अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस की तरफ से भारत की दावेदारी का समर्थन किया जाना इस लिहाज से अहम है क्योंकि ये संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में शामिल हैं और जिनके पास वीटो का अधिकार है, जिन्हें सामूहिक तौर पर ‘P5’ यानी (परमानेंट मेंबर्स) के नाम से जाना जाता है. और इस P5 में चीन इकलौता ऐसा सदस्य है, जिसने UNSC में भारत की दावेदारी का कभी समर्थन नहीं किया है.
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