Fact Check: दिल्ली के गफ्फार मार्केट में नहीं पकड़ा गया कोई आतंकी, यह वीडियो मॉकड्रिल का है

विश्वास टीम की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। गफ्फार मार्केट में आतंकवादी के पकड़े जाने के नाम से वायरल यह वीडियो एक मॉकड्रिल का है।

नई दिल्ली (Vishvas News). सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ पुलिसवालों को एक व्यक्ति को पकड़ते देखा जा सकता है। वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि गफ्फार मार्केट में दिल्ली पुलिस ने एक आतंकवादी को पकड़ा है और वहां गोलियां भी चली हैं।

विश्वास टीम की पड़ताल में यह दावा फर्जी साबित हुआ। यह वीडियो दिल्ली के गफ्फार मार्केट में हुई एक मॉकड्रिल का है, जिसे फर्जी दावे के साथ वायरल कर लोगों को गुमराह किया रहा है। यह मॉकड्रिल 29 जुलाई 2020 को 15 अगस्त के चलते सुरक्षा को ध्यान में रख कर की गई थी।

क्या हो रहा है वायरल?

फेसबुक पेज “INDILAD” ने इस वीडियो को अपलोड करते हुए लिखा है: “Terrorist caught red-handed at Gaffar Market Delhi today 😯😎”

इस पोस्ट का फेसबुक और आर्काइव्ड लिंक।

पड़ताल

पड़ताल की शुरुआत करते हुए हमने इस वीडियो को ध्यान से देखा और सुना। वीडियो में एक व्यक्ति बोल रहा है कि गफ्फार मार्केट करोल बाग में दिल्ली पुलिस ने एक आतंकवादी को पकड़ लिया है और गोलियां भी चली है।

अब हमने जरूरी कीवर्ड जैसे “गफ्फार मार्केट आतंकवादी दिल्ली पुलिस” के साथ गूगल सर्च शुरू किया। हमें ऐसी कहीं कोई खबर नहीं मिली, जिसमें दावा किया हो कि गफ्फार मार्केट में कोई आतंकवादी दिल्ली पुलिस ने पकड़ा है पर एक ट्वीट ऐसा जरूर मिला, जिसमें इस वीडियो का इस्तेमाल किया गया था और उस ट्वीट को DCP केंद्रीय द्वारा रीट्विट भी किया गया था।

यह ट्वीट Tarun Sharma नाम के एक पत्रकार के ट्विटर हैंडल से 29 जुलाई को किया गया था और इसके साथ लिखा गया था: “दिल्ली की करोल बाग मार्केट में आज @DelhiPolice की तरफ से मॉकड्रिल का आयोजन किया गया 15 अगस्त से पहले अक्सर इस तरह के मॉकड्रिल होते हैं। इस मॉकड्रिल में तीन डमी आतंकियों को पुलिस पकड़ कर ले जाती है, ताकि आपातस्थिति में अपनी तैयारियों को चेक कर सकें। @DCPCentralDelhi @DM_DEO_Central

https://twitter.com/tarun10sharma/status/1288460384051945472

इस ट्वीट से यह साफ़ हुआ कि वायरल वीडियो एक मॉकड्रिल का है, जिसका आयोजन 15 अगस्त की तैयारियों को देखते हुए किया गया था।

पड़ताल के अगले चरण में हमने इस वीडियो को लेकर दिल्ली पुलिस के पूर्व प्रवक्ता और हालिया पोस्ट हुए एडिशनल CP दिल्ली ट्रैफिक IPS मंदीप सिंह रंधावा से सम्पर्क किया। उन्होंने हमारे साथ बात करते हुए बताया, “यह वीडियो एक मॉकड्रिल का है।”

अब बारी थी इस वीडियो को फर्जी दावे के साथ वायरल करने वायरल फेसबुक पेज INDILAD की सोशल स्कैनिंग करने की। इस पेज को  961 लोग फॉलो करते हैं और यह पेज वायरल पोस्ट अधिक शेयर करता है। पेज के इंट्रो के अनुसार, यह पेज आपत्तिजनक पोस्ट भी शेयर करता है।

निष्कर्ष: विश्वास टीम की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। गफ्फार मार्केट में आतंकवादी के पकड़े जाने के नाम से वायरल यह वीडियो एक मॉकड्रिल का है।

False
Symbols that define nature of fake news
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