जनवरी को बागेश्वर धाम लौटे। उनकी सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है। धाम पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। हालांकि, हमें खबर में जेड प्लस सुरक्षा का कोई जिक्र नहीं मिला।

हमने गूगल पर कीवर्ड से श्याम मानव पर इंटरपोल के मुकदमा दर्ज करने वाले दावे को भी सर्च किया, लेकिन ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिससे दावे की पुष्टि हो सके। इंटरपोल की वेबसाइट पर भी हमें इस तरह की कोई जानकारी नहीं मिली।

हमें सर्च में किसी भरोसेमंद वेबसाइट पर ऐसी खबर भी नहीं मिली, जिससे यह पुष्टि हो सके कि धीरेंद्र शास्त्री को जेड प्लस सुरक्षा दिए जाने को लेकर यूएन ने मोदी सरकार की सराहना की है। यूनाइटेड नेशंस की वेबसाइट पर भी हमें ऐसी कोई प्रेस रिलीज नहीं मिली।

इसके बाद हमने बीबीसी के वायरल ट्वीट की पड़ताल के लिए इसे ध्यान से देखा। इसमें कुछ गलतियां हैं, जैसे पहला वाक्य अधूरा है।

बीबीसी न्यूज हिंदी का ट्विटर अकाउंट भी हमने सर्च किया। ट्विटर हैंडल का लोगो और वायरल स्क्रीनशॉट का लोगो अलग-अलग है। साथ ही टिक मार्क का कलर भी ऑरेंज है, जबकि वायरल स्क्रीनशॉट में टिक मार्क नीले रंग का है। ट्विटर हैंडल पर हमें इस तरह की कोई पोस्ट नहीं मिली।

सर्च करने पर हमें फेसबुक पेज OK Satire पर वायरल स्क्रीनशॉट (आर्काइव लिंक) मिला। इसे 21 जनवरी को पोस्ट किया गया है।

इस पेज (आर्काइव लिंक) के प्रोफाइल में लिखा है, Parody Tweets That seems Real (वो पैरोडी ट्वीट्स, जो वास्तविक लगते हैं)। इस पेज पर हमें बीबीसी के लोगो लगे हुए कई स्क्रीनशॉट मिले। इनमें बस मैटर और तारीख अलग-अलग हैं, लेकिन रिट्वीट्स व लाइक्स की संख्या समान है।

इसकी अधिक पुष्टि के लिए हमने बीबीसी हिंदी के डिजिटल हेड मुकेश शर्मा से सपंर्क कर उनको वायरल स्क्रीनशॉट भेजा। उन्होंने इसे फेक बताया है।

फेक स्क्रीनशॉट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर ‘मोहित मिश्रा‘ की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। इसके मुताबिक, वह अहमदाबाद के रहने वाले हैं। उनके 14700 फ्रेंड्स हैं और वह एक विचारधारा से प्रेरित हैं।

निष्कर्ष: केंद्र सरकार द्वारा धीरेंद्र शास्त्री को जेड प्लस सिक्योरिटी दिए जाने का बीबीसी के ट्वीट का स्क्रीनशॉट फेक है। ओके सटायर फेसबुक पेज से इसे व्यंग्य के तौर पर पोस्ट किया गया था, जिसे यूजर्स सच समझकर शेयर कर रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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