विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई
नई दिल्ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर जैन मुनि की एक तस्वीर वायरल हो रही है। इस तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि कर्नाटक में जैन मुनि की मुसलमानों ने पिटाई कर दी।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। यह फर्जी साबित हुई। दरअसल, यह तस्वीर 2018 की है। उस वक्त जैन मुनि मयंक सागर का एक एक्सीडेंट हो गया था। इसमें वे घायल हो गए थे। वायरल तस्वीर उसी दौरान की है। इस तस्वीर को अक्सर झूठे सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल किया जाता रहा है।
फेसबुक यूजर Dhanender Jain ने 23 जून को एक पोस्ट किया। इसमें एक संत की तस्वीर से साथ लिखा गया, “कर्नाटक में जैन मुनि को मुसलमानों ने मारा। कहा कांग्रेस जिन्दाबाद के लगाये नारे अब कांग्रेस अपने असली रूप में आ गई कांग्रेस को वोट देने वाले हिन्दुओं इसी तरह का प्यार तुम्हें कांग्रेस देती रहेगी। इस फोटो को ईतना भेजो की कल तक नरेंद्र मोदी जी और योगी जी के पास पहुंच जाए। आज मौका मिला है कुछ पुण्य का काम करने का। कोई मुसलमान ही होगा जो इस वीडियो को शेयर नहीं करेगा आप सभी को भगवान की कसम।”
वायरल पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों ही लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी शेयर कर रहे हैं। पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए सबसे पहले गूगल लेंस टूल का इस्तेमाल किया। हमें न्यूज 18 डॉट कॉम पर एक खबर मिली। इसमें वायरल तस्वीर का भी इस्तेमाल किया गया था। खबर में बताया गया कि पोस्टकार्ड न्यूज के संपादक महेश विक्रम हेगड़े को जैन मुनि से जुड़ी फेक न्यूज फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। यह खबर 29 मार्च 2018 को पब्लिश की गई।
सर्च के दौरान हमें 13 मार्च 2018 का एक स्क्रीनशॉट मिला। अहिंसा क्रांति नाम की वेबसाइट के इस स्क्रीनशॉट में बताया गया कि मयंक सागर जी का बाइक से एक्सीडेंट हो गया। इनके कंधे पर चोट आई।
विश्वास न्यूज एक बार पहले भी वायरल पोस्ट की सच्चाई अपने पाठकों को बता चुका है। उस वक्त हमने जैन मुनि मयंक सागर जी के साथ रहने वाले संघस्थ बा. ब्र. नितिन भैय्याजी से संपर्क किया था। उन्होंने घटना को विस्तार से बताते हुए कहा कि 11 मार्च 2018 को कनकगिरि जैन तीर्थ, कर्नाटक जाने के दौरान एक टू व्हीलर चालक ने उन्हें गलत दिशा में आकर टक्कर मार दी थी। उन्होंने कहा कि ये घटना शाम करीब साढ़े सात बजे की थी। उस समय अंधेरा था और उस चालक ने नशा भी किया था। इस दौरान जैन मुनि को चोटें भी आई थीं। ये फोटो उसी समय ली गई थी।
पिछली पड़ताल को विस्तार से यहां पढ़ा जा सकता है।
पड़ताल के अंत में फेसबुक यूजर Dhanender Jain के अकाउंट की जांच की। पता चला कि यूजर के फेसबुक पर नौ सौ से ज्यादा फ्रेंड हैं। इससे अधिक जानकारी इस अकाउंट पर नहीं मिली।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। जैन मुनि मयंक सागर के एक्सीडेंट की तस्वीर को कुछ लोग झूठे सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल करके समाज में माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।
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