Fact Check : इजरायल-हमास संघर्ष के बीच AI निर्मित तस्वीर वायरल

इजरायल और हमास के संघर्ष के बीच एक बच्‍चे की वायरल तस्‍वीर एआई टूल की मदद से बनाई गई है। लेकिन इसे असली तस्‍वीर समझकर यूजर्स वायरल कर रहे हैं।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। इजरायल और हमास के संघर्ष के बीच सोशल मीडिया पर कई प्रकार के झूठ भी वायरल हो रहे हैं। कभी वीडियो तो कभी तस्‍वीरों के जरिए झूठी और भ्रामक जानकारी फैलाने की कोशिश की जा रही है। अब एक तस्‍वीर को सच समझकर कुछ सोशल मीडिया यूजर्स वायरल कर रहे हैं। इसमें भीषण धमाकों के बीच एक छोटे-से बच्‍चे को देखा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने तस्वीर की जांच की तो पता चला कि ये एआई निर्मित हैं, असली नहीं। यूजर्स इन्हें असली समझकर शेयर कर रहे हैं। इस तस्वीर को एआई टूल की मदद से तैयार किया गया है।

क्‍या हो रहा है वायरल

एक्‍स हैंडल नैंसी अजरम ने 13 अक्‍टूबर को एक तस्‍वीर को पोस्‍ट करते हुए लिखा, “Heartbroken by the devastating impact of war on innocent lives, especially our children.Their voices should be filled with songs of joy, not cries of despair.
Please pray for this to END!”

https://twitter.com/NancyAjram/status/1712736006795898907

सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों ही लिखा गया है। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल तस्‍वीर की सच्‍चाई पता लगाने के लिए सबसे पहले गूगल लेंस टूल का इस्‍तेमाल किया। इसके जरिए सर्च करने पर असली तस्‍वीर जीडीएच नाम के एक एक्‍स हैंडल पर मिली। यह टर्कीश मीडिया संस्‍थान है। 11 अक्‍टूबर को इस तस्‍वीर के कैप्‍शन को अंग्रेजी में अनुवाद करने पर लिखा हुआ आया, “Picture of life in Gaza drawn by Artificial Intelligence.” मतलब साफ था कि यह तस्‍वीर एआई की मदद से बनाई गई है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए वायरल तस्‍वीर को एआई निर्मित तस्वीरों की जांच करने वाले टूल की मदद से चेक किया। पहली तस्वीर को जब हगिंग फेस की मदद से चेक किया तो यह 90 फीसदी आर्टिफिशियल निकली।

इस बारे में अधिक पुष्टि के लिए हमने एआई इमेजेज बनाने वाले भार्गव आर्ट्स के डायरेक्टर भार्गव वलेरा से संपर्क कर उनको वायरल तस्वीरें भेजीं। उन्‍होंने बताया कि वायरल तस्‍वीर एआई जेनरेटेड इमेज है। ये असली नहीं हैं। इसे एआई टूल्स की मदद से बनाया गया है।

पड़ताल के अंत में एआई की तस्‍वीर को वायरल करने वाली यूजर की जांच की गई। एक्‍स हैंडल नैंसी अजरम लेबनान की रहने वाली हैं। यह हैंडल जनवरी 2012 को बनाया गया था।

निष्कर्ष: इजरायल और हमास के संघर्ष के बीच एक बच्‍चे की वायरल तस्‍वीर एआई टूल की मदद से बनाई गई है। लेकिन इसे असली तस्‍वीर समझकर यूजर्स वायरल कर रहे हैं।

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