यह तस्वीर दिल्ली की नहीं बल्कि लखनऊ की है। यह तस्वीर 19 दिसंबर 2019 की है जब उत्तर प्रदेश के लखनऊ में CAA और NRC के खिलाफ हिंसा भड़क गई थी।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। दिल्ली के नॉर्थ-ईस्ट इलाके में हुए उपद्रव के बीच एक पुलिसकर्मी की तस्वीर को सोशल मीडिया में वायरल करते हुए कुछ यूजर्स दावा कर रहे हैं कि यह फोटो दिल्ली की है। इसमें एक पुलिसकर्मी को पत्थरबाजी करते हुए देखा जा सकता है। विश्वास न्यूज ने जब इस तस्वीर की जांच की तो हमें पता चला कि वायरल पोस्ट का दावा झूठा है। दरअसल 19 दिसंबर 2019 को यूपी की राजधानी लखनऊ में हिंसा भड़क गई थी। वायरल तस्वीर उसी दौरान की है। अब कुछ यूजर्स लखनऊ की तस्वीर को दिल्ली के उपद्रव के नाम से वायरल कर रहे हैं।
फेसबुक पेज “I’m with Abhishar Sharma ji” ने पुलिस वाले की एक तस्वीर को अपलोड करते हुए लिखा: दंगाईयो के साथ दिल्ली पुलिस फूल एक्शन में
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्ज़न
तस्वीर की पड़ताल शुरू करते हुए हमने सबसे पहले इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड कर सर्च किया। हमें 20 दिसंबर 2019 को प्रकाशित किया गया India Times का एक न्यूज़ आर्टिकल मिला जिसमें इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था। इस आर्टिकल की हेडलाइन थी: “India Will Unite Again For Second Consecutive Day And Protest Against Citizenship Act”
खबर में इस्तेमाल की गई इस तस्वीर में पुलिस वाले के पीछे एक फार्मेसी की दुकान का बोर्ड नज़र आ रहा है जिसके ऊपर लिखा हुआ है “शुक्ला मेडिकल्स” और बोर्ड में दुकान का पता लिखा गया है “खदरा चुगी, सीतापुर रोड, लखनऊ-20”
हमें रिवर्स इमेज सर्च में 13 फरवरी 2020 को प्रकाशित Scroll.in की खबर का एक लिंक मिला जिसमें इस तस्वीर के साथ कैप्शन लिखा गया था: “Police throw stones at protesters during demonstrations against India’s new citizenship law in Lucknow on December 19. | AFP”
कैप्शन के अनुसार भी यह तस्वीर लखनऊ की है और 19 दिसंबर 2019 की बताई जा रही है। इस तस्वीर के साथ AFP न्यूज़ एजेंसी को क्रडिट दिया गया है।
अब हमने गूगल मैप्स की मदद से इस दुकान का पता लगाया। इस दुकान का पूरा पता गूगल मैप्स के अनुसार है “पक्का पुल, सीतापुर रोड, इरादत नगर, लखनऊ, उत्तर प्रदेश 226020”
गूगल मैप्स की मदद से हमें इस दुकान के मालिक का भी नंबर मिल गया। हमने इस तस्वीर को लेकर शुक्ला मेडिकल्स के मालिक योगेंद्र शुक्ला से बात की जिन्होंने हमें बताया कि यह तस्वीर उन्ही के दुकान के सामने की है दिल्ली की नहीं। उन्होंने बताया कि यह तस्वीर दिसंबर 2019 की है जब लखनऊ में CAA और NRC के खिलाफ हिंसा भड़क गई थी।
दुकान के मालिक योगेंद्र शुक्ला ने हमारे साथ दुकान की हालिया तस्वीर भी शेयर की जिसे आप नीचे देख सकते हैं।
यह बात साफ़ हो चुकी थी कि दिल्ली पुलिस के नाम से वायरल हो रही यह तस्वीर लखनऊ की है और फ़र्ज़ी दावे के साथ वायरल हो रही है। अब हमने इस तस्वीर को शेयर करने वाले पेज “I’m with Abhishar Sharma ji” के अकाउंट की सोशल स्कैनिंग करने का फैसला किया। हमने पाया कि इस पेज को 193,954 लोग फॉलो करते हैं और यह एक खास विचारधारा का समर्थक लगता है। यह पेज 3 मार्च 2018 को बनाया गया था।
निष्कर्ष: यह तस्वीर दिल्ली की नहीं बल्कि लखनऊ की है। यह तस्वीर 19 दिसंबर 2019 की है जब उत्तर प्रदेश के लखनऊ में CAA और NRC के खिलाफ हिंसा भड़क गई थी।
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