Fact Check: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की पुलिस बर्बरता का वीडियो कश्मीर के नाम से हो रहा है वायरल

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। आर्टिकल 370 के हटने के बाद से ही सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों ने अपना वजूद कश्मीर के नाम से स्थापित किया है। इसी संदर्भ में एक और फर्जी वीडियो कश्मीर के नाम से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में पुलिस वाले कुछ महिलाओं को पीटते हुए नजर आ रहे हैं। इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि कश्मीर में कश्मीरी महिलाओं के ऊपर अत्याचार हो रहा है और भारतीय पुलिसकर्मी आम औरतों के साथ मारपीट कर रहे हैं। विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में इस वायरल हो रहे दावे को फर्जी साबित किया। यह वायरल वीडियो भारत के कश्मीर का नहीं, बल्कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का है।

क्या हो रहा है वायरल?

सोशल मीडिया के फेसबुक प्लेटफॉर्म पर “Shamim Hossain” नाम के यूजर एक वीडियो को शेयर करते हैं। इस वीडियो में पुलिस वाले कुछ महिलाओं को पीटते हुए नजर आ रहे हैं। इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि कश्मीर में कश्मीरी महिलाओं के ऊपर अत्याचार हो रहा है और भारतीय पुलिसकर्मी आम औरतों के साथ मारपीट कर रहे हैं। इस वीडियो के साथ डिस्क्रिप्शन लिखा गया है: “#Kashmir_Muslim_Woman_Tourture_By_Indian_Army ||😥
Kashmir_Muslim_Are_Helpless_in_Current_World ||
Free_Kashmir
Save_Muslim☪”

इस को 41 हजार से ज्यादा शेयर किया गया है और इस पोस्ट पर 1400 से ज्यादा कमेंट्स भी आए हैं।

पड़ताल

पड़ताल शुरू करने के लिए हमने सबसे पहले इस वीडियो को ध्यान से देखा। देखने पर ही पता लगता है कि इस वीडियो की क्वॉलिटी अच्छी नहीं है और वीडियो के अंदर दिख रहे पुलिसकर्मियों की वर्दी भी भारत की पुलिस वर्दी से अलग नजर आ रही है। वहीं, वीडियो के दसवें सेकंड पर हमें एक पुलिसकर्मी की वर्दी पर पाकिस्तान का झंडा नजर आता है। इससे यह साफ़ हो जाता है कि यह वीडियो भारत का नहीं, बल्कि पाकिस्तान का है।

अब हमने इस वीडियो के स्क्रीनशॉट लिए और उन्हें Yandex इमेज सर्च टूल पर अपलोड कर सर्च किया। सर्च के नतीजों में हमें यह वीडियो “@madiha_masood” के ट्विटर हैंडल पर “Begairat Punjab police … be-lagam Allah ka azaab aye tum logo peh Zaheer is k firgon… kisi ko tag kerne se koi action nahi hona. End this “Police Department” #PoliceBrutality #PoliceTerrorism” डिस्क्रिप्शन के साथ अपलोडेड मिला। यह ट्वीट 5 सितंबर 2019 को पोस्ट किया गया था।

इसके अलावा हमें यह वीडियो “@FarazWahab1” ट्विटर हैंडल से “ہمیں افسوس ہے کہ یہ ہمارے ملک پاکستان کے باعزت ادارے پنجاب پولیس کے ملازم ہیں اور یہ سارے ادارے کی عزت کے دشمن ہیں بالا حکام تک پہنچانے میں مدد کریں
ویڈیو دیکھ کر RT کریں 27″ डिस्क्रिप्शन के साथ अपलोडेड मिला। यह ट्वीट 27 जून 2019 को पोस्ट किया गया था। गूगल ट्रांसलेट से डिस्क्रिप्शन का हिंदी अनुवाद “हमें खेद है कि वे हमारे देश के सम्मानित पंजाब पुलिस के कर्मचारी हैं और वे पूरे संगठन के सम्मान के दुश्मन हैं। पीड़ित को इंसाफ दिलाने के लिए यह वीडियो हमें अधिकारियों तक पहुंचने में मदद करेगा।

आपको बता दें कि “@madiha_masood” के प्रोफ़ाइल डिस्क्रिप्शन अनुसार, वह पाकिस्तान में एक ब्रॉडकास्ट जर्नलिस्ट हैं और “@FarazWahab1” पाकिस्तान में एक सोशल एक्टिविस्ट हैं।

अब हमने अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाया और अलग-अलग कीवर्ड डालकर इस वीडियो को खोजना शुरू किया। हमें यह वीडियो पर Youtube पर “Headline News” अकाउंट से अपलोडेड मिला। यह वीडियो 26 जून 2019 को अपलोड किया गया था। इस वीडियो के साथ डिस्क्रिप्शन दिया गया था: punjab police beaten women in #multan – police beaten women in court

अब हमने इस वीडियो में दिख रही हैडिंग का अनुवाद हमारे उर्दू के अनुवादक से करवाया। हैडिंग का अनुवाद है: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की पुलिस का मुल्तान में औरतों पर अत्याचार

अबतक की पड़ताल से हमें यह पता लग चुका था कि यह वीडियो भारत का नहीं, बल्कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का है। वीडियो की आधिकारिक पुष्टि करने के लिए हमने दैनिक जागरण के जम्मू कश्मीर के सीनियर संवादाता राहुल शर्मा से बात की। राहुल ने इस वीडियो के बारे में जम्मू कश्मीर के ADGP सिक्योरिटी मुनीर खान से बात की। मुनीर खान कहते हैं कि आर्टिकल 370 के हटाए जाने के बाद से ही कश्‍मीर को लेकर इस तरह के कई फर्जी वीडियो और तस्‍वीरें सामने आ चुके हैं। हम लगातार ऐसी पोस्‍ट की पड़ताल कर रहे हैं। इस सिलसिले में अब तक 5 लोगों को अरेस्‍ट भी किया जा चुका है।

अंत में विश्वास टीम ने इस पोस्ट को वायरल करने वाले यूजर “Shamim Hossain” के फेसबुक अकाउंट की सोशल स्कैनिंग करने का फैसला किया। हमने पाया कि इंट्रो के मुताबिक, यूजर “Hell, Cayman Islands” में रहते हैं और अपने आप को “Heavener, Oklahoma” से बताते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में इस वायरल हो रहे दावे को फर्जी पाया। यह वायरल वीडियो भारत के कश्मीर का नहीं, बल्कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का है।

False
Symbols that define nature of fake news
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