विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित होती है। जिन वीडियो को गुरुग्राम का बताकर वायरल किया जा रहा है, वे दिल्ली के नांगलोई का है। मोहर्रम के दिन यहां हुए बवाल के वीडियो को हरियाणा हिंसा के नाम पर वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। हरियाणा के नूंह में सांप्रदायिक हिंसा के बाद से ही सोशल मीडिया पर फर्जी और भ्रामक सांप्रदायिक पोस्ट वायरल की जा रही है। अब दो वीडियो को गुरुग्राम और मेवात का बताते हुए वायरल किया जा रहा है। इन वीडियो में भीड़ को उत्पात मचाते हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स दावा कर रहे हैं कि वीडियो हरियाणा के गुरुग्राम और मेवात की हिंसा से जुड़ा हुआ है। विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। दावा फर्जी साबित हुआ। दरअसल, यह वीडियो 29 जुलाई को दिल्ली के नांगलोई में मुहर्रम के दिन हुए बवाल का है। उस दिन ताजिया के रास्ते को लेकर पुलिस और आयोजकों के बीच झड़प हो गई थी। जिसके कारण भीड़ ने सड़क पर उत्पात मचा दिया था। अब उसी उत्पात के वीडियो को हरियाणा हिंसा से जोड़ते हुए वायरल किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर कंचन सिंह ने 3 अगस्त को एक वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा, “गुड़गांव और मेवात को भी बाबा योगी की डिमांड।”
वायरल वीडियो के साथ लिखे गए दावे को यहां ज्यों का त्यों ही लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्ट का आकाईव वर्जन यहां देखें।
विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो के बारे में ज्यादा जानकारी जुटाने के लिए सबसे पहले वीडियो के कई कीफ्रेम्स निकाले। फिर इन्हें गूगल लेंस टूल की मदद से सर्च करना शुरू किया। हमें इंडिया टूडे की वेबसाइट पर एक खबर मिली। इसमें भी वायरल फुटेज से मिलते-जुलते शॉट्स को देखा जा सकता है। 30 जुलाई को अपलोड इस खबर में बताया गया कि दिल्ली के नांगलोई इलाके में मुहर्रम के जुलूस के दिन उत्पात के कारण काफी बवाल देखने को मिला। ताजिया को रोकने के दौरान पुलिस पर पत्थरबाजी हुई। बाद में पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
इंडिया टीवी के यूट्यूब चैनल पर मौजूद एक खबर में भी वीडियो को देखा जा सकता है।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण के 30 जुलाई के ईपेपर को स्कैन किया । यहां विस्तार से नांगलोई हिंसा को कवर करते हुए बताया गया कि दिल्ली के नांगलोई में ताजिए के जुलूस का तयशुदा रूट बदलने पर बवाल हो गया। भीड़ उग्र हो गई। रोहतक मेन रोड पर भीड़ ने जमकर पत्थरबाजी की। पूरी खबर को विस्तार से नीचे पढ़ा जा सकता है।
जागरण डॉट कॉम पर प्रकाशित खबर के अनुसार, मुहर्रम जुलूस के दौरान बाहरी दिल्ली के नांगलोई इलाके में बीते 29 जुलाई को तीन अलग-अलग स्थानों पर हिंसा हुई थी। खबर में आगे बताया गया कि ताजिया जुलूस के कुछ आयोजकों द्वारा अपने ताजिया जुलूस के निर्धारित मार्ग से हटने की कोशिश के बाद सूरजमल स्टेडियम के पास पुलिस और भीड़ के बीच झड़प हो गई थी। घटना के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए, जिसमें लोगों की भीड़ को पथराव करते और बसों और निजी कारों सहित सार्वजनिक वाहनों को नुकसान पहुंचाते हुए देखा जा सकता है।
दूसरे वीडियो के बारे में जानकारी जुटाने के लिए इसके कई कीफ्रेम्स निकाले गए। फिर इन्हें गूगल लेंस टूल की मदद से सर्च किया गया। वायरल वीडियो हमें ईटीवी भारत की वेबसाइट पर प्रकाशित एक खबर में मिला। इसमें बताया गया कि दिल्ली के नांगलोई इलाके में ताजिया जुलूस के दौरान हंगामा मच गया था। स्थिति को काबू करने के लिए पुलिस ने लाठी चार्ज शुरू कर दिया। पूरी खबर यहां पढ़ें।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण, दिल्ली के वरिष्ठ क्राइम रिपोर्टर राकेश कुमार सिंह से संपर्क किया। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि वायरल वीडियो मुहर्रम के दिन नांगलोई में हुए उत्पात के दौरान का है।
आउटर डिस्ट्रिक्ट के डीसीपी हरेंद्र कुमार सिंह ने विश्वास न्यूज से बातचीत में भी वीडियो को नांगलोई का बताया।
पड़ताल के अंत में दिल्ली के वीडियो को गुरुग्राम का बताकर वायरल करने वाले यूजर की जांच की गई। पता चला कि फेसबुक यूजर कंचन सिंह यूपी के मथुरा में रहते हैं। यूजर ने यह अकाउंट जून 2012 को बनाया है। इस अकाउंट को 3.7 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित होती है। जिन वीडियो को गुरुग्राम का बताकर वायरल किया जा रहा है, वे दिल्ली के नांगलोई का है। मोहर्रम के दिन यहां हुए बवाल के वीडियो को हरियाणा हिंसा के नाम पर वायरल किया जा रहा है।
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