Explainer: स्थिर रेवेन्यू, लेकिन बढ़ते कर्ज और खर्च के कारण वित्तीय संकट की चपेट में आया हिमाचल प्रदेश!

हिमाचल प्रदेश की गंभीर वित्तीय स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने कर्मचारियों के वेतन और पेंशन की तारीख में बदलाव किए जाने की घोषणा की। यह उन कई फैसलों में से एक था, जिसकी घोषणा राज्य सरकार ने अपनी आर्थिक व माली हालत को सुधारने की दिशा में की है। गौरतलब है कि राज्य का कुल कर्ज 2018 में करीब 48 हजार करोड़ रुपये था, जो 2020-21 में बढ़कर 60,003 करोड़ रुपये, 2021-22 में 63,736 करोड़ रुपये और 2022-23 में बढ़कर 76,651 करोड़ रुपये हो गया। बजट 2024-25 के मुताबिक, 2023-24 के संसोधित अनुमान के मुताबिक राज्य का कुल कर्ज 87,788 करोड़ रुपये रहा, जिसके 2024-25 में बढ़कर 96,568 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।

हिमाचल प्रदेश की गंभीर वित्तीय स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने कर्मचारियों के वेतन और पेंशन की तारीख में बदलाव किए जाने की घोषणा की। यह उन कई फैसलों में से एक था, जिसकी घोषणा राज्य सरकार ने अपनी आर्थिक व माली हालत को सुधारने की दिशा में की है। गौरतलब है कि राज्य का कुल कर्ज 2018 में करीब 48 हजार करोड़ रुपये था, जो 2020-21 में बढ़कर 60,003 करोड़ रुपये, 2021-22 में 63,736 करोड़ रुपये और 2022-23 में बढ़कर 76,651 करोड़ रुपये हो गया। बजट 2024-25 के मुताबिक, 2023-24 के संसोधित अनुमान के मुताबिक राज्य का कुल कर्ज 87,788 करोड़ रुपये रहा, जिसके 2024-25 में बढ़कर 96,568 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।

पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट