Fact Check: पगड़ी बांधने के मुकाबले की तस्वीर शाहीन बाग के नाम पर हो रही वायरल

यह वायरल तस्वीर शाहीन बाग की नहीं बल्कि पगड़ी बांधने के मुकाबले की है जो पंजाब के बठिंडा में मई 2017 में हुआ था।

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। पिछले कई दिनों से नागरिकता संशोधन कानून और NRC के खिलाफ शाहीन बाग के प्रदर्शन को लेकर कई पोस्ट वायरल हुई हैं। इसी तरह एक पोस्ट शाहीन बाग के नाम से वायरल हो रही है जिसमें एक तस्वीर है। इस तस्वीर में कई सारे सिखों को एक साथ देखा जा सकता है। पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर शाहीन बाग की है। विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह वायरल तस्वीर शाहीन बाग की नहीं बल्कि पंजाब की है। यह तस्वीर 20 मई 2017 में पंजाब के भटिंडा में हुए पगड़ी बांधने के मुकाबले की है, शाहीन बाग की नहीं।

क्या हो रहा है वायरल?

फेसबुक पर Rakesh Bhatnagar नाम के यूज़र ने एक तस्वीर पोस्ट की जिसमें कई सारे सिखों को एक साथ देखा जा सकता है। पोस्ट के डिस्क्रिप्शन में लिखा : “Shaheen Bagh”

इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्ज़न को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

पड़ताल शुरू करते हुए हमने सबसे पहले इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड कर सर्च किया। हमें यह तस्वीर कई जगह पर अलग-अलग साल में अपलोड मिली।

गूगल टाइमलाइन फ़िल्टर का इस्तेमाल करने से हमें सबसे पुराना लिंक एक फेसबुक पोस्ट का मिला। हमें यह तस्वीर 20 मई 2017 के एक फेसबुक पोस्ट पर अपलोड मिली। ਗੁਰਸੇਵਕ ਸਿੰਘ ਭਾਣਾ (गुरसेवक सिंह भाणा) नाम के फेसबुक यूज़र ने इस तस्वीर को अपलोड किया था। इस तस्वीर के साथ यूज़र ने डिस्क्रिप्शन लिखा था: “ਇਤਿਹਾਸਕ ਵਾਲ ਪੇਪਰ” (हिंदी अनुवाद: इतिहासिक वॉलपेपर)

इस पोस्ट से यह तो साफ़ हुआ कि यह तस्वीर शाहीन बाग के प्रदर्शन की नहीं है क्योंकि यह पोस्ट 2017 में किया गया था।

अब हमने गुरसेवक के फेसबुक अकाउंट को स्कैन किया और उनके अबाउट सेक्शन में दिए नंबर पर कॉल कर उनसे संपर्क किया। गुरसेवक ने विश्वास टीम के साथ बात करते हुए बताया कि यह तस्वीर दस्तार मुकाबले की है जो 2017 में श्री दमदमा साहिब गुरूद्वारे, तलवंडी साबो बठिंडा (पंजाब) में करवाया गया था। इस तस्वीर का शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन से कोई सबंध नहीं है। उन्होंने हमें बताया कि सबसे पहले यह तस्वीर उन्होंने ने ही फेसबुक पर मई 2017 में शेयर की थी और इस तस्वीर में वो भी हैं।

आपको बता दें कि इस वायरल तस्वीर में गुरसेवक को भी देखा जा सकता है।

इस तस्वीर को सोशल मीडिया पर कई लोग शेयर कर रहे हैं और इन्ही में से एक है Rakesh Bhatnagar नाम की फेसबुक प्रोफ़ाइल।

निष्कर्ष: यह वायरल तस्वीर शाहीन बाग की नहीं बल्कि पगड़ी बांधने के मुकाबले की है जो पंजाब के बठिंडा में मई 2017 में हुआ था।

False
Symbols that define nature of fake news
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