विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत साबित हुआ। कोलाज में पेंटिंग की तस्वीर महाराणा प्रताप की है मगर कैमरा से खींची तस्वीर धार के महाराजा आनंद राव तृतीय पवार (1844 – 1898) की है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर एक कोलाज वायरल हो रहा है, जिसमें एक तरफ एक पेंटिंग है और दूसरी तरफ एक पुरुष की भारतीय राजसी परिधान में कैमरे से खींची ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर है। वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि ये दोनों प्रारूप महाराणा प्रताप के हैं और दोनों में कितना फर्क है।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत साबित हुआ। कोलाज में पेंटिंग वाली तस्वीर मेवाड़ राज्य के राजपूत राजा रहे, महाराणा प्रताप की है मगर कैमरा से खींची तस्वीर धार के महाराजा आनंद राव तृतीय पवार (1844 – 1898) की है।
फेसबुक पेज ‘Dalit Memers Collective‘ (Archive) ने 27 अप्रैल को इस कोलाज को शेयर किया। इस पोस्ट में लिखा है, “ पेंटिंग कैमरा”
पोस्ट का आर्काइव लिंक यहाँ देखें।
वायरल पोस्ट की पड़ताल करने के लिए विश्वास न्यूज ने सबसे पहले कैमरा वाली तस्वीर को ठीक से देखा। इसके पुअर gettyimages Credit: Hulton Archive (गेटी इमेजेज क्रेडिट : हल्टन आर्काइव) लिखा हुआ था।
हमने गूगल रिवर्स इमेज पर ढूंढा तो हमें कैमरा से खींची फोटो की यह तस्वीर गेट्टी इमेजेज की वेबसाइट पर मिली। इस तस्वीर के शीर्षक में इसे धार के महाराजा आनंद राव तृतीय पवार (1844 – 1898) का बताया गया है। इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि तस्वीर 1877 में क्लिक की गई थी और यह हॉल्टन आर्काइव से ली गई है।
ढूंढ़ने पर हमें महाराजा आनंद राव तृतीय पुआर की और भी कई तस्वीरें मिलीं। साफ़ देखा जा सकता है कि वायरल तस्वीर में दिख रहे व्यक्ति महाराजा आनंद राव तृतीय ही थे।
हमने इस विषय में एम.एल.बी गर्ल्स कॉलेज भोपाल की इतिहास की प्रोफेसर डॉ. अमिता सिंह से बात की। जिन्होंने कन्फर्म किया कि यह तस्वीर महाराजा आनंद राव तृतीय पुआर की ही है।
कोलाज में इस्तेमाल महाराणा प्रताप की पेंटिंग को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें पता चला कि यह पेंटिंग असल में आर्टिस्ट तेजू जांगिड़ ने बनाई थी। उन्होंने इस तस्वीर को अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर 9 मई 2022 को शेयर कर लिखा था, “महाराणा प्रताप जयंती की शुभकामनाएं. चढ़ चेतक पर तलवार उठा रखता था भूतल पानी को। राणा प्रताप सिर काट काट। करता था सफल जवानी को। कृपया मेरे हस्ताक्षर या वॉटरमार्क हटाकर या मुझे श्रेय दिए बिना इसे दोबारा पोस्ट न करें। मूल पेंटिंग @artist_teju_jangid द्वारा uday prataap jayantee kee haardik shubhakaa”
आपको बता दें कि फोटोग्राफी का आविष्कार 19वीं सदी में हुई थी, जबकि मेवाड़ राज्य के राजपूत राजा, महाराणा प्रताप 1540-1597 तक जीवित रहे।
हमने वायरल दावे को शेयर करने वाले फेसबुक पेज ‘Dalit Memers Collective को स्कैन किया। इस पेज के 12,000 से अधिक फॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत साबित हुआ। कोलाज में पेंटिंग की तस्वीर महाराणा प्रताप की है मगर कैमरा से खींची तस्वीर धार के महाराजा आनंद राव तृतीय पवार (1844 – 1898) की है।
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