विश्वास न्यूज़ ने इस पोस्ट की पड़ताल की और दावा गलत पाया। संघ के RSS स्वयंसेवकों के साथ ब्रिटेन की महारानी की यह तस्वीर एडिटेड है, जिसे दो अलग-अलग तस्वीरों को जोड़कर बनाई गयी है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज): सोशल मीडिया वायरल एक तस्वीर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की यूनिफॉर्म पहने कुछ युवाओं के सामने से ब्रिटेन की भूतपूर्व महारानी को गुजरते देखा जा सकता है। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर तब की है, जब आरएसएस स्वयंसेवकों ने ब्रिटेन की महारानी को सलामी दी थी।
विश्वास न्यूज ने इस पोस्ट की पड़ताल की और पाया कि असल में यह तस्वीर एडिटेड है, जिसे दो अलग-अलग तस्वीरों को जोड़कर बनाया गया है।
फेसबुक यूजर Subhash Chandra Chirdia ने इस तस्वीर को 13 अगस्त को शेयर किया, जिसके ऊपर लिखा था, “ब्रिटेन माता की जय। यह फोटो बड़ी मुश्किल से हाथ लगा है, हर फोन तक पहुंचना चाहिए। सब को पता चले देश का गद्दार कौन है। #जब पूरा देश अंग्रेजों से लड़ रहा था, तब कुछ गद्दार इंग्लैंड की रानी को सलामी दे रहे थे. सुना है इनके वंशज खुद को देशभक्त कहते हैं.”
इस तस्वीर को सच मानकर दूसरे यूजर्स भी इसे वायरल कर रहे हैं। पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।
वायरल तस्वीर भी वायरल हो चुकी है और उस समय भी विश्वास न्यूज़ ने इसकी पड़ताल की थी। उस समय विश्वास न्यूज ने इस तस्वीर की पड़ताल करने के लिए इसे गूगल रिवर्स इमेज टूल पर ढूंढा था और संघ के स्वयंसेवकों की यह तस्वीर डेकेन क्रॉनिकल पर 2016 में पब्लिश्ड एक खबर में मिली थी। मगर इस तस्वीर में स्वयंसेवकों के सामने महारानी एलिजाबेथ नहीं थीं।
विश्वास न्यूज को यह तस्वीर और भी कई वेबसाइट्स पर मिली थी मगर कहीं भी इन स्वयंसेवकों के सामने कोई नहीं खड़ा था।
क्रॉप करके ब्रिटेन की महारानी वाले पोर्शन को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर विश्वास न्यूज को यह तस्वीर thenational.scot/news पर मिली थी। यहाँ मौजूद इस तस्वीर में ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के सामने कुछ नाइजीरियाई जवान खड़े थे। यहाँ कैप्शन में लिखा था, “अनुवादित: महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने 2 फरवरी 1956 को अपने कॉमनवेल्थ दौरे के दौरान, नाइजीरिया के कडुना हवाई अड्डे पर नव-नामित क्वीन्स ओन नाइजीरिया रेजिमेंट, रॉयल वेस्ट अफ्रीकन फ्रंटियर फोर्स के पुरुष जवानों का निरीक्षण किया।”
विश्वास न्यूज ने इस विषय में आरएसएस नेता आयुष नादमपल्ली से भी बात की थी, जिन्होंने तस्वीर को एडिटेड बताया था।
ऐसे ही एक दावे की हमने पहले भी पड़ताल की थी। उसे यहाँ पढ़ा जा सकता है।
इसके बाद हमने फर्जी पोस्ट करने वाले यूजर Subhash Chandra Chirdia के प्रोफाइल की जांच की। हमें पता चला कि फेसबुक यूजर को 2000 से अधिक लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने इस पोस्ट की पड़ताल की और दावा गलत पाया। संघ के RSS स्वयंसेवकों के साथ ब्रिटेन की महारानी की यह तस्वीर एडिटेड है, जिसे दो अलग-अलग तस्वीरों को जोड़कर बनाई गयी है।
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