Fact Check: अजमेर की बकरा मंडी में कोरोना वायरस की पोस्‍ट झूठी, ऐसा कोई मामला नहीं आया है अब तक सामने

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में अजमेर बकरा मंडी में कोरोना वायरस वाली पोस्‍ट फर्जी निकली। पुराने वीडियो को अब कुछ लोग जानबूझकर वायरल कर रहे हैं।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। दुनियाभर में कोरोना वायरस के कहर के बीच सोशल मीडिया में झूठ की भरमार है। कभी कहा जा रहा है कि गांजे, हल्‍दी से कोरोना को हराया जा सकता है तो कभी मॉक ड्रिल के वीडियो को कोरोना मरीज के नाम पर वायरल किया जा रहा है। अब एक वीडियो को वायरल करते हुए कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि अजमेर की बकरा मंडी में कोरोना वायरस के कारण बकरे/बकरियां बीमार हो गए हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने जब वायरल पोस्‍ट की पड़ताल की तो दावा फर्जी साबित हुआ। जिस वीडियो को कोरोना वायरस से जोड़कर वायरल किया जा रहा है, वह इंटरनेट पर तब से मौजूद है, जब भारत में कोरोना वायरस ने प्रवेश भी नहीं किया था।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर नवल सिंह ने 16 मार्च 2020 को एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया कि कोरोना वायरस बकरों में भी पाया गया है। यूजर ने लिखा : ”जितना जल्दी हो सब गुरुप मे भेजो बकरा मे भी कोरोना वाएरस पाया गया है”

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल की शुरूआत में सबसे पहले वायरल वीडियो को InVID टूल में अपलोड करके कई ग्रैब निकाले। इसके बाद इन्‍हें गूगल रिवर्स इमेज में सर्च किया। हमें यह वीडियो कई Youtube चैनलों पर मिला। सबसे पुराना वीडियो हमें Youtube पर 11 दिसंबर 2019 का मिला। ये वीडियो आप यहां देख सकते हैं।

अब हमें यह जानना था कि भारत में कोरोना वायरस ने कब दस्‍तक दी थी। गूगल सर्च में हमें PIB का एक प्रेस नोट मिला। इसमें बताया गया कि देश में कोरोना वायरस का पहला केस 30 जनवरी को आया था। ये प्रेस नोट आप यहां पढ़ सकते हैं।

जांच के दौरान हमें दैनिक जागरण की खबर से पता चला कि 30 जनवरी 2020 में केरल के त्रिशूर जिले में कोरोना वायरस से संक्रमित छात्रा पाई गई थी। यह छात्रा वुहान में पढ़ती थी। पूरी खबर आप यहां पढ़ सकते हैं।

वायरल वीडियो में अजमेर बकरा मंडी का जिक्र किया गया था। इसलिए हमने गूगल में ‘अजमेर बकरा मंडी’ टाइप करके सर्च किया तो हमें पत्रिका की वेबसाइट पर एक खबर मिली। इसमें बताया गया कि अजमेर बकरा मंडी के नाम पर वायरस वीडियो पुराना है। इसे जानबूझकर वायरल किया जा रहा है।

पड़ताल की अगले चरण में हमने अजमेर बकरी मंडी के दुकानदार सिकंदर कयामखानी से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि कोरोना के नाम पर वायरल वीडियो काफी पुराना है। इसमें कोई सच्‍चाई नहीं है।

इसी तरह अजमेर के पशुपालन विभाग के संयुक्‍त निदेशक डॉ. अजय अरोड़ा ने विश्‍वास न्‍यूज को बताया कि कोरोना वायरस के नाम पर वायरल हो रहा वीडियो फर्जी है। अजमेर में ऐसा कोई वाकया नहीं हुआ है। वीडियो पहले भी कई बार वायरल हो चुका है। इसमें कोई सच्‍चाई नहीं है।

हमें WHO की वेबसाइट से जानकारी मिली कि अब तक सिर्फ हांगकांग में एक पालतू डॉग को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया था। इसके अलावा किसी भी जानवर में इस वायरस की पुष्टि नहीं हुई है। ज्‍यादा जानकारी आप यहां देख सकते हैं।

अंत में हमने फर्जी पोस्‍ट करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्‍कैनिंग की। हमें पता चला कि यूजर नवल सिंह जयपुर में रहता है। इसके अकाउंट पर वायरल कंटेंट काफी अपलोड होते रहते हैं।

Disclaimer: कोरोनावायरसफैक्ट डाटाबेस रिकॉर्ड फैक्ट-चेक कोरोना वायरस संक्रमण (COVID-19) की शुरुआत से ही प्रकाशित हो रही है। कोरोना महामारी और इसके परिणाम लगातार सामने आ रहे हैं और जो डाटा शुरू में एक्यूरेट लग रहे थे, उसमें भी काफी बदलाव देखने को मिले हैं। आने वाले समय में इसमें और भी बदलाव होने का चांस है। आप उस तारीख को याद करें जब आपने फैक्ट को शेयर करने से पहले पढ़ा था।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में अजमेर बकरा मंडी में कोरोना वायरस वाली पोस्‍ट फर्जी निकली। पुराने वीडियो को अब कुछ लोग जानबूझकर वायरल कर रहे हैं।

False
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