विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में ये दावा भ्रामक साबित हुआ है। वायरल वीडियो लखनऊ का नहीं, बल्कि जयपुर का है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो इन दिनों तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में एक तेंदुआ घरों की छतों पर घूमते हुए नजर आ रहा है। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स इस वायरल वीडियो को लखनऊ से जोड़कर शेयर करते हुए लिख रहे हैं कि लखनऊ के इंदिरा नगर इलाके में तेंदुए का कहर।’ । विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में ये दावा गलत साबित हुआ है। वायरल वीडियो लखनऊ का नहीं, बल्कि जयपुर के मालवीय नगर का है। जिसे अब गलत दावों के साथ शेयर किया जा रहा है। दरअसल 25 दिसंबर को लखनऊ के कल्याणपुर और पहाड़पुर इलाके में तेंदुए को देखा गया था। सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो को उसी समय का बताकर भ्रामक दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।
क्या है वायरल पोस्ट में ?
फेसबुक पेज Journalism ने 29 दिसंबर को यह वीडियो शेयर किया है और लिखा है: लखनऊ में घरों की छत पर फिर दिखा तेंदुआ, तलाश जारी”
ऐसे ही एक और फेसबुक पेज Shahar-E-Barabanki ने 28 दिसंबर को यह वीडियो शेयर करते हुए लिखा है लखनऊ के इंदिरा नगर में एक घर की छत पर दिखा तेंदुआ- सूत्र”
यहां वायरल मैसेज को ज्यों का त्यों प्रस्तुत किया गया है। ट्विटर पर भी यूजर्स इस दावे को शेयर कर रहे हैं।
पड़ताल
वायरल दावे का सच जानने के लिए हमने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल वीडियो से जुड़ी एक रिपोर्ट bhaskar.com की वेबसाइट पर 19 दिसंबर 2021 को प्रकाशित मिली। वीडियो रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, जयपुर में रविवार 19 दिसंबर को तेंदुआ झालाना के जंगलों से निकल कर मालवीय नगर की पॉश कॉलोनी में घुस गया। करीब तीन घंटे तक लोगों में तेंदुए की दहशत बनी रही। आखिरकार मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने तेंदुए को ट्रेंकुलाइज कर पिंजरे में कैद किया। इससे पहले करीब तीन घंटे तक तेंदुआ कॉलोनी में बने मकानों में एक छत से दूसरी छत पर कूदता-फांदता रहा। कॉलोनी के लोग डर के मारे दरवाजा बंद कर घर में बैठे रहे। आसपास के मकानों में ऊंची छतों पर मौजूद कई लोगों ने तेंदुए का फोटो क्लिक किया और वीडियो भी बनाया।” पूरी खबर यहाँ पढ़ें।
पड़ताल के दौरान हमें वायरल वीडियो से जुडी एक रिपोर्ट freepressjournal.in की वेबसाइट पर 19 दिसंबर 2021 को मिली। रिपोर्ट में इस वीडियो से जुड़े कई वीडियोज मिले। खबर के अनुसार : जयपुर के मालवीय नगर आवासीय कॉलोनीवासियों के लिए रविवार की सुबह भयावह रही। करीब दो घंटे तक पास के जंगल से एक तेंदुआ कॉलोनी की छतों पर घूमता देखा गया। वन अधिकारियों ने तेंदुए को बचाया और मेडिकल चेकअप के बाद उसे जंगल में छोड़ दिया। निवासियों ने बताया कि उन्होंने कॉलोनी के एक सुनसान घर से तेंदुए के गुर्राने की आवाज सुनी और जब वे घर के थोड़ा करीब गए तो बरामदे में तेंदुआ बैठा नजर आया। निवासियों ने वन अधिकारियों और पुलिस को सूचित किया, लेकिन इस बीच तेंदुआ पास के घरों की छतों पर घूमने लगा। वन अधिकारियों ने जानवर को शांत कराया और उसे बचाया।”
हमें 19 दिसम्बर, 2021 को Times Now Navbharat के यूट्यूब पर अपलोड किया गया एक वीडियो मिला। वीडियो के 38 सेकंड पर वायरल हिस्से को देखा जा सकता है। प्राप्त वीडियो के मुताबिक, जयपुर के मालवीय नगर सेक्टर 7 में तेंदुआ घरों की छतों पर घूम रहा था। जिसके चलते इलाके में दहशत का माहौल था। पूरी खबर यहाँ देखें।
Jhunjhunu News ने भी इस वीडियो को आधिकारिक ट्विटर हैंडल से 19 दिसम्बर, 2021 को शेयर किया था। इस वीडियो को जयपुर के मालवीय नगर सेक्टर 7 का बताया गया है। ट्वीट को यहाँ देखें।
अधिक जानकारी के लिए हमने दैनिक जागरण के जयपुर के पत्रकार नरेंद्र शर्मा से संपर्क किया। हमने वायरल पोस्ट को उनके साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। यह घटना तकरीबन 10 दिन से ज्यादा पुरानी है। तेंदुआ जयपुर के मालवीय नगर में घुस आया था। वन विभाग ने समय से पहुंचकर उसे पकड़ लिया था। इस घटना में किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा था।
पड़ताल के दौरान हमें लखनऊ में घुसे तेंदुए का एक वीडियो पत्रिका के आधिकारिक फेसबुक अकाउंट पर मिला। आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, 25 दिसंबर को लखनऊ के कल्याणपुर और पहाड़पुर इलाके में तेंदुए को देखा गया था। रैपिड रेस्क्यू की 5 टीमें तेंदुए की तलाश में लगी हुई हैं। पत्रिका की एक रिपोर्ट के मुताबिक, तेंदुआ अभी तक कुल 15 लोगों को घायल कर चुका है और वन विभाग की टीमें उसे पकड़ने में असफल रही हैं। वन विभाग ने तेंदुए को लेकर कई एडवाइजरी नंबर भी जारी किए हैं।
पड़ताल के अंत में हमने इस पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक पेज Journalism की सोशल स्कैनिंग की। स्कैनिंग से हमें पता चला कि फेसबुक पेज को 1,157 फॉलो करते हैं। पेज को दिसंबर 18, 2015 को बनाया गया था।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में ये दावा भ्रामक साबित हुआ है। वायरल वीडियो लखनऊ का नहीं, बल्कि जयपुर का है।
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