Fact Check : झूठ, जी न्‍यूज पर हमला नहीं हुआ, एंकर की यह फोटो पुरानी है

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में जी न्‍यूज के ऑफिस पर हमले वाली पोस्‍ट फर्जी साबित हुई।

Fact Check : झूठ, जी न्‍यूज पर हमला नहीं हुआ, एंकर की यह फोटो पुरानी है

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। फेसबुक पर जी न्‍यूज और उसके एंकर सुधीर चौधरी को लेकर एक फर्जी पोस्‍ट वायरल हो रही है। पुरानी तस्‍वीरों के लिए सुधीर चौधरी पर निशाना साधते हुए कुछ लोग यह झूठ फैला रहे हैं कि जी न्‍यूज के ऑफिस पर दिल्‍ली के नाराज लोगों ने तोड़फोड़ की।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की पड़ताल की तो यह झूठी साबित हुई। जांच में पता चला कि न तो जी न्‍यूज के ऑफिस पर किसी प्रकार का कोई हमला हुआ है और ना ही सुधीर चौधरी पर। वायरल तस्‍वीरें पुरानी हैं। इसे जानबूझ कर फर्जी दावों के साथ फैलाया गया है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

फेसबुक पेज Ravish Ki Sena ने 10 फरवरी को एक पोस्‍ट अपलोड करते हुए दावा किया : “दिल्ली के लोगों को मुफ्तखोर और गद्दार कहने पर भड़की दिल्ली की जनता… ज़ी न्यूज़ के ऑफिस पर लोगो का हमला बधाई हो”

इस पोस्‍ट को अब तक 300 से ज्‍यादा बार शेयर किया जा चुका है। इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहाँ देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट को ध्‍यान से देखा। इसमें दो तस्‍वीरों का इस्‍तेमाल किया गया था। पहली तस्‍वीर में एक केबिन के शीशे को टूटे हुए देखा जा सकता है, जबकि दूसरी तस्‍वीर में सुधीर चौधरी की नाक पर चोट देखी जा सकती है। विश्‍वास न्‍यूज ने दोनों तस्‍वीरों को अलग-अलग जांचने का फैसला किया।

तस्‍वीर #1

सबसे पहले हमने सुधीर चौधरी की तस्‍वीर की पड़ताल शुरू किया। इस तस्‍वीर को हमने गूगल रिवर्स इमेज में अपलोड करके सर्च किया। हमें समाचार4मीडिया नाम की वेबसाइट पर एक खबर मिली। इसमें सुधीर चौधरी की तस्‍वीर का इस्‍तेमाल किया गया था। खबर में बताया गया कि मुंबई यात्रा के दौरान उनका एक एक्‍सीडेंट हो गया था। यह खबर 12 जुलाई 2019 को पब्लिश हुई थी।

इसके बाद हमने सुधीर चौधरी के फेसबुक पर गए। वहां हमने जब उनके अकाउंट को खंगालना शुरू किया तो हमें एक फेसबुक लाइव मिला। इसे सुधीर चौधरी ने 11 जुलाई 2019 को किया था। इसमें सुधीर चौधरी ने बताया कि मुंबई में एक छोटा सा एक्‍सीडेंट हो गया था। इसमें इनके नाक पर चोट आई थी। पूरा वीडियो देखें।

तस्‍वीर #2

इसके बाद हमने टूटे हुए केबिन की तस्‍वीर को गूगल रिवर्स इमेज में सर्च करना शुरू किया। हमें सर्च के दौरान @ANI का एक टवीट मिला। 1 दिसंबर 2017 को किए गए इस टवीट में बताया गया कि मुंबई के सीएसटी स्थित कांग्रेस ऑफिस में अज्ञात लोगों ने तोड़फोड़ की।

दोनों तस्‍वीरों की सच्‍चाई जानने के बाद हमने जी न्‍यूज के एडिटर इन चीफ सुधीर चौधरी से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया, “जीन्‍यूज के ऑफिस या उन पर कोई हमला नहीं हुआ है। मेरी वायरल तस्‍वीर मुंबई एक्‍सीडेंट के दौरान की है। इसे लेकर मैंने फेसबुक लाइव भी किया था। मैं जब भी कोई कड़वा सच कहता हूं तो सोशल मीडिया पर मेरे खिलाफ अभियान शुरू हो जाता है। वायरल पोस्‍ट भी इसी अभियान का एक नमूना है।”

अंत में हमने उस पेज की स्‍कैनिंग की, जिसने सुधीर चौधरी से जुड़ी फर्जी पोस्‍ट की। हमें पता चला कि Ravish Ki Sena नाम का यह पेज 13 जुलाई 2019 को बनाया गया था। इसे 84 हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। इसमें एक पार्टी के खिलाफ पोस्‍ट ज्‍यादा की जाती है।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में जी न्‍यूज के ऑफिस पर हमले वाली पोस्‍ट फर्जी साबित हुई।

False
Symbols that define nature of fake news
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