विश्वास न्यूज की जांच में पता चला कि मेदांता अस्पताल के नाम पर वायरल वीडियो फेक है। वीडियो में दिख रहीं महिला एक टीचर हैं। उनका मेदांता या किसी भी अस्पताल से कोई संबंध नहीं है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक महिला के वीडियो को कुछ लोग फर्जी दावों के साथ वायरल कर रहे हैं। यूजर्स दावा कर रहे हैं कि वीडियो में दिख रहीं महिला मेदांता अस्पताल की सीनियर डॉक्टर हैं। जो कोरोना का इलाज कर रही हैं।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि वीडियो में मौजूद महिला का मेदांता अस्पताल से कोई संबंध नहीं है।
फेसबुक यूजर वरुण राज खुराना ने 11 जून को एक वीडियो अपलोड करते हुए लिखा : ‘दोस्तो, यह Ma’am बहुत सीनियर Doctor है, “मेदांता हॉस्पिटल ” की, कोरोना बीमारी का ही ईलाज कर रही है, ध्यान से सुनो। आगे फॉरवर्ड भी करो।’
इस वीडियो को अब तक दो हजार से ज्यादा लोग शेयर कर चुके हैं, जबकि 77 हजार लोग इसे देख चुके हैं। यह वीडियो लगातार दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी फारवर्ड हो रहा है।
वायरल पोस्ट में चूंकि मेदांता अस्पताल का जिक्र था। इसलिए हमने सबसे पहले मेदांता के सोशल मीडिया अकाउंट को खंगालना शुरू किया। अस्पताल के फेसबुक पेज पर हमें 12 जून की एक पोस्ट मिली। इस पोस्ट में बताया गया कि मेदांता के डॉक्टर के दावे के साथ जो वीडियो वायरल हो रहा है, वह गलत है। वीडियो का मेदांता या इसके किसी भी डॉक्टर से कोई संबंध नहीं है। पूरी पोस्ट को आप नीचे देख सकते हैं।
विश्वास न्यूज ने फेसबुक के जरिए मेदांता से संपर्क किया। उन्होंने हमें जानकारी दी कि वायरल वीडियो का मेदांता से कोई संबंध नहीं है। मेदांता ने विश्वास न्यूज के साथ अपनी सफाई भी शेयर की।
पड़ताल के दौरान हमें वायरल वीडियो का ओरिजनल सोर्स मिला। यह वीडियो अंजू कौर नाम की एक यूजर का था। इसे अंजू ने 8 जून को फेसबुक पर अपलोड किया था। इसमें उन्होंने कोरोना वायरस से बचने के उपाय बताए थे। इस वीडियो में उन्होंने गर्म पानी, नींबू, गर्म खाना, तुलसी, लौंग जैसी चीजों का सेवन की सलाह दी थी। इसी वीडियो को कुछ लोगों ने मेदांता अस्पताल की डॉक्टर के नाम पर वायरल कर दिया।
WHO , COVID-19 की रोकथाम या इलाज दवाओं के साथ किसी सेल्फ-मेडिकेशन की सिफारिश नहीं करता है, जिसमें एंटीबायोटिक दवा भी शामिल हैं। हालांकि, पश्चिमी और पारंपरिक दोनों तरह की दवाओं के लिए कई क्लीनिकल ट्रायल्स चल रहे हैं।
आयुष मंत्रालय के अनुसार, हर्बल चाय या तुलसी (तुलसी), दालचीनी (दालचीनी), कालीमिर्च (काली मिर्च), शुंठी (सूखी अदरक) और मुनक्का (किशमिश) से बना काढ़ा दिन में एक या दो बार पीने से इम्यूनिटी बढ़ती है जो सेल्फ केयर के लिए अच्छा है। हालांकि, मंत्रालय इस तरह से COVID-19 के इलाज का दावा नहीं करता है।
अंजू कौर के फेसबुक अकाउंट की स्कैनिंग में हमें एक और वीडियो मिला। इसमें अंजू कौर ने 10 जून को एक वीडियो जारी करके सफाई दी। वीडियो में उन्होंने बताया कि वे किसी अस्पताल में डॉक्टर नहीं है। वे एक टीचर हैं। अंजू दिल्ली की रहने वाली हैं।
पड़ताल के अंत में हमने अंजू कौर के वीडियो को फर्जी दावे के साथ वायरल करने वाले फेसबुक यूजर के अकाउंट की जांच की। हमें पता चला कि यूजर वरुण राज खुराना हरियाणा के सिरसा का रहने वाला है। फिलहाल वह दिल्ली में रहता है। इसके अकाउंट को 953 लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की जांच में पता चला कि मेदांता अस्पताल के नाम पर वायरल वीडियो फेक है। वीडियो में दिख रहीं महिला एक टीचर हैं। उनका मेदांता या किसी भी अस्पताल से कोई संबंध नहीं है।
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