Quick Fact Check : चीतों के साथ सोते दिख रहे शख्‍स का वीडियो राजस्‍थान का नहीं, दक्षिण अफ्रीका का है

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में राजस्‍थान के मंदिर के नाम पर वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। दक्षिण अफ्रीका के एक पुराने वीडियो को कुछ लोग राजस्‍थान का बताकर वायरल कर रहे हैं।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया में एक बार फिर से चीतों के साथ एक शख्‍स के सोने का वीडियो वायरल हो रहा है। एक बार पहले भी यह वीडियो राजस्‍थान के एक मंदिर के नाम से वायरल हो चुका है। वीडियो में एक शख्‍स को चीतों के साथ सोते हुए देखा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने जब इस वीडियो की पड़ताल की तो हमें पता चला कि दक्षिण अफ्रीका के एक वीडियो को राजस्‍थान के सिरोही के मंदिर के नाम पर वायरल किया गया। इस वीडियो का राजस्‍थान से कोई संबंध नहीं है। जांच में पोस्‍ट झूठी निकली।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सऐप पर इंसान का चीतों के साथ सोने का वीडियो खूब वायरल हो रहा है। फेसबुक यूजर राजन पटवर्धन नाम के एक यूजर इसे राजस्‍थान का बताकर वायरल कर रहे हैं। 13 जनवरी को वीडियो पोस्‍ट करते हुए राजन ने लिखा कि वीडियो राजस्‍थान के पिंपलेश्‍वर मंदिर का है। यहां चीते का परिवार पुजारी के पास हर रात सोने के लिए आता है।

फेसबुक पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने अगस्‍त 2020 को भी इसी वीडियो की जांच की थी। उस वक्‍त भी यह वीडियो राजस्‍थान के नाम से वायरल हो रहा था। इनविड और गूगल रिवर्स इमेज टूल की मदद से हम ओरिजनल वीडियो तक पहुंचे।

यूट्यूब चैनल पर मौजूद ओरिजनल वीडियो में दिख रहे शख्‍स का नाम डॉल्‍फ सी वोल्‍कर है। ये वीडियो डॉल्फ सी वोल्कर ने अपने यूट्यूब चैनल पर 21 जनवरी 2019 को अपलोड किया। पूरा वीडियो देखने से हमें पता चला कि यह वीडियो दक्षिण अफ्रीका में स्थित एक चीता ब्रीडिंग सेंटर का है। डॉल्‍फ सी वोल्‍कर ने स्‍पेशल परमिशन लेकर चीतों के साथ रात गुजारी थी। यह वीडियो आप नीचे देख सकते हैं।

यह साफ था कि वीडियो का राजस्‍थान से कोई संबंध नहीं है। कुछ यूजर जाने-अनजाने में इस वीडियो को राजस्‍थान के शिव मंदिर से जोड़कर वायरल कर रहे हैं। पड़ताल को विस्‍तार से यहां पढ़ें।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने उस यूजर की जांच की, जिसने वीडियो को फर्जी दावे के साथ वायरल किया। हमें पता चला कि फेसबुक यूजर राजन पटवर्धन महाराष्‍ट्र के पुणे के रहने वाले हैं। इन्‍होंने यह अकाउंट नवंबर 2009 में बनाया।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में राजस्‍थान के मंदिर के नाम पर वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। दक्षिण अफ्रीका के एक पुराने वीडियो को कुछ लोग राजस्‍थान का बताकर वायरल कर रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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