विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। दावा फर्जी साबित हुआ। दरअसल वायरल वीडियो आगरा का है। एक साल पहले यहां के एक रेस्टोरेंट के बेसमेंट में बने केबिन्स में कुछ युवक-युवतियों को आपत्तिजनक अवस्था में पकड़ा गया था।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। एक धर्म विशेष के खिलाफ नफरत फैलाने के लिए एक वीडियो को फर्जी और सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। इस वीडियो में पुलिस को छापेमारी करके कुछ युवक-युवतियों को पकड़ते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि एक कपल पुलिसकर्मियों के आगे हाथ जोड़ रहा है। गिड़गिड़ा रहा है। युवती के कपड़े अस्त-व्यस्त थे। लेकिन पुलिस वाले वीडियो बनाने में व्यस्त दिखे। इस वीडियो को मध्य प्रदेश और दिल्ली के नाम से वायरल किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि हुक्का बार की रेड में 15 मुस्लिम लड़के पकड़ाए। 15 हिंदू लड़कियां भी इस छापेमारी में पकड़ी गईं। वायरल पोस्ट को सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। दावा फर्जी साबित हुआ। दरअसल वायरल वीडियो आगरा का है। एक साल पहले यहां के एक रेस्टोरेंट के बेसमेंट में बने केबिन्स में कुछ युवक-युवतियों को आपत्तिजनक अवस्था में पकड़ा गया था। इसमें कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं था। अब उसी वीडियो को एक बार फिर से फर्जी दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। यह वीडियो एक बार पहले भी वायरल हुआ था। उस वक्त की पड़ताल को यहां पढ़ा जा सकता है।
फेसबुक पेज जय श्री राम पर 10 सितंबर को एक वीडियो पोस्ट किया गया। इसके साथ दावा किया गया, ”मध्यप्रदेश के हुक्का बार में कल पड़ी रेड में कुल 30 पकड़ाए। 15 लड़के 15 लड़किया। लड़कियां अच्छे खासे ऊंचे घरों की थीं। खास बात इसमें ये कि सभी 15 लड़के मुस्लिम थे, और सभी लड़कियां हिंदू घरों से थीं। एक भी मुस्लिम लड़की नहीं थी। यदि किसी को इसपर विचार करना हो तो बैलेंसड दिमाग से विचार करे… वरना जो हो रहा है वो तो हो ही रहा है फिर हमें दूसरों पर उंगली उठाने के पहले अपना घर देख लेना चाहिए। कैसे मुंह छुपा रही है माता पिता के संस्कार साफ दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो को इतना शेयर करो कि लड़कियों के बाप तक पहुंच जाए उन्हें पता लगे कि हमारी रानियां क्या गुल खिला रही हैं।”
विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो के साथ किए गए दावे को हूबहू लिखा है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं।
युवक-युवतियों की निजता का सम्मान करते हुए वायरल पोस्ट के लिंक का इस्तेमाल नहीं किया गया है।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए सबसे पहले वायरल वीडियो के कई कीफ्रेम्स निकाले। फिर इन्हें गूगल लेंस की मदद से सर्च करना शुरू किया। भास्कर डॉट कॉम पर एक साल पहले प्रकाशित एक खबर में वायरल वीडियो के कई ग्रैब्स मिले। भास्कर डॉट कॉम की इस खबर में बताया गया कि 27 जुलाई 2022 में आगरा के संजय प्लेस शू मार्केट में कैफे हाउस नाम से एक रेस्टोरेंट के बेसमेंट में बने केबिन में छापेमारी में जब केबिन के परदे हटाए तो वहां युवक-युवती आपत्तिजनक हालत में मिले। साथ ही वहां काफी मात्रा में अश्लील सामग्री भी मिली थी। हरीपर्वत के हेड कांस्टेबल रंजीत, कांस्टेबल सौरभ कुमार और पीआरवी पर तैनात कांस्टेबल ज्ञानेंद्र सिंह ने छापा मारा। दो पुलिसकर्मी आगे और एक पुलिसकर्मी मोबाइल से वीडियो बनाते हुए पीछे चल रहा था। बाद में इस वीडियो को वायरल कर दिया गया। जिसके बाद आगरा के एसएसपी ने तीनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था। पूरी खबर यहां पढ़ी जा सकती है।
विश्वास न्यूज ने भास्कर डॉट कॉम की खबर में इस्तेमाल किए गए ग्रैब और वायरल वीडियो के ग्रैब की तुलना की। नीचे कोलाज में साफ देखा जा सकता है कि दोनों ग्रैब एक ही वीडियो के हैं।
सर्च के दौरान यूपी 18 न्यूज डॉट कॉम पर भी एक खबर मिली। इसमें भी वायरल वीडियो के ग्रैब्स का इस्तेमाल किया गया था। 11 अगस्त 2022 को पब्लिश इस खबर में बताया गया कि घटना आगरा के संजय प्लेस के एक कैफे हाउस की है।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल के अगले चरण में आगरा से प्रकाशित दैनिक जागरण अखबार के ईपेपर को स्कैन करना शुरू किया। 11 अगस्त 2022 को प्रकाशित एक खबर में छापेमारी के बारे में विस्तार से बताया गया। इसमें बताया गया कि युवक, युवतियों का आपत्तिजनक वीडियो वायरल होने के कारण पुलिस कठघरे में आ गई।
विश्वास न्यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण, आगरा के पत्रकार प्रतीक गुप्ता से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि वायरल वीडियो आगरा का है। एक साल पहले यहां एक कैफे में पुलिस ने छापेमारी की थी। उस वक्त वीडियो वायरल होने पर तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड भी कर दिया गया था। इस वीडियो में हिंदू-मुस्लिम जैसा कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं था।
अब बारी थी फर्जी पोस्ट करने वाले यूजर की जांच करने की। फेसबुक पेज जय श्री राम के अनुसार, यूजर अयोध्या में रहता है। इस पेज को छह हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। यूपी के आगरा में एक साल पहले पड़ी रेड के वीडियो को अब फिर से कुछ लोग मध्य प्रदेश और दिल्ली का बताकर सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल कर रहे हैं।
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