विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। पता चला कि तीन फरवरी को समुदाय विशेष के लोग दमोह कोतवाली के सामने विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे थे। उसी वक्त के वीडियो को अब कुछ लोग भ्रामक दावे के साथ हल्द्वानी हिंसा से जोड़ते हुए वायरल कर रहे हैं।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। उत्तराखंड के हल्द्वानी में हुई हिंसा के बाद से ही सोशल मीडिया पर फर्जी और भ्रामक वीडियो और तस्वीरों की बाढ़-सी आ गई है। अब एक वीडियो को वायरल करते हुए इसे हल्द्वानी का बताया जा रहा है। इसमें भीड़ से घिरे एक पुलिसकर्मी को बहादुरी से भीड़ का सामना करते हुए देखा जा सकता है। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर इस वीडियो को हल्द्वानी का बताकर वायरल किया जा रहा है।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। पता चला कि तीन फरवरी को समुदाय विशेष के लोग दमोह कोतवाली के सामने विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे थे। उसी वक्त के वीडियो को अब कुछ लोग भ्रामक दावे के साथ हल्द्वानी हिंसा से जोड़ते हुए वायरल कर रहे हैं।
एक्स हैंडल Amit 2.0 Fearless ने 9 फरवरी को एक वीडियो को पोस्ट करते हुए हल्द्वानी का बताते हुए अपलोड किया। इसके साथ अंग्रेजी में लिखा गया, “#AnandSinghThakur owned peaceful community single handedly #Haldwani”
इस वीडियो को मिलते-जुलते दावों के साथ दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्ट का आकाईव वर्जन यहां देखा जा सकता है। फैक्ट चेक के उद्देश्य से पोस्ट के दावे को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है।
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो को ध्यान से देखा। इसके ऊपर यह लिखा था कि वीडियो मध्य प्रदेश के दमोह का है। इसके आधार पर हमने गूगल ओपन सर्च टूल का इस्तेमाल करने का फैसला किया। गूगल ओपन सर्च टूल पर संबंधित कीवर्ड से खबर खोजना शुरू किया ।
नवभारत टाइम्स की वेबसाइट पर 6 फरवरी को पब्लिश एक खबर में बताया गया, “मध्य प्रदेश के दमोह शहर में एक दर्जी और दूसरे समुदाय के कुछ लोगों के बीच विवाद हुआ था। इसकी वजह से उनमें झड़प हो गई थी। इसके बाद दूसरे समुदाय के सैकड़ों लोग दमोह कोतवाली थाना को घेरने पहुंच गए। थाना घेरने पहुंचे लोग मारने और काटने की धमकी दे रहे थे। कोतवाली थाना को घेरकर लोग जमकर नारेबाजी कर रहे थे। हंगामा कर रहे लोगों के बीच कोतवाली थाने के प्रभारी आनंद सिंह ठाकुर अकेले पहुंच गए। उन्हें देखकर लोगों ने और हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद टीआई आनंद सिंह ठाकुर रियल सिंघम बन गए। वह उपद्रवियों से अकेले ही भिड़ गए। साथ ही शोर मचा रहे लोगों के बीच में उतरकर कहा कि मैं अकेले आ गया हूं। इसके बाद उन्होंने शोर मचा रहे लोगों के सामने दहाड़ लगाई।”
इस खबर में वायरल वीडियो का फुल वर्जन का भी इस्तेमाल किया गया।
सर्च के दौरान एमपी तक के यूट्यूब चैनल पर भी घटना का ऑरिजिनल वीडियो मिला। इसे 5 फरवरी को अपलोड किया गया था। इसके डिस्किपशन में बताया गया कि दमोह में एक मामूली विवाद ने धार्मिक रंग ले लिया। जिसके बाद हंगामा शुरू हो गया। प्रदर्शनकारी थाने पहुंचे और उसका घेराव कर लिया। फिर टीआई आनंद सिंह ठाकुर ने दिखाया अपना रौद्र रूप ।
भास्कर डॉट कॉम पर पब्लिश एक खबर में बताया गया, “ दमोह जेल मस्जिद परिसर में संचालित टेलरिंग दुकान संचालक से शनिवार रात चार युवाओं का विवाद हो गया। आरोप है कि विवाद में बीच बचाव करने पहुंचे मस्जिद के पेश इमाम हाफिज रिजवान खान से उन युवकों ने बदसलूकी कर दी और उनकी बाइक को भी नुकसान पहुंचाया। कुछ देर में खबर फैली, तो मुस्लिम समाज के सैकड़ों लोग विरोध जताते हुए कोतवाली पहुंचे और आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर तत्काल उनकी गिरफ्तारी की मांग कर दी। इस दौरान मुस्लिम समाज के लोगों ने प्रदर्शन किया। साथ ही कुछ लोगों ने सांप्रदायिक उन्माद फैलाने का प्रयास भी किया, जिसके बाद पुलिस को सख्ती दिखानी पड़ी और सभी को खदेड़ दिया।” पूरी खबर यहां पढ़ें।
विश्वास न्यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए नईदुनिया, दमोह के संवाददाता कैलाश दुबे से संपर्क किया। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि वायरल वीडियो दमोह कोतवाली के एसएचओ का है।
पड़ताल के अंत में मध्य प्रदेश के वीडियो को हल्द्वानी का बताकर वायरल करने वाले एक्स हैंडल की जांच की गई। पता चला कि एक्स हैंडल Amit 2.0 Fearless मार्च 2017 से सक्रिय है। इसे दो हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि हल्द्वानी के नाम पर वायरल वीडियो मध्य प्रदेश के दमोह का है। 3 फरवरी की रात दमोह कोतवाली पर समुदाय विशेष के लोग अपनी मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। वीडियो उसी वक्त का है। अब इसे कुछ लोग हल्द्वानी हिंसा से जोड़ते हुए वायरल कर रहे हैं।
एक्स हैंडल Amit 2.0 Fearless
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