Fact Check : हरियाणा का एक साल पुराना वीडियो जातिगत एंगल के साथ वायरल

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। हरियाणा के करनाल का एक पुराने वीडियो को सोशल मीडिया में कुछ लोग गलत दावे के साथ वायरल कर रहे हैं। इस वीडियो में कुछ लोगों को एक युवक की पिटाई करते हुए देखा जा सकता है। यूजर्स का दावा है कि राजपूत समाज के लोगों ने दलित युवक की पीट-पीटकर हत्‍या कर डाली।

विश्‍वास न्‍यूज ने जब इस वीडियो की पड़ताल की तो पता चला कि वीडियो एक साल पुराना है। हरविंदर सिंह नाम के एक युवक की उसी के रिश्‍तेदार ने जमीन विवाद को लेकर गुंडों से पिटवाया था। मामले में एफआईआर दर्ज करके सभी आरोपियों को जेल भी भेजा गया था। घटना करनाल के नीलोखेड़ी के संडीर गांव की थी।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

फेसबुक यूजर महिमाराम भार्गव ने 2 दिसंबर को एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया : “#WATCH राजपूत समाज के कायरो ने एक बेकसूर दलित युवक को पीट पीटकर मार ङाला उसकी बेरहमी से हत्या कर दी, घटना की अभी तक FIR दर्ज नही हुई है पुलिस प्रशासन मामले की लीपा पोती मे लगी है। [घटना करनाल जिले में निसिंग के पास गोंदर गांव की है]”

अब तक इस पोस्‍ट को 480 लोगों ने शेयर कर चुके हैं। इस वीडियो को अब तक 5100 लोग देख चुके हैं।

पड़ताल

सोशल मीडिया में वायरल वीडियो को सबसे पहले हमने ध्‍यान से देखा। इसके बाद हमने InVID टूल की मदद से कई वीडियो ग्रैब निकाले और Yandex में सर्च करना शुरू किया। हमें हरियाणा के स्‍थानीय अखबार में एक खबर मिली। इसमें इस्‍तेमाल की गई तस्‍वीर में हमें वही लोग दिखे, जो वायरल वीडियो में मौजूद थे। अखबार की खबर के अनुसार, “करनाल। नीलोखेड़ी कस्बे के संडीर गांव में एक युवक को बेरहमी से पीटने का वीडियो वायरल हुआ है। आरोपी कोई और नहीं बल्कि पीड़ित के परिवार का ही सदस्य उसका ताऊ है।”

खबर में हमें पीडि़त हरविंदर का बयान भी मिला। इसमें हरविंदर ने अपने ताऊ पर हमले का आरोप लगाया था।

हमने जब वायरल वीडियो को Youtube पर सर्च किया तो हमें Daily Post Punjabi के चैनल पर एक वीडियो मिला। यह वही वीडियो था, जो अभी गलत दावे के साथ वायरल हो रहा है। डेली पोस्‍ट पंजाबी के चैनल के वीडियो में लिखा था कि ਜ਼ਮੀਨ ਕਾਰਨ ਜਾਨਵਰਾਂ ਵਾਂਗ ਕੁੱਟਿਆ ਗਿਆ ਨੌਜਵਾਨ,ਵੀਡੀਓ ਹੋ ਰਹੀ ਸੋਸ਼ਲ ਮੀਡਿਆ ਤੇ ਵਾਇਰਲ। इसे जब हमने गूगल ट्रांसलेशन में अनुवाद किया तो इसमें कहा गया कि एक युवक को जानवरों की तरह पीटने का वीडियो सोशल मीडिया में हुआ वायरल। यह वीडियो एक साल पहले अपलोड किया गया था।

खबर की तह में जाने के लिए हमें संबंधित थाने में बात करनी थी। हमें पता चला कि घटना बुटाना पुलिस स्‍टेशन के अंतर्गत हुई थी। इसलिए हमने पड़ताल के अगले चरण में बुटाना थाने के एसएचओ संदीप सिंह से बात की। उन्‍होंने बताया बताय कि जिस वीडियो को अभी वायरल किया जा रहा है, दरअसल वह एक साल पहले हुई थी। इसमें युवक हरविंदर सिंह की पिटाई करने वाले उसके ही रिश्‍तेदार थे। जमीनी विवाद के कारण हरविंदर के ताऊ दरविंदर सिंह ने गुंडों से साथ मिलकर उसको पीटा था। घटना के बाद सभी आरोपियों को पकड़कर जेल भेजा जा चुका था। उसी घटना के वीडियो को अब कुछ लोग वायरल कर रहे हैं।

अंत में हमने एक साल पुराने वीडियो को गलत संदर्भ के साथ वायरल करने वाले महिमाराम भार्गव की सोशल स्‍कैनिंग की। हमें पता चला कि यूजर मध्‍य प्रदेश के खरगोन का रहने वाला है।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। वायरल वीडियो एक साल पुराना है। उस वक्‍त करनाल में जमीनी विवाद में युवक के ताऊ ने गुंडों की मदद से एक युवक की बुरी तरह पिटा था। पीडि़त और दोषी एक ही जाति के थे। अब उस पुराने वीडियो को राजपूत-दलित नाम पर वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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