Fact Check: टाइम मैगजीन ने नहीं छापी यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लादिमीर ज़ेलेंस्की की यह तस्वीर, गलत दावा हुआ वायरल

विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत पाया गया है। टाइम मैगजीन द्वारा ऐसी कोई तस्वीर प्रकाशित नहीं की गई है। वायरल तस्वीर को एडिट कर बनाया गया है। 

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर टाइम मैगजीन की एक तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। तस्वीर को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि टाइम मैगजीन ने  यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लादिमीर ज़ेलेंस्की की एक तस्वीर को कवर पेज पर छापते हुए बताया है कि रूसी आक्रमण के विरोध में उन्होंने अपने नाम में “जेड” और “वी” अक्षरों को हटा दिया है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत पाया गया है। टाइम मैगजीन द्वारा ऐसी कोई तस्वीर प्रकाशित नहीं की गई है। वायरल तस्वीर को एडिट कर बनाया गया है।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

फेसबुक Tanka Gaspai ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, “The Ukrainian parliament banned the letters “Z” and “V” as symbols of Russian special operations. The American weekly magazine Time had this news on its cover and wrote “Ladimir Elensky”.

(हिंदी अनुवाद – “यूक्रेन संसद ने Z और V अक्षरों को रूसी आक्रमण का चिह्न मानते हुए बैन कर दिया है। अमेरिकी मैगजीन ने इस खबर को अपने कवर पेज पर छापा है और लिखा है लदीमिर एलेन्स्की”) 

इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल –

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने फोटो को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस प्रक्रिया में हमें वायरल दावे से जुड़ी कोई जानकारी हासिल नहीं हुई। इसके बाद हमने टाइम मैगजीन की वेबसाइट को खंगालना शुरू किया, लेकिन हमें वहां पर ऐसी कोई तस्वीर नहीं मिली।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने टाइम मैगजीन के सोशल मीडिया अकाउंट्स को खंगालना शुरू किया। हमें वहां पर भी वायरल तस्वीर से जुड़ी कोई जानकारी नहीं मिली। जिसके बाद ये साफ होता है कि फोटो को एडिट कर कम्प्यूटर द्वारा तैयार किया गया है। टाइम मैगजीन द्वारा ये तस्वीर प्रकाशित नहीं की गई है।

वायरल दावे के बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने दैनिक जागरण के नेशनल ब्यूरो में कार्य करने वाले वरिष्ठ पत्रकार नीलू रंजन के साथ सम्पर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। 

डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल को नीलू रंजन से संपर्क करने और कोट मिलने के बाद अपडेट किया गया है।

विश्वास न्यूज ने जांच के आखिरी चरण में उस प्रोफाइल की पृष्ठभूमि की जांच की, जिसने वायरल पोस्ट को साझा किया था। हमने पाया कि यूजर के फेसबुक पर एक हजार से ज्यादा फ्रेंड्स मौजूद हैं। 

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत पाया गया है। टाइम मैगजीन द्वारा ऐसी कोई तस्वीर प्रकाशित नहीं की गई है। वायरल तस्वीर को एडिट कर बनाया गया है। 

False
Symbols that define nature of fake news
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सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

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