Quick Fact Check : अमृतसर के स्वर्ण मंदिर की एडिटेड तस्‍वीर फिर वायरल

गोल्‍डन टेंपल के नाम से वायरल पोस्‍ट फेक साबित हुई। दो तस्‍वीरों को जोड़कर इसे बनाया गया है। यूजर्स इस तस्‍वीर को सच समझकर वायरल कर रहे हैं।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया में पिछले कुछ सालों से दिवाली के मौके पर अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के नाम से एक एडिटेड तस्‍वीर काफी वायरल होती रहती है। इस तस्‍वीर में स्वर्ण मंदिर के ऊपर आसमान में अनगिनत लालटेन को उड़ते हुए देखा जा सकता है, जबकि सरोवर के आसपास हजारों लोगों को बैठे हुए देखा जा सकता है। यूजर्स इस तस्‍वीर को वायरल करते हुए दावा कर रहे हैं कि यह नजारा दिवाली और बंदी छोड़ दिवस के मौके पर श्री दरबार सहिब में देखने को मिला।

विश्‍वास न्‍यूज ने पहले भी एक बार ऐसी ही एक तस्‍वीर की पड़ताल की थी। दरअसल दो अलग-अलग तस्‍वीरों को जोड़कर एक तस्‍वीर बनाई गई है। इसलिए हमारी जांच में वायरल पोस्‍ट फेक साबित हुई। पिछली पड़ताल को आप यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं।

क्‍या हो रहा है वायरल

Sikh Sangat Uttrakhand नाम के एक फेसबुक पेज ने 14 नवंबर को एक तस्‍वीर को अपलोड करते हुए दावा किया : ‘दीपावली व बंदी छोड़ दिवस के अवसर पर श्री दरबार साहिब जी श्री अमृतसर साहिब का विहंगम व मनमोहक दृष्य’

फेसबुक पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां क्लिक करके देख सकते हैं।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल हो रही तस्‍वीर को गूगल रिवर्स इमेज में अपलोड करके सर्च किया। हमें सबसे पुरानी ओरिजनल तस्‍वीर अपनीट्राईसिर्टी डॉट कॉम नाम की एक वेबसाइट पर मिली। 13 सितंबर 2016 को इस तस्‍वीर को अपलोड किया गया था। इस तस्‍वीर में कहीं भी आसामान में हमें लालटेन नहीं दिखीं।

सर्च के दौरान हमें वायरल फोटो नवकरण बरार नाम के एक ट्विटर हैंडल पर भी मिली। इसमें कॉपीराइट का दावा करते हुए लिखा गया कि यह पिकार्ट उन्‍होंने बनाया है। इसे 20 अक्‍टूबर 2017 को अपलोड किया गया है।

https://twitter.com/BrarNavkaran/status/921357019046539265

इस पोस्‍ट के नीचे कमेंट में नवकरण बरार को यह बताते हुए देखा जा सकता है कि यह एडिटिंग का कमाल है, ना कि रियल।

विश्‍वास न्‍यूज ने जब वायरल तस्‍वीर को लेकर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रवक्ता कुलविंदर सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि यह एडिटेड तस्‍वीर है। श्री हरमंदिर साहिब की तस्‍वीर को एडिट करके ऊपर से लालटेनें चिपकाई गई हैं। अक्सर कई अवसरों पर लोग श्रद्धा अनुसार, घी के दीए जलाते हैं, पर कागज़ की लालटेनों का चलन अभी तक यहां नहीं है।

पड़ताल को विस्‍तार से आप यहां पढ़ सकते हैं।

अंत में हमने फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की। सोशल स्‍कैनिंग में हमें पता चला कि सिख संगत उत्तराखंड के नाम से बने फेसबुक पेज को एक लाख से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। इसमें यूपी और उत्तराखंड से जुड़ी खबरों को पोस्‍ट किया जाता है।

निष्कर्ष: गोल्‍डन टेंपल के नाम से वायरल पोस्‍ट फेक साबित हुई। दो तस्‍वीरों को जोड़कर इसे बनाया गया है। यूजर्स इस तस्‍वीर को सच समझकर वायरल कर रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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