नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। इंटरनेट पर एक ग्राफिक्स तेजी से वायरल हो रहा है। इस ग्राफिक्स में यह दावा किया गया है कि जून तिमाही में अमेरिका, कनाडा और जापान की जीडीपी वृद्धि दर भारत के मुकाबले ज्यादा बुरी स्थिति में रही। इस ग्राफिक्स में कुछ आंकड़े दिए गए हैं, जिन्हें भारत एवं G7 (समूह-सात) देशों के अप्रैल-जून तिमाही के जीडीपी के आंकड़ों के रूप में दर्शाया गया है। विश्वास न्यूज की विस्तार से की गई जांच में यह पाया गया है कि कुछ देशों के आंकड़े भ्रामक हैं और भारत के आंकड़े के साथ उनकी तुलना गलत तरीके से की गई है।
यह Facebook पोस्ट ग्राफिक्स के रूप में है। ग्राफिक्स में दावा किया गया है यह आठ देशों के अप्रैल-जून तिमाही (2020) के जीडीपी के आंकड़े हैं। आंकड़ों को इस क्रम में रखा गया हैः
1. कनाडा: -38.7%
2. अमेरिका: -32.9%
3. जापान: -27.8%
4. भारत: -23.9%
5. इंग्लैंड: -20.4%
6. फ्रांस: -13.8%
7. इटली: -12.4%
8. जर्मनी: -10.1%
इससे संबंधित फेसबुक पोस्ट का आर्काइव किया हुआ लिंक ये रहा|
भारत के अप्रैल-जून तिमाही के जीडीपी के आंकड़े 31 अगस्त को जारी किए गए थे। इन आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार (-) 23.9 फीसद पर रही। इसे आजादी के बाद से अब तक अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा संकुचन बताया जा रहा है। इन आंकड़ों को जारी किए जाने के बाद से ही सोशल मीडिया पर इस तरह के ग्राफिक्स वायरल होने लगे। इसी बीच ‘बिजनेस टुडे’ ने एक ग्राफिक्स ट्वीट किया। इस ग्राफिक्स में भारत के अप्रैल-जून तिमाही के आंकड़ों की तुलना जी-7 देशों (अमेरिका, कनाडा, जापान, जर्मनी, इटली, फ्रांस और ब्रिटेन) के आंकड़ों से की गई थी।
‘बिजनेस टुडे’ के ट्वीट के बाद यह ग्राफिक्स इंटरनेट पर वायरल हो गया और बड़ी संख्या में लोगों ने इसे सोशल मीडिया पर शेयर किया। इसके बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कुछ और ग्राफिक्स वायरल हुए, जिसमें दावे किए गए कि ‘बिजनेस टुडे’ ने गलत आंकड़े पेश किए हैं। इतना ही नहीं, ऊपर साझा किए गए पोस्ट जैसे कई अन्य मैसेज सोशल मीडिया में वायरल हुए, जिसमें दावा किया गया कि भारत नहीं बल्कि कनाडा, अमेरिका और जापान जैसे देशों के जीडीपी के आंकड़े सबसे बुरे रहे हैं।
यह ‘बिजनेस टुडे’ के ट्वीट का स्क्रीनशॉट है, जिसे बाद में हटा लिया गया था। हालांकि, ‘बिजनेस टुडे’ ने बाद में संशोधित आंकड़ों के साथ नए ग्राफिक्स को फिर से पोस्ट किया। पहले ग्राफिक्स में कुछ देशों के आंकड़ों में कुछ संशोधन होने की जरूरत होने की वजह से उसे हटा लिया गया था।
‘बिजनेस टुडे’ ने 31 अगस्त को दोपहर 2.21 बजे ट्वीट किया था। इस ट्वीट को अगले दिन हटा लिया गया था। यह उस ट्वीट का स्क्रीनशॉट है, जो अब ‘बिजनेस टुडे’ के ट्विटर अकाउंट पर उपलब्ध नहीं है।
‘बिजनेस टुडे’ ने संशोधित आंकड़ों के साथ एक सितंबर को दोपहर 2.18 बजे एक और ट्वीट किया।
‘बिजनेस टुडे’ द्वारा पहले गए ट्वीट में इस बात का कोई उल्लेख नहीं किया गया था कि G-7 देशों के जीडीपी के आंकड़ों की तुलना सालाना आधार पर की गई है या तिमाही आधार पर।
हालांकि, संशोधित ग्राफिक्स में ‘बिजनेस टुडे’ ने अवधि का उल्लेख किया है, साथ ही कुछ देशों के आंकड़ों में भी तब्दीली देखने को मिली।
विश्वास न्यूज ने भारत और G7 के अन्य देशों के इस साल अप्रैल-जून तिमाही के जीडीपी के आंकड़ों (सालाना आधार) को लेकर विस्तृत शोध की।
1. भारतः अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी वृद्धि की रफ्तार सालाना आधार पर रही (-) 23.9 फीसद पर- पूरी तरह सही
समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था में 23.9 फीसद का संकुचन दर्ज किया गया। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक कॉन्सटैंट टर्म में भारत की वास्तविक जीडीपी जून तिमाही में गिरकर 26.9 लाख करोड़ रुपये पर रह गई। यह आंकड़ा 2019 की अप्रैल-जून तिमाही की तुलना में 23.9 फीसद कम है। नॉमिनल जीडीपी गिरावट के साथ 38.08 लाख करोड़ रुपये पर रह गई। यह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 22.6 फीसद कम है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक ग्रॉस वैल्यू एडेड टर्म्स में देश की इकोनॉमी में 22.8 फीसद का संकुचन दर्ज किया गया।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने भी इस बात की पुष्टि की है कि वित्त वर्ष 2020-21 की अप्रैल-जून तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था में G-20 के किसी भी अन्य देश की तुलना में सबसे अधिक संकुचन (25.6 फीसद) देखने को मिल सकता है। उन्होंने ट्विटर पर एक विस्तृत ग्राफ साझा किया है। इसमें जी-20 देशों के जीडीपी आंकड़ों (तिमाही एवं नॉन-एनुअलाइज्ड आधार पर) को दिखाया गया है। हालांकि, उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि सितंबर तिमाही में इकोनॉमिक रिकवरी देखने को मिल सकती है।
ऐसे में ‘बिजनेस टुडे’ और यूजर द्वारा साझा किए गए ग्राफिक्स में भारत की आर्थिक वृद्धि से जुड़ा आंकड़ा सही है।
अमेरिका: अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर सालाना आधार पर (-) 9.1 फीसद पर रही।
‘बिजनेस टुडे’ के पहले ग्राफिक्स में अमेरिका के जीडीपी का आंकड़ा (-) 9.5 फीसद बताया गया था। वेबसाइट ने बाद में संशोधित ट्वीट में आंकड़ों में सुधार करते हुए इसे (-) 9.1 फीसद बताया।
वायरल ग्राफिक्स में इसे (-) 32.9% बताया गया है। वास्तव में (-) 32.9% का आंकड़ा एनुअलाइज्ड रेट पर आधारित है। ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक एनालिसिस की ओर से जारी आंकड़ों में कहा गया है कि अमेरिका में 2020 की दूसरी तिमाही में वास्तविक जीडीपी में वार्षिक आधार पर 32.9 फीसद की गिरावट देखने को मिली।
अमेरिका के जीडीपी के आंकड़ों को लेकर अब आपको यहां पर कुछ चीजों को समझने की जरूरत है। तिमाही आधार पर (जनवरी-मार्च के मुकाबले अप्रैल-जून में) आर्थिक वृद्धि दर (-) 9.5% पर रही। इसको अगर हम एनुअलाइज्ड डेटा में बदलते हैं तो यह 32.9 फीसद पर बैठता है। वहीं, सालाना आधार पर जीडीपी का आंकड़ा (-) 9.1 फीसद पर रहा। इसकी तुलना भारत के सालाना आधार के आंकड़ों से की जा सकती है। इसे एनुअलाइज्ड रेट पर देखें तो यह (-) 31.7 फीसद पर बैठता है।
अमेरिका की अर्थव्यवस्था में एनुअलाइज्ड डेटा का क्या मतलब है?
फेडरल रिजर्व बैंक ऑफ डल्लास की वेबसाइट के मुताबिक इस पद्धति के तहत दिखाया जाता है कि अगर इसी दर से वृद्धि जारी रही तो एक साल में वृद्धि दर क्या रह सकती है। इसकी तुलना अन्य एनुअलाइज्ड डेटा से आसानी से की जा सकती है। एनुअलाइजिंग प्रणाली के अंतर्गत अलग-अलग समय के इकोनॉमिक वेरिएबल्स की तुलना आसानी से हो सकती है। विश्लेषक प्रमुख आर्थिक संकेतकों का आकलन मासिक या तिमाही आधार पर कर सकते हैं। एनुअलाइज्ड रेट सिस्टम के तहत मौसमी डेटा को शामिल नहीं किया जाता है।
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‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की ‘Here is how to interpret today’s G.D.P. numbers.’ शीर्षक से एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका में जीडीपी के आंकड़े अब महज एक तिमाही से दूसरे तिमाही के बीच के अंतर के तौर पर नहीं पेश किए जाते हैं। इसे वार्षिक दर के आधार पर रिपोर्ट किया जाता है। इसे इस तरह समझ सकते हैंः अगर इसी दर से बदलाव जारी रहा तो एक साल में जीडीपी में कितनी ज्यादा वृद्धि होगी या संकुचन देखने को मिलेगा।
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इसी वजह से इस साल की अप्रैल-जून तिमाही में एनुअलाइज्ड आधार पर अमेरिका की जीडीपी (-) 32.9 फीसद पर रही। वहीं, सालाना आधार पर यह बदलाव 9.1 फीसद (31.7 फीसद एनुअलाइज्ड) का रहा। इस आंकड़े की तुलना भारत के आर्थिक वृद्धि से जुड़े आंकड़े (-23.9%) से किया जा सकता है।
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फ्रांसः अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर (-18.9%) पर रही
‘बिजनेस टुडे’ के पहले ग्राफिक्स में फ्रांस की जून तिमाही की आर्थिक विकास दर (-)13.8% बतायी गई थी। बाद में इसे संशोधित कर (-) 18.9% कर दिया गया।
वायरल पोस्ट में भी फ्रांस की जीडीपी में 13.8 फीसद के संकुचन की बात कही गई है, जो गलत है।
वहीं, अप्रैल-जून तिमाही में तिमाही आधार पर फ्रांस की जीडीपी में 13.8 फीसद का संकुचन देखने को मिला। दूसरी तिमाही में वॉल्यूम के संदर्भ में जीडीपी में (-) 13.8% गिरावट दर्ज की गई, पहली तिमाही (जनवरी से मार्च, 2020) में यह आंकड़ा 5.9 फीसद पर था। यह 2019 की दूसरी तिमाही की तुलना में 18.9 फीसद नीचे रहा।
इटलीः अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी (सालाना आधार पर) वृद्धि (-) 17.7 पर रही
‘बिजनेस टुडे’ के पहले ग्राफिक में इसे (-) 12.4% बताया गया था। हालांकि, संशोधित ग्राफ में इसे सुधार कर (-) 17.7% कर दिया गया।
वायरल पोस्ट में भी इसे (-) 12.4% बताया गया है, जो कि गलत है।
अप्रैल-जून तिमाही में इटली की इकोनॉमी में तिमाही आधार पर 12.8 फीसद का संकुचन देखने को मिला। हालांकि, सालाना आधार पर बात की जाए तो ISTAT के 31 जुलाई के आंकड़ों में इटली की जीडीपी में 17.3 फीसद के संकुचन की बात कही गई थी, जिसे बाद में संशोधित कर -17.7 फीसद कर दिया गया है।
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कनाडाः अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर सालाना आधार पर (-)13 फीसद पर रही। यह एनुअलाइज्ड दर पर (-) 38.7% पर बैठता है।
‘बिजनेस टुडे’ के पहले ग्राफिक में अप्रैल-जून तिमाही में (-) 12 फीसद का आंकड़ा दिया गया था। इसे बाद में संशोधित कर (-) 13 फीसद कर दिया गया।
वायरल ग्राफिक्स में इसे (-) 38.7% बताया गया है। एक बार फिर यह एनुअलाइज्ड रेट पर की गई गणना पर आधारित है। एनुअलाइज्ड दर सालाना आधार के तिमाही आंकड़े से अलग होते हैं और ऊपर के पोस्ट में इस बात का उल्लेख किया गया है।
स्टैटिस्टिक्स कनाडा ने कहा है कि जून तिमाही में वास्तविक जीडीपी में 38.7 फीसद की वार्षिक दर से संकुचन देखने को मिला है। यह 1961 से अब तक जीडीपी में सबसे अधिक संकुचन को दिखाता है। उल्लेखनीय है कि कनाडा में जीडीपी का तुलनात्मक डेटा पहली बार 1961 में रिकॉर्ड किया गया था।
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जर्मनीः अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर (सालाना आधार पर) (-)11.3 फीसद पर रही
‘बिजनेस टुडे’ के पहले ग्राफिक में कहा गया है कि अप्रैल-जून तिमाही में जर्मनी की जीडीपी वृद्धि दर (-) 10.1 फीसद पर रही। हालांकि, संशोधित ग्राफिक्स में अप्रैल-जून तिमाही में जर्मनी की अर्थव्यवस्था में 11.3 फीसद की दर से संकुचन दिखाया गया है। कैलेंडर वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही में जर्मनी की जीडीपी वृद्धि दर सालाना आधार पर (-)11.3 फीसद पर रही। हालांकि, शुरुआती आंकड़ों में 11.7 फीसद के संकुचन की बात कही गई थी।
वायरल फेसबुक ग्राफिक्स में इसे (-) 10.1 फीसद बताया गया है, जो गलत है।
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जापानः 2020 की अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर (-) 9.9% पर रही, जो एनुअलाइज्ड आधार पर अर्थव्यवस्था में 27.8 फीसद के संकुचन को दिखाता है।
‘बिजनेस टुडे’ के पहले ग्राफिक में इसे (-) 7.6% बताया गया है। हालांकि, बाद में इसे संशोधित कर (-) 9.9 फीसद कर दिया गया।
वायरल ग्राफिक्स में जापान की जीडीपी वृद्धि दर (-) 27.8 फीसद बतायी गई है। यह भी भ्रामक है क्योंकि रिपोर्ट्स के मुताबिक जून तिमाही में जापान की आर्थिक वृद्धि दर (-) 9.9 फीसद पर रही।
जापान के कैबिनेट ऑफिस ने एक रिपोर्ट में कहा है कि जून तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था में तिमाही आधार पर 7.8 फीसद (27.8 फीसद के एनुअलाइज्ड दर) का संकुचन देखने को मिला।
tradingeconomics.com की वेबसाइट के मुताबिक जापान में वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही में जीडीपी में सालाना आधार पर 9.90 फीसद का संकुचन देखने को मिला।
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ब्रिटेनः अप्रैल-जून तिमाही 2020 में जीडीपी वृद्धि दर (-) 21.7 फीसद पर रही
‘बिजनेस टुडे’ के पहले ग्राफिक्स में ब्रिटेन की विकास दर (-) 20.4 बतायी गई है। हालांकि, संशोधित ट्वीट में इसे 21.7 फीसद बताया गया है।
वायरल पोस्ट में भी पहली तिमाही में ब्रिटेन की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार (-) 20.4 फीसद बतायी गई है।
ब्रिटेन की जीडीपी में जून तिमाही में तिमाही आधार पर 20.4 फीसद का संकुचन देखने को मिला है। पहली तिमाही में देश की इकोनॉमी में 2.2 फीसद का संकुचन देखने को मिला था। हालांकि, 2019 की अप्रैल-जून तिमाही से तुलना की जाए तो इस कैलेंडर वर्ष की दूसरी तिमाही में ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में 21.7 फीसद की सिकुड़न देखने को मिली।
वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही में ब्रिटेन की जीडीपी में सालाना आधार पर 21.7 फीसद की निगेटिव वृद्धि देखने को मिली।
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विश्वास न्यूज ने 2020 की अप्रैल-जून तिमाही में G7 देशों के जीडीपी से जुड़े आंकड़ों को लेकर उभरी भ्रम की इस स्थिति को लेकर महिंद्रा समूह के मुख्य अर्थशास्त्री सच्चिदानंद शुक्ला से बात की। जागरण न्यू मीडिया के मनीश मिश्रा से बातचीत के दौरान शुक्ला ने कहा, ”बिजनेस टुडे के पहले ग्राफिक्स में कुछ सुधार की जरूरत थी। एक दिन बाद के ग्राफिक्स में उन्होंने वे जरूरी सुधार कर दिए थे।”
शुक्ला ने कहा कि जीडीपी के आंकड़े सर्वे पर आधारित होते हैं और इन नंबरों में संशोधन होता है। उन्होंने कहा, ” आम तौर पर जीडीपी के आंकड़ों में तीन बार संशोधन होता है। बिजनेस टुडे ने संभवतः पहले अनुमान के आंकड़े ले लिए थे, लेकिन बाद में नए ग्राफिक्स में उसमें सुधार किया गया।”
विश्वास न्यूज ने बिजनेस टुडे के संपादक राजीव दूबे से भी संशोधित ग्राफिक्स को लेकर सम्पर्क किया। इस पर दूबे ने इस स्टोरी को लिखने वाले ऑथर को उनके द्वारा शेयर किए गए ट्वीट को चेक करने के लिए कहा। उन्होंने भी कहा कि कुछ सोशल मीडिया यूजर्स भी ‘एनुअलाइज्ड रेट’ को लेकर भ्रमित हो गए थे।
इस भ्रम को और स्पष्ट करने के लिए ‘बिजनेस टुडे’ ने एक ट्वीट में तीन अलग-अलग ग्राफिक्स पोस्ट किए। पहले ग्राफिक्स में सालाना आधार पर भारत, चीन और G7 देशों की विकास दर के बारे में बात की गई है। दूसरे ग्राफिक्स में ‘Annualised Numbers’ को दिखाया गया है। वहीं, तीसरे ग्राफिक्स में सभी नौ देशों के तिमाही आधार से जुड़े आंकड़े साझा किए गए हैं।
इस ट्वीट के जरिए ज्यादा जानकारी हासिल की जा सकती है| इस पोस्ट को फेसबुक पर ‘India First‘ नामक यूजर ने शेयर किया है। हमने जब इस प्रोफाइल को खंगाला तो पाया कि अब तक 2,719,873 लोगों ने इस पेज को फॉलो किया है।
निष्कर्ष: यूजर द्वारा साझा किए गए ग्राफिक्स में कहा गया है कि अप्रैल-जून तिमाही में सालाना आधार पर अमेरिकी की जीडीपी के आंकड़े भारत की तुलना में अधिक संकुचन को दिखाते हैं। यह सही नहीं है। अब तक उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक भारत की जीडीपी वृद्धि दर पहली तिमाही में (-) 23.9 फीसद पर रही। वहीं, इसी अवधि में अमेरिका की विकास दर (-) 9.1 फीसद पर रही। इसलिए वायरल ग्राफिक्स में किए गए दावे भ्रामक हैं।
इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में यहां पढ़ा जा सकता है।
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