Fact Check : बुजुर्ग व्‍यक्ति को पीटने का वीडियो गलत दावे के साथ वायरल

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक बुजुर्ग व्‍यक्ति को कुछ युवक बुरी तरह पीट रहे हैं। सोशल मीडिया पर यूजर्स दावा कर रहे हैं कि भाजपा के खिलाफ बोलने पर इस सरदार बुजुर्ग की पिटाई करते हुए भाजपा कार्यकर्ता। विश्‍वास टीम की पड़ताल में पता चला कि वायरल पोस्‍ट का दावा एकदम फर्जी है। राजस्‍थान के भीलवाड़ा में कुछ युवकों ने एक सिंधी बुजुर्ग की पिटाई जरूर की थी, लेकिन इस घटना का किसी पार्टी से कोई संबंध नहीं है। यह आपसी विवाद का मामला था। बुजुर्ग के साथ मारपीट करने वाले उनके समुदाय के अलावा दूसरे समुदाय के लोग भी थे। घटना 15 अक्‍टूबर 2019 की है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

फेसबुक यूजर साहनवाज bhau ने 20 अक्‍टूबर 2019 को फेसबुक पर एक वीडियो अपलोड किया और दावा किया : “बीजेपी के खिलाफ बोलने वाले इस सरदार बुजुर्ग के किस तरह से पिटाई करते हुए मोबलिचिग कर रहे हैं भाजपा कार्यकर्ता देखें।”

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी पड़ताल शुरू करने से पहले वायरल वीडियो को ध्‍यान से देखा। हमें एक कार दिखी। जिस पर RJ 27 लिखा हुआ था। यानी घटना राजस्‍थान की है। RJ 27 राजस्‍थान के उदयपुर का आरटीओ कोड है।

इसके बाद हमने गूगल में ‘राजस्‍थान में बुजुर्ग की पिटाई’ कीवर्ड टाइप करके सर्च किया। हमें कुछ जगह पर यह खबर दिखी। इन खबरों में बताया गया कि बीजेपी के खिलाफ बोलने पर बुजुर्ग की पिटाई हुई थी। खबर में दावा किया गया कि घटना अजमेर की है।

पड़ताल के दौरान हमें पता चला कि वायरल वीडियो राजस्‍थान के भीलवाड़ा का है। इसके बाद हमने भीलवाड़ा से प्रकाशित अखबारों को खंगालना शुरू किया। चूंकि, वायरल पोस्‍ट 20 अक्‍टूबर की थी, इसलिए हमने उसी तारीख के आसपास के अखबारों को स्‍कैन किया।

हमें राजस्‍थान पत्रिका के 21 अक्‍टूबर के भीलवाड़ा संस्‍करण में एक खबर मिली। इस खबर में बताया गया कि शहर के आजाद चौक में छह दिन पहले कुछ लोगों ने किराए के विवाद में ठेला व्‍यवसायाी पर लाठियों और सरिए से हमला कर दिया। कोतवाली पुलिस ने इस मामले में पांच जनों के खिलाफ मामला दर्ज किया।

इसके बाद विश्‍वास न्‍यूज ने भीलवाड़ा कोतवाली पुलिस स्‍टेशन से संपर्क किया। वहां हमारी बात हेड कॉन्स्‍टेबल तारा सिंह से हुई। उन्‍होंने बताया, “कुछ दिनों पहले आजादपुर चौक पर एक सिंधी बुजुर्ग के साथ कुछ लोगों ने मारपीट की थी। मामला आपसी विवाद का था। इसमें कोई पॉलिटिकल एंगल नहीं था। इस मामले में अब तक कुल पांच लोगों को अरेस्‍ट किया जा चुका है। वायरल वीडियो का दावा फर्जी है।”

कोतवाली पुलिस स्‍टेशन से हमें इस मामले की एफआईआर मिली। ये एफआईआर पीडि़त बुजुर्ग होतचंद्र के बेटे सोनू जेठानी ने कराई। इसमें बताया मंजूर शेख, आसिफ शेख, शोएब शेख, पोला शेख, हेमू, इलू, भगवान और 5-6 अन्‍य व्‍यक्तियों ने पिता जी से नाजायज रूप से किराए की मांग करने लगे। पिताजी ने किराया देने से मना किया तो उन्‍हें बेरहमी से पीटा गया। एफआईआर में हमें कहीं भी ऐसी बात नहीं मिली, जैसी वायरल पोस्‍ट में कही गई है।

अंत में हमने वीडियो वायरल करने वाले फेसबुक यूजर साहनवाज के पेज को स्‍कैन किया। हमें पता चला कि इस पेज को 57 हजार लोग फॉलो करते हैं। इस पेज को 22 अप्रैल 2018 को बनाया गया।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि वायरल पोस्‍ट फर्जी है। भीलवाड़ा में 15 अक्‍टूबर को आपसी विवाद में कुछ युवकों ने एक सिंधी बुजुर्ग की पिटाई कर दी थी। इस घटना का किसी पॉलिटिकल पार्टी से कोई संबंध नहीं था।

False
Symbols that define nature of fake news
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