Fact Check: पाकिस्तान से फैलाई गई अफवाह, दिल्ली के कोटला मस्जिद की तस्वीर को अयोध्या का बताया गया

नई दिल्‍ली विश्‍वास न्‍यूज।  सोशल मीडिया पर आजकल एक फोटो वायरल हो रहा है जिसमें एक खंडहर हुई पुरानी इमारत के सामने लोगों को नमाज पढ़ते देखा जा सकता है। फोटो के साथ दावा किया जा रहा है कि यह फोटो अयोध्या की बाबरी मस्जिद की है और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यहां आखरी बार नमाज पढ़ी जा रही है। हमने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। वायरल फोटो अयोध्या की नहीं, बल्कि दिल्ली के फिरोज शाह कोटला की जामी मस्जिद का है और 2008 का है।

CLAIM

वायरल फोटो में एक खंडहरनुमा इमारत में कुछ लोगों को नमाज पढ़ते देखा जा सकता है। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या की बाबरी मस्जिद में आखिरी बार नमाज पढ़ते लोगों की यह तस्वीर है।

Fact Check

आपको बता दें कि लंबे समय से चल रहे राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में आये फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर को निर्देश दिया था कि अयोध्या में भूमि हिन्दुओं को राम मंदिर के लिए दी जाएगी और सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए वैकल्पिक जगह उपलब्ध की जाएगी।

हमने इस पोस्ट की पड़ताल करने के लिए सबसे पहले इस तस्वीर का स्क्रीनशॉट लिया और फिर उसे गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। थोड़ा खंगालने पर हमारे सामने अंतरराष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसी एपी यानि एसोसिएट प्रेस इमेजेजमें ये तस्वीरों मिली। इस तस्वीर को 9 दिसंबर 2008 को अपलोड किया गया था। सबसे पहले ये तस्वीर यहीं इस्तेमाल हुई थी। तस्वीर के साथ लिखे डिस्क्रिप्शन के अनुसार, यह तस्वीर 9 दिसंबर 2008 कोटला मस्जिद की है जब बकरीद के दिन लोगों ने नमाज़ अदा की थी। इस तस्वीर को गुरिंदर ओसन नाम के फोटोग्राफर ने खींचा था।

हमने पुष्टि के लिए गुरिंदर ओसन से बात की। उन्होंने हमें बताया “ये तस्वीर अयोध्या की नहीं, बल्कि कोटला की है। उस समय मैंने एसोसिएट प्रेस के लिए ये बकरीद के दिन ये तस्वीर खींची थी।”

हालांकि, इंटरनेट पर ढूंढ़ने पर हमारे हाथ ESPN का एक आर्टिकल लगा जिसमें कोटला मस्जिद का फोटो था। तस्वीर देखने पर पता लगता है की कोटला की जामी मस्जिद का नवीनीकरण किया गया है।

इस मस्जिद के नवीनीकरण की खबर हमें हिंदुस्तान टाइम्स पर भी मिली।

इस पोस्ट को कई लोग सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर शेयर कर रहे हैं। इन्ही में से एक हैं Muhammad Zia‎ नाम का फेसबुक प्रोफाइल। इस प्रोफाइल की स्कैनिंग करने पर देखा जा सकता है कि यूजर पिछले कुछ समय से पाकिस्तान के मुल्तान शहर से पोस्ट अपडेट्स कर रहा है।

निष्कर्ष: हमने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। वायरल फोटो अयोध्या की नहीं, बल्कि दिल्ली के फिरोज शाह कोटला की जामी मस्जिद का है और 2008 का है।

False
Symbols that define nature of fake news
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