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स्रोत

विश्वास न्यूज भारत का अग्रणी डिजिटल फैक्ट-चेकिंग प्लेटफॉर्म है। हम अपने स्रोतों को अत्यधिक सावधानी और जांच के साथ चुनते हैं, क्योंकि उनकी प्रामाणिकता हमारी विश्वसनीयता के प्रमुख निर्धारकों में से एक है। विश्‍वास न्‍यूज की फैक्‍ट चेकिंग प्रक्रिया का पहला चरण सूचना या समाचार के स्रोत की पुष्टि करना है। एक बार जब क्‍लेम स्थापित हो जाता है, तब उसकी पुष्टि या सत्यापित करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कदम विश्वसनीय सबूत ढूंढना होता है। हमारी फैक्‍ट चेक रिपोर्ट कई अलग-अलग स्रोतों पर आधारित होती है। यदि क्‍लेम का सत्यापन संभव नहीं होता है तो हम फैक्‍ट चेकिंग नहीं करते हैं। इसे छोड़ देते हैं। समाचार या क्‍लेम के स्रोत एक या कई माध्यम हो सकते हैं, जैसे अखबार की खबरें, न्‍यूज वेबसाइट, यूटब पर वीडियो, ट्वीट, फेसबुक पेज और मास कम्‍युनिकेशन के दूसरे प्लेटफॉर्म। ऑनलाइन के इस माहौल में कोई व्‍यक्ति या संस्‍था दूसरों की रिपोर्टिंग को अपना बताकर गलत तरीके से प्रस्तुत कर सकते हैं। इसलिए, यह सुनिश्चित करना हमारा उत्तरदायित्व है कि हम जो जानकारी प्रदान करते हैं, वह सत्यापित और प्रामाणिक हो। अपनी वेबसाइट पर जो भी रिपोर्ट प्रकाशित करते हैं, उसमें इस्‍तेमाल की गई सूचनाओं के स्रोत, जैसे एएनआई, पीटीआई और आईएएनएस या ऐसे अन्य मीडिया संस्‍था को उचित श्रेय (क्रेडिट) देते हैं। तस्‍वीरों के स्रोतों को भी उचित रूप से क्रेडिट दिया जाता है। उदाहरण के लिए, गेटटी इमेजेज, इमेज बाजार, या हमारे रिकॉर्ड से मौजूद फाइल फोटो। फैक्‍ट चेक खबरों में इस्‍तेमाल किए गए स्रोत को हाइपरलिंक किया जाता है। हमारी फैक्‍ट चेकिंग प्रक्रिया को सपोर्ट करने के लिए सभी फैक्‍ट चेक रिपोर्ट में स्‍क्रीनशॉट और यूआरएल को एम्‍बेड और हाइपरलिंक किया जाता है। इससे पाठकों को स्वतंत्र रूप से हमारे निष्कर्षों को खुद ही सत्यापित करना संभव हो जाता है। विश्वास न्यूज केवल टेक्‍नोलॉजी पर ही भरोसा नहीं करता है, बल्कि हम पत्रकारिता के बुनियादी उसूल और सिदांतों को अपनाते हुए पारंपरिक पत्रकारिता की तकनीकों का भी इस्तेमाल करते हैं। इसके लिए हम अपनी रिपोर्ट में मौजूद जानकारी को प्राथमिक स्रोतों और विशेषज्ञों से सत्यापित करते हैं। इसके लिए विश्‍वास न्‍यूज सीधे उन एक्‍सपर्ट से बात करके उनके वर्जन का इस्‍तेमाल करता है, जो उस विषय के जानकार हों, ताकि पाठक को उस विषय और फैक्‍ट के बारे में और गहराई से जानकारी मिल सके। हम बाकायदा एक्‍सपर्ट के नाम और पद का उल्‍लेख खबर में करते हैं, ताकि पारदर्शिता और अकाउंटबिलिटी बनी रहे।

सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफार्म से विश्‍वास न्‍यूज को फैक्‍ट चेक के लिए जनवरी 2021 (शायद 22 होना चाहिए। इसे चेक कर लें।) से 1960 क्‍लेम मिले। इसमें से 147 क्‍लेम ऐसे थे, जिनका फैक्‍ट चेक संभव था।

  • विभिन्‍न प्‍लेटफार्म से प्राप्‍त क्‍लेम्‍स
    • Vishvas WhatsApp no.: 60 (Doable: 16)
    • Vishvas Tipline Received (Jan 23 to Dec 23): 2298
    • Report Published: 2410
    • Total Subscriber: 2300
    • Email: 23 (Doable: 5)
Dec-2Vishvas email
FACT CHECK: Post Asking People To Switch Off Phone Due To Cosmic Rays Is Fake
https://www.vishvasnews.com/english/society/fact-check-post-asking-people-to-switch-off-phone-due-to-cosmic-rays-is-fake/
Nov-12Vishvas emailFact Check : ईद के मौके पर मजार पर चादर चढ़ाने नहीं पहुंचे पीएम मोदी, वायरल वीडियो 5 साल पुरानाhttps://www.vishvasnews.com/viral/fact-check-pm-modi-did-not-come-to-offer-chadar-on-the-occasion-of-eid-viral-video-5-years-old/
Nov-6Vishvas emailFact Check : कर्नाटक के पुराने वीडियो के साथ छेड़छाड़ करके फिर से उज्जैन के नाम पर किया गया वायरलhttps://www.vishvasnews.com/politics/old-video-of-karnataka-tampered-with-and-again-made-viral-in-the-name-of-ujjain-during-mp-assembly-elections-2023/
Oct-31Vishvas emailFact Check : नटराज पेंसिल के नाम पर वायरल हो रहा है जॉब का फर्जी विज्ञापन, अलर्ट रहेंhttps://www.vishvasnews.com/scam/fact-check-fake-job-advertisement-is-going-viral-in-the-name-of-nataraj-pensilk-be-alert/
May-13Vishvas emailFact Check : नटराज पेंसिल के नाम पर वायरल हो रहा है जॉब का फर्जी विज्ञापन, अलर्ट रहेंhttps://www.vishvasnews.com/scam/fact-check-fake-job-advertisement-is-going-viral-in-the-name-of-nataraj-pensilk-be-alert/

विश्वास न्यूज को अपने वॉट्सऐप नंबर पर फैक्‍ट चेक के लिए करीब सौ क्‍लेम्‍स मिले। इसमें से 25% की जांच ही संभव थी। इसमें से 18% क्‍लेम तो ऐसे थे, जिसकी जांच विश्‍वास न्‍यूज की टीम ने पहले ही कर ली थी।

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