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Fact Check : ढाबे में हिंदुओं के खाने में दवाई मिलाने का दावा करने वाली झूठी पोस्ट वायरल

अलग-अलग जगहों की तस्‍वीर को झूठे दावे के साथ वायरल किया गया है।

  • By: Ashish Maharishi
  • Published: Jun 18, 2024 at 02:08 PM
  • Updated: Jun 19, 2024 at 04:02 PM

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्‍लेटफॉर्म पर मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाने के उद्देश्य से चार तस्‍वीरों का एक कोलाज काल्‍पनिक खबर के नाम पर वायरल की जा रही है। दावा किया जा रहा है कि राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र के हाईवे पर पुलिस ने चालीस से ज्यादा मुस्लिम ढाबे में छापे मारे। इन ढाबे में खाने में नपुंसकता की दवाइयां मिलाई जाती थी।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। दावा फर्जी और सांप्रदायिक साबित हुआ। अलग-अलग जगहों की तस्‍वीर को झूठे दावे के साथ वायरल किया गया है। इन तस्‍वीरों के जरिए पहले भी कई बार झूठ फैलाया जा चुका है। जिसकी विश्‍वास न्‍यूज ने समय-समय पर पड़ताल करके अपने पाठकों के सामने सच पेश कर चुका है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर रवि मोहन अग्रवाल ने 18 जून को चार तस्‍वीरों का एक कोलाज पोस्‍ट करते हुए दावा किया, “ब्रेकिंग न्यूज़-सावधान, सावधान मित्रों राजस्थान, गुजरात, और महाराष्ट्र के हाईवे पर पुलिस द्वारा 40 से ज्यादा मुस्लिम ढाबे में छापे मारे गये। इन सभी मुस्लिम होटलों में हिन्दू लोगों के लिए नपुंसकता की दवाईयां खाने में मिलाते है। मुस्लिम होटलों से सावधान रहें। ये लोग हिन्दूओ की आबादी कम करने के लिए और हिन्दूओं का धर्म नष्ट करने के लिए नानवेज भी मिलाकर खिलाते हैं। ऐसे केमिकल रसायनों का इस्तेमाल करते हैं जिससे हमारी सेहत को नुक्सान पहुंचे। राजस्थान से आने वाली सभी बस वालो को मुस्लिम होटलों पर ठहरने रोके। आगे सावधान रहें।”

वायरल पोस्‍ट में किए गए दावे को सच मानकर दूसरे यूजर्स भी इसे वायरल कर रहे हैं। पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों ही लिखा गया है। इसका आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल पोस्‍ट के आधार पर गूगल ओपन सर्च टूल का सहारा लिया। यहां संबंधित कीवर्ड से सर्च करने पर हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जो वायरल दावे की पुष्टि कर सके।

विश्‍वास न्‍यूज पहले भी इस दावे की पड़ताल कर चुका है। वायरल पोस्ट की सच्‍चाई जानने के लिए हमने सबसे पहले कोलाज में इस्‍तेमाल की गईं तस्‍वीरों को एक-एक करके जांचा। इसके लिए गूगल लेंस टूल का इस्तेमाल किया।

तस्‍वीर 1

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले कोलाज में इस्‍तेमाल की गई उस तस्‍वीर की पड़ताल की, जिसमें पुलिस अफसरों को देखा जा सकता है। गूगल लेंस के जरिए सर्च करने पर हमें बिजनौर पुलिस की एक एक्‍स पोस्‍ट मिली। इसमें बताया गया कि बिजनौर के थाना शेरकोट में मदरसे में अवैध शस्त्रों की तस्करी करते 06 अभियुक्तगण 01 पिस्टल, 04 तमंचे व भारी मात्रा में कारतूसों सहित गिरफ्तार। यह पोस्‍ट 11 जुलाई 2019 को की गई थी।

सर्च के दौरान हमें आजतक न्‍यूज चैनल के यूट्यूब चैनल पर एक खबर मिली। इसमें बताया गया कि बिजनौर: मदरसे से बरामद हुए अवैध हथियार, संचालक समेत 6 गिरफ्तार। वीडियो के अंदर कोलाज वाले पहले हिस्‍से को भी देखा जा सकता है।

तस्‍वीर 2 और 3 की पड़ताल

जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने तस्‍वीर दो और तीन की जांच की। यह दोनों तस्‍वीरों में दवाई की कुछ स्ट्रिप्‍स को देखा जा सकता है। गूगल लेंस के जरिए सर्च करने पर हमें डेली मिरर नाम की एक वेबसाइट पर दोनों तस्‍वीरें मिलीं। इससे यह पता चला कि तस्‍वीर श्रीलंका की है। खबर में बताया गया कि एसटीएफ द्वारा कोलंबो के वोल्फेंडल स्ट्रीट पर स्थित एक बुजुर्ग व्यक्ति और उसके बेटे के घर छापा मारा गया, जहां 4 करोड़ रुपये की अवैध दवाओं का भंडार मिला। यह खबर 2 मई 2019 को पब्लिश की गई थी।

तस्‍वीर 4 की पड़ताल

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए उस तस्‍वीर की जांच की गई, जिसमें एक आदमी को बिरयानी के साथ देखा जा सकता है। गूगल लेंस टूल की मदद से सर्च करने पर हमें हमें बिरयानी बेचने वाले इस व्यक्ति की तस्वीर 30 जून 2016 को ‘स्ट्रीट फ़ूड ऑफिशियल‘ नाम के एक यूट्यूब चैनल पर पोस्‍ट वीडियो के थंबनेल के रूप में इस्‍तेमाल की गई मिली।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण, जयपुर के वरिष्‍ठ संवाददाता नरेंद्र शर्मा से संपर्क किया। उनके साथ वायरल पोस्‍ट को शेयर किया। उन्‍होंने बताया कि राजस्‍थान में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। वायरल पोस्‍ट में सच्‍चाई नहीं है।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए गुजराती जागरण के एसोसिएट एडिटर जीवन कर्पूरिया से संपर्क किया। उन्‍होंने जानकारी देते हुए बताया कि वायरल पोस्‍ट में किया गया दावा फेक है। गुजरात में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। पोस्‍ट में इस्‍तेमाल की गईं तस्‍वीरों का भी गुजरात से कोई संबंध नहीं है।

पड़ताल के अंत में फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की गई। फेसबुक यूजर रवि मोहन अग्रवाल को चार हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। यूजर यूपी के मेरठ के रहने वाले हैं।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि अंसंबंधित तस्‍वीरों का इस्‍तेमाल करते हुए मु‍सलमानों के खिलाफ नफरत फैलाने के उद्देश्य से फर्जी पोस्‍ट की गई है। इसमें कोई सच्‍चाई नहीं है।

  • Claim Review : राजस्थान, गुजरात, और महाराष्ट्र के हाईवे पर पुलिस द्वारा 40 से ज्यादा मुस्लिम ढाबे में छापे मारे गये इन सभी मुस्लिम होटलों में हिन्दू लोगों के लिए नपुंसकता की दवाईयां खाने में मिलाते है।
  • Claimed By : FB User - Ravi Mohan Agrwal
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