Fact Check : वीडियो में दिख रहीं महिलाएं शाहीन बाग के आंदोलन के खिलाफ नहीं, शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए जुटी थीं

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि ‘शाहीन बाग और घंटाघर की मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ खड़ी हुई कट्टर हिंदू राजपूताना महिलाएं’ का दावा झूठा है। वायरल वीडियो अगस्‍त 2019 में गुजरात में हुए तलवार रास गरबा का है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। देशभर में सीएए और एनआरसी के विरोध में चल रहे जन आंदोलन के बीच एक ऐसा पुराना वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें राजपूत महिलाओं को तलवार लहराते हुए देखा जा सकता है। यूजर्स इस वीडियो को वायरल करते हुए दावा कर रहे हैं कि दिल्‍ली के शाहीन बाग और लखनऊ के घंटाघर की मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ हिन्‍दू महिलाएं खड़ी हो गई हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने जब वायरल पोस्‍ट की जांच की तो यह झूठी साबित हुई। दरअसल जिस वीडियो को वायरल किया जा रहा है, वह अगस्‍त 2019 का है। वीडियो गुजरात के भूचरमोरी स्थित युद्ध मैदान में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए हुए तलवार रास गरबा का है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में?

फेसबुक यूजर सोनू गुप्‍ता ने एक वीडियो को अपने अकाउंट पर अपलोड करते हुए लिखा : ”शाहीन बाग और घंटाघर की मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ खड़ी हुई कट्टर हिंदू राजपूताना महिलाएं। 🔶जय भवानी 🔶 जय जय राजपूताना”

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो को ध्‍यान से देखा तो इसमें सैकड़ों महिलाएं तलवार लहराते हुए दिखीं। इसके बाद हमने वीडियो से कुछ ग्रैब निकालकर Yandex में सर्च करना शुरू किया। हमें कई ऐसे वीडियो मिले, जो वायरल वीडियो से मिलते-जुलते थे।

Yandex में एक ऐसा ही वीडियो मिला। इस वीडियो की हेडिंग में बताया गया कि गुजरात में दो हजार से ज्‍यादा राजपूत औरतों ने एक साथ तलवारबाजी करके विश्‍व रिकॉर्ड बनाया। वीडियो को 25 अगस्‍त 2019 को अपलोड किया गया था।

अब हमें यह जानना था कि पूरा मामला क्‍या था। इसके लिए हमने ‘गुजरात में राजपूत महिलाओं ने बनाया वर्ल्‍ड रिकॉर्ड’ टाइप करके सर्च किया। हमें एक भास्‍कर की वेबसाइट पर एक खबर मिली। 24 अगस्‍त 2019 को पब्लिश खबर की हेडिंग थी : गुजरात / युद्धस्थल भूचरमोरी पर 2300 महिलाओं ने तलवार रास गरबा कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया.

इसमें बताया गया कि गुजरात में भूचरमोरी के युद्ध मैदान में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए 2300 राजपूत बेटियों और महिलाओं ने तलवार रास गरबा कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। 428 साल पहले शहीद हुए योद्धाओं को श्रद्धांजलि देने के लिए 16 जिलों की बेटियां और महिलाएं एकत्रित हुईं थीं। कार्यक्रम का आयोजन अखिल गुजरात राजपूत युवा संघ ने किया था।

इसके बाद विश्‍वास न्‍यूज ने कार्यक्रम को आयोजित करने वाली संस्‍था अखिल गुजरात राजपूत युवा संघ के अध्‍यक्ष जयेन्द्र सिंह जडेजा से संपर्क किया। उन्‍होंने विश्‍वास न्‍यूज को बताया कि “जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसका किसी आंदोलन से कोई लेना देना नहीं है। ये वीडियो पिछले साल अगस्‍त का है। उस वक्‍त हमारे समाज की महिलाओं ने भूचरमोरी की लड़ाई में शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए तलवार रास गरबा किया था। “

अंत में हमने उस यूजर की सोशल स्‍कैनिंग की, जिसने 2019 के वीडियो को झूठे दावे के साथ वायरल किया। हमें पता चला कि सोनू गुप्‍ता के पेज को 11 हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। इसे 4 अक्‍टूबर 2019 को बनाया गया है।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि ‘शाहीन बाग और घंटाघर की मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ खड़ी हुई कट्टर हिंदू राजपूताना महिलाएं’ का दावा झूठा है। वायरल वीडियो अगस्‍त 2019 में गुजरात में हुए तलवार रास गरबा का है।

False
Symbols that define nature of fake news
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