विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। यह बेबुनियाद और फर्जी साबित हुई।
नई दिल्ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया में सांप्रदायिकता से भरी एक पोस्ट वायरल हो रही है। पोस्ट में एक तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए दावा किया गया कि एक मुस्लिम युवक एक हिंदू युवती की हत्या करके लाश को अपनी मोटरसाइकिल पर बांध कर ले गया। तभी किसी ने इस तस्वीर को खींच ली।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। यह बेबुनियाद और फर्जी साबित हुई। मिस्र की राजधानी काहिरा की एक पुरानी तस्वीर को गलत दावे के साथ वायरल किया गया। असली तस्वीर में दुकानों पर इस्तेमाल किए जाने वाला पुतला है, ना कि कोई लाश।
फेसबुक पेज गौ सेवाभक्ति ने 6 जून को एक तस्वीर को अपलोड करते हुए दावा किया, “भारत का डरा हुआ मुस्लमान। ये हिंदू लड़की विनीता है राजस्थान की। ये बोली थी सब मुस्लिम एक जैसे नही होते है मेरा वाला मोहमद तो मासूम है सीधा साधा है। ये बोलकर गई थी अपने मां बाप से, और 22 दिन बाद ये बोरा में मिली । ये मुस्लिम लड़का मोहमद है फल बेचता था। अपने गेलफेंड बिनीता को बोरा में भरकर पुल के नीचे फेकने ले जा रहा था। उसको पता भी नही चला की कब बोरे में से पैर घिसक कर बाहर आ गया। शुक्र है एक कार वाले का, जिसने देखकर पुलिस को कॉल करके पकड़वाया।”
वायरल पोस्ट के साथ लिखे गए कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों ही लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।
विश्वास न्यूज एक बार पहले भी वायरल पोस्ट की जांच कर चुका है। इसके लिए हमने सबसे पहले गूगल लेंस टूल का इस्तेमाल किया था। इसमें सर्च करने पर यह तस्वीर अलग-अलग क्लेम के साथ वायरल मिली।
मिस्र की वेबसाइट काहिरा 24 डॉट कॉम ने इस तस्वीर को 30 मई 2023 को पब्लिश करते हुए लिखा कि यह तस्वीर एक पुतले की है। इसका उपयोग कपड़ों की दुकानों पर कपड़ों को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है। यह खबर अरबी भाषा में है। इसे गूगल ट्रांसलेट टूल की मदद से अनुवाद किया गया। पूरी खबर यहां पढ़ी जा सकती है।
विश्वास न्यूज से बातचीत में राजस्थान पुलिस के पीआरओ गोविंद पारीख ने कहा कि तस्वीर का राजस्थान से कोई संबंध नहीं है। ऐसी कोई घटना राजस्थान में नहीं हुई है।
पिछली पड़ताल को विस्तार से यहां पढ़ा जा सकता है।
पड़ताल के अंत में फर्जी पोस्ट करने वाले फेसबुक पेज की जांच की गई। फेसबुक पेज गौ सेवाभक्ति इंदौर से संचालित होता है। इसे पांच सौ से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष : दुकानों पर इस्तेमाल किए जाने वाले पुतले से जुड़ी एक तस्वीर को कुछ लोग झूठे सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल कर रहे हैं। हमारी जांच में वायरल तस्वीर काहिरा की एक पुरानी तस्वीर साबित हुई।
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