Fact Check : डीप फ्रीजर में महिला के शव की तस्वीर भारत की नहीं, फेक दावा वायरल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। दावा फर्जी और सांप्रदायिक साबित हुआ।

Fact Check : डीप फ्रीजर में महिला के शव की तस्वीर भारत की नहीं, फेक दावा वायरल

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। दिल्‍ली के चर्चित श्रद्धा मर्डर केस से जोड़ते हुए एक तस्‍वीर को वायरल किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर अलग-अलग यूजर्स और वॉट्सऐप पर इस तस्‍वीर को असम की काजल की बताकर वायरल किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि असम में एक मुस्लिम युवक ने अपनी लिव-इन पार्टनर काजल का पहले तो गैंगरेप करवाया। इसके बाद उसे डीप फ्रीजर में डालकर मार डाला।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। दावा फर्जी और सांप्रदायिक साबित हुआ। असम के नाम पर विदेश में हुई घटना की एक पुरानी तस्‍वीर को काल्पनिक कहानी के नाम से वायरल किया जा रहा हे।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर शिवम चौहान गुर्जर ने 17 जुलाई को एक तस्‍वीर को पोस्‍ट करते हुए दावा किया, “ब्रेकिंग न्यूज़ असम में एक और श्रद्धा हुई Dफ्रीज में पैक लिव इन रिलेशनशिप में रह रही काजल को शम्मी उर्फ शाबीर मियाँ ने पहले तो 7 मुस्लिम लडकों से रेप करवाया फिर जिंदा ही बेहोशी की हालत में फ्रीज में पैक कर दिया जिससे ठंड से उसकी मौत हो गई हवानियत की हद तो उस समय पार हो गई जब गफ्फार मियां और उसके साथी 8 दिन से रोज फ्रीज से लडकी के शव को निकालकर मरी हुई के साथ रेप करते थे बाद में फिर से फ्रीज में पैक कर देते थे।”

वायरल पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों ही लिखा गया है। इसे सही समझकर दूसरे यूजर भी शेयर कर रहे हैं। वायरल पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज एक बार पहले भी वायरल दावे की जांच कर चुका है। उसके लिए हमने सबसे पहले गूगल ओपन सर्च से वायरल दावे में बताई गई घटना के बारे सर्च किया। हमें एक भी ऐसी खबर नहीं मिली। इससे यह तो स्‍पष्‍ट हो गया कि तस्‍वीर के साथ लिखी गई कहानी में सच्‍चाई नहीं है।

जांच को आगे बढ़ाते हुए गूगल लेंस टूल की मदद से तस्‍वीर के बारे में सच्‍चाई पता लगाने की कोशिश की गई। असली तस्‍वीर वर्ष 2021 और 2010 की कुछ खबरों में मिलीं। वर्ष 2021 में याहू न्‍यूज ने वायरल तस्‍वीर का इस्‍तेमाल करते हुए खबर प्रकाशित की। इसमें तस्‍वीर को वेनेजुएला का बताया।

सर्च के दौरान तस्‍वीर एक ब्‍लॉग में भी मिली। इसे वर्ष 2010 में इस्‍तेमाल किया गया। इसमें बताया गया कि ब्राजील के ग्रेटर साओ पाउलों में एक शख्‍स ने अपनी पत्‍नी की हत्‍या करके उसके शरीर को डीप फ्रीजर में रख दिया।

सर्च के दौरान हमें असम पुलिस की एक सोशल मीडिया पोस्‍ट मिली। इसमें वायरल पोस्‍ट का खंडन किया गया। इसे आप नीचे देख सकते हैं। इस पोस्‍ट को 8 दिसंबर 2022 को किया गया था।

विश्‍वास न्‍यूज की पिछली पड़ताल को विस्‍तार से यहां पढ़ा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज से बातचीत में असम के ईस्‍ट मोजो के पत्रकार चंदन बोरगोहेन ने जानकारी देते हुए बताया था कि असम में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है, जैसा कि वायरल पोस्‍ट में दावा किया गया। तस्‍वीर का असम से कोई संबंध नहीं है।

पड़ताल के अंत में फर्जी और सांप्रदायिक पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की। फेसबुक यूजर शिवम चौहान गुर्जर को दो हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। यूजर सहारनपुर में रहता है।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि विदेश में हुई एक पुरानी घटना की तस्‍वीर को असम की बताकर झूठ फैलाया गया। असम में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है, जिसका दावा वायरल पोस्‍ट में किया गया है। वायरल पोस्‍ट पूरी तरह से फर्जी और सांप्रदायिकता से भरी हुई है।

False
Symbols that define nature of fake news
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