विश्वास न्यूज की जांच में दावा भ्रामक निकला। 2 साल पुरानी घटना को अब हालिया बताकर लाइक बटोरने के मकसद से वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इसमें एक सैनिक की तस्वीर पर माला है और साथ में दावा किया जा रहा है कि गाजियाबाद के एक शहीद जवान अमरीश त्यागी का 16 साल बाद बर्फ में दबा शव मिला है।
विश्वास न्यूज ने वायरल हो रही पोस्ट की विस्तार से जांच की। हमें पता चला कि करीब 2 साल पुरानी घटना को अब सोशल मीडिया में हालिया बताकर लाइक बटोरने के मकसद से वायरल किया जा रहा है। जांच में यह पोस्ट भ्रामक साबित होती है, क्योंकि यह घटना हाल-फिलहाल की नहीं है।
फेसबुक यूजर Indian Army fans ने 20 नवंबर को इस तस्वीर को पोस्ट करते हुए दावा किया: “गाजियाबाद के शहीद जवान अमरीश त्यागी का 16 साल बाद बर्फ में दबा मिला शव, 1 सेकंड का समय हो तो जय हिंद जरूर लिखें।’
फेसबुक पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है। पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों ही लिखा गया है।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की सच्चाई जानने के लिए सबसे पहले गूगल ओपन सर्च टूल का सहारा लिया। हमें इस मामले में एक खबर अमर उजाला की वेबसाइट पर मिली। इस खबर में लगी फीचर इमेज में उसी सैनिक की तस्वीर थी, जिनकी तस्वीर वायरल पोस्ट में थी। 29 सितंबर 2021 को पब्लिश इस खबर के अनुसार “शहीद सैनिक अमरीश त्यागी का 16 साल बाद मंगलवार को सैनिक सम्मान के साथ गाजियाबाद के मुरादनगर के गांव हिसाली में अंतिम संस्कार हुआ……………. 2005 सितंबर में सेना का 25 सदस्यीय दल ने हिमालय की सबसे ऊंची चोटी सतोपंथ (7075) पर तिरंगा फहराया था। इस दल में अमरीश त्यागी भी शामिल थे। पर्वतारोही दल जब तिरंगा फहराकर लौट रहा था तो 23 सितंबर को अचानक चार जवानों के पैर फिसल गए, वह बर्फ की खाई में जा गिरे। रेस्क्यू ऑपरेशन में तीन सैनिकों के शव बरामद कर लिए गए थे। अमरीश का शव नहीं मिला था। बड़े भाई विनेश त्यागी ने बताया कि 2006 में सेना ने अमरीश त्यागी को मृत घोषित कर मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया था। इसके बाद 23 सितंबर 2021 को अमरीश का शव गंगोत्री हिमालय से बरामद हुआ। सेना के अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। मंगलवार सुबह करीब 10:10 बजे सैनिक का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा। अंतिम दर्शन करने के लिए हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे।”
ढूंढ़ने पर हमें इस मामले में कई न्यूज पोर्टल्स पर खबरें मिलीं।
हमने इस विषय में गाजियाबाद स्थित फ्रीलांस पत्रकार तेजस चौहान से भी बात की। तेजस ने कन्फर्म किया कि ये घटना 2021 की थी।
इस भ्रामक खबर को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Indian Army fans (इंडियन आर्मी फैंस) के 12 लाख से अधिक फॉलोअर हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की जांच में दावा भ्रामक निकला। 2 साल पुरानी घटना को अब हालिया बताकर लाइक बटोरने के मकसद से वायरल किया जा रहा है।
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