Quick Fact Check: हाथी ने नहीं उठाया था शेर का बच्चा, वायरल यह तस्वीर अप्रैल फूल का मजाक था

विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल हो रही तस्वीर फर्जी है और 1 अप्रैल 2018 को यह अप्रैल फूल मज़ाक के तौर पर शेयर की गई थी।

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर फिर से एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें एक हाथी की सूंड पर शेर के बच्चे को बैठा देखा जा सकता है। इसके साथ ही एक शेरनी भी चलती नज़र आ रही है। इस तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि अफ्रीका के जंगल में ज्यादा गर्मी होने के कारण हाथी ने शेरनी के बच्चे को अपनी सूंड पर बिठाया और उसे पानी के कुंड के पास ले गया।

विश्वास न्यूज़ पहले भी इस तस्वीर की पड़ताल कर चूका है। असल में यह तस्वीर एडिटेड है। यह तस्वीर अप्रैल फूल के मज़ाक के तौर पर 1 अप्रैल 2018 को शेयर की गई थी।

क्या हो रहा है वायरल?

Khidmat E Aawaam Yuva Samiti नाम के फेसबुक पेज ने इस तस्वीर को अपलोड करते हुए लिखा: “एक शेरनी अपने बच्चे को ले जा रही थी और एक वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर अच्छी तस्वीर के चक्कर में उनका पीछा कर रहा था। कड़ी धूप में चलते-चलते शेरनी थक रही थी। अचानक एक हाथी नज़र आया। मामला भांप कर उसने शेरनी की मदद करनी चाही। हाथी ने जैसे ही अपनी सूंड़ नीचे झुका कर पालना सा बनाया, शेरनी का बच्चा लपक कर उस पर जा बैठा। तीनों आराम से आगे बढ़ चले। (यह दक्षिणअफ्रीका के क्रूगर नेशनल पार्क की घटना है) मूक पशु अक्सर मनुष्य को जीवन का एक #बड़ा_संदेश दे जाते हैं।

वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड लिंक।

पड़ताल

रिवर्स इमेज करने पर हमें 3 अप्रैल 2018 को प्रकाशित की गई Business Insider South Africa की एक खबर मिली जिसकी हेडलाइन थी, “SA’s biggest ever April Fool’s joke reached 20 million people worldwide.” हेडलाइन का हिंदी अनुवाद होता है, “साउथ अफ्रीका का सबसे बड़ा अप्रैल फूल मज़ाक 20 मिलियन से ज़्यादा लोगों तक पहुंचा।”

इस खबर के अनुसार “Kruger Sightings” नाम के ट्विटर हैंडल से 1 अप्रैल 2018 को यह तस्वीर अप्रैल फूल के मज़ाक के तौर पर शेयर की गई थी पर लोगों ने इसे असली समझ शेयर करना शुरू कर दिया था। यह तस्वीर 20 मिलियन से भी ज़्यादा लोगों ने शेयर की थी।

सर्च करने पर हमें “Kruger Sightings” के संस्थापक “Nadav Ossendryver” द्वारा 2 अप्रैल 2018 को इस तस्वीर को लेकर किया गया एक ट्वीट मिला, जिसमें उन्होंने बताया था कि यह वायरल तस्वीरें उन्होंने ही शेयर की थी और यह सिर्फ एक अप्रैल फूल मज़ाक था।

हमने आधिकारिक पुष्टि के लिए “Nadav Ossendryver” से ट्विटर के जरिए संपर्क किया था। नडाव ने ट्विटर के जवाब में विश्वास टीम को बताया “यह तस्वीर एडिटेड है और मैंने ही शेयर की थी।”

इस तस्वीर को Khidmat E Aawaam Yuva Samiti नाम के फेसबुक पेज द्वारा शेयर किया गया है। इस पेज को 9,402 लोग फॉलो करते हैं।

पूरी पड़ताल यहां पढ़ी जा सकती है।

निष्कर्ष: विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल हो रही तस्वीर फर्जी है और 1 अप्रैल 2018 को यह अप्रैल फूल मज़ाक के तौर पर शेयर की गई थी।

False
Symbols that define nature of fake news
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