नई दिल्ली (विश्वास टीम)।सोशल मीडिया पर आज कल एक पोस्ट वायरल हो रहा है जिसमें कुछ तस्वीरें हैं। इन तस्वीरों में एक बीमार बच्चे और उसके माता-पिता को देखा जा सकता है। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि बच्चा पबजी गेम खेल कर पागल हो गया है। हमने अपनी पड़ताल में पाया कि यह तस्वीर पबजी गेम से संबंधित नहीं है। असल में यह बच्चा कैंसर से ग्रस्त है जिसकी तस्वीर को गलत दावों के साथ वायरल किया जा रहा है।
CLAIM
वायरल पोस्ट में तीन तस्वीरें हैं। पहली तस्वीर में एक दुखी माता-पिता को अपने बीमार बच्चे के साथ देखा जा सकता है। दूसरी तस्वीर में पिता को बेटे के साथ और तीसरी तस्वीर में मां को अपने बेटे के साथ देखा जा सकता है। पोस्ट के साथ डिस्क्रिप्शन में लिखा है “पप्जी गेम में पागल हो गया कृपया अपने बच्चो को मोबाईल पर ऐसे गेम नही खेलने दे।”
FACT CHECK
इस पोस्ट की पड़ताल करने के लिए हमसे सबसे पहली तस्वीर का स्क्रीनशॉट लिया और उसे गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। ढूंढ़ने पर हमारे हाथ milaap.org नाम की एक वेबसाइट का लिंक लगा जिसमें इन तस्वीरों को सबसे पहले इस्तेमाल किया गया था। वेबसाइट पर मौजूद स्टोरी के अनुसार फोटो में मौजूद बच्चे का नाम सूजन है जो कर्नाटक का रहने वाला है। स्टोरी के मुताबिक, इस बच्चे को कैंसर है और इस साइट के जरिए उसके इलाज के लिए चंदा इकट्ठा किया जा रहा है।
हमने ज़्यादा पुष्टि के लिए मिलाप NGO में बात की। एनजीओ मिलाप में काम करने वाले वॉलन्टियर किशोर ने कन्फर्म किया कि फोटो में मौजूद लोग सूजन और उसका परिवार है। सूजन कैंसर से ग्रसित है और उसके परिवार के आग्रह पर इस वेबसाइट के जरिए उसके इलाज के लिए पैसा इकट्ठा किया जा रहा है।
ज्यादा पुष्टि के लिए हमने इंटरनेट पर ढूंढा कि क्या पबजी से वाकई दिमागी परेशानी हो सकती है। हमें इंटरनेट पर कई ऐसी खबरें मिलीं जहां कहा गया था कि पब्जी खेलने से लोगों का मानसिक संतुलन बिगड़ गया। ऐसी एक खबर हमें timesnownews.com पर मिली जहां कश्मीर के एक फिटनेस ट्रेनर के बारे में कहा गया था कि हद से ज्यादा पबजी खेलने पर इस ट्रेनर ने अपना दिमागी संतुलन खो दिया। इसी खबर के अनुसार, पिछले कुछ समय में जम्मू इलाके में ऐसी 6 घटनाएं हुई हैं जब मोबाइल गेमिंग से ग्रस्त लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
हमें techworm.net नाम की एक वेबसाइट पर भी एक खबर मिली है जहां कहा गया था कि 15 वर्ष के बच्चे को पब्जी एडिक्शन हो गया है जिसके बाद उसका दिमागी संतुलन बिगड़ गया है।
इसके बाद ज़्यादा पुष्टि के लिए हमने दिल्ली की जानी-मानी क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर ईशा मेहता से बात की। उन्होंने कहा ‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने आधिकारिक तौर पर गेमिंग डिसऑर्डर को आईसीडी 11 में डिजीज के तौर पर शामिल किया है। इस तरह के गेम्स उस खिलाड़ी के मेंटल हेल्थ पर बहुत बुरा असर डालते हैं, जो हद से ज्यादा प्ले करते हैं। अति हर चीज की बुरी होती है, यहां भी वही है। यह न सिर्फ पबजी के लिए है, बल्कि हर मोबाइल और वीडियो गेम पर लागू होता है।’ ये वीडियो गलत है।
इस पोस्ट को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर गौतम कुमार नाम के एक व्यक्ति ने शेयर किया था। इस प्रोफाइल की इन्फो के यूजर पटना के रहने वाले हैं।
निष्कर्ष: हमने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीरें एक कैंसर पेशेंट की है ना कि पबजी गेम खेलने से पागल हुए किसी इंसान की।
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