Fact Check: अत्याचार की यह तस्वीरें पश्चिम बंगाल की नहीं, बांग्लादेश और पाकिस्तान की हैं

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर आज कल एक पोस्ट वायरल हो रही है जिसमें कुछ तस्वीरें हैं. तस्वीरों में महिलाओं को रोते, घरों को जलते और लोगों को रेलिया निकालते देखा जा सकता है. पोस्ट के मुताबिक यह तस्वीरें पश्चिम बंगाल की हैं. पोस्ट में दावा किया गया है कि यह तस्वीरें पश्चिम बंगाल में हिंदुओं पर प्रताड़ना की हैं. हमारी पड़ताल में हमने पाया कि यह दावा गलत है. असल में यह तस्वीरें पश्चिम बंगाल की नहीं बल्कि बांग्लादेश और पाकिस्तान की हैं.

Claim

पोस्ट मी क्लेम किया गया है “पश्चिम बंगाल मे लोकतंत्र की हत्या और हिन्दुओ की पडताडना पर दुनिया के सेक्यूलर और सेक्युलर मिडिया चूप क्यो ?देख लो कमयूनिषटो T. M. C. और $%&# की गुंडागर्दी । वंहा तुरत राष्ट्रपति शासन लागू होना चाहिए ।काश्मीर से भी वदतर हालात।”

Fact Check

इस पोस्ट में कुल 5 तस्वीरें शेयर की गई है. हमने एक-एक करके सब तस्वीरों का फैक्ट चेक करने का फैसला किया। शेयर की गई सबसे पहली तस्वीर का हमने स्क्रीनशॉट लिया और उसे गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च करा तो हमारे सामने एक बांग्ला भाषा में लिखी वेबसाइट खुली जिसमें इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था. यह वेबसाईट थी eibela.com. ये वेबसाइट और स्टोरी बांग्ला में थी इसलिए हमने इसका गूगल ट्रांसलेट इस्तेमाल करके हिंदी अनुवाद देखा तो पाया कि यह वेबसाइट एक बांग्लादेशी वेबसाइट है. इस वेबसाइट पर जिस खबर में इस वायरल इमेज का इस्तेमाल किया गया था वो खबर 4 मई 2017 को फाइल की गई थी. इस खबर के अनुसार एक आतंकी हमले के बाद 12 हिंदू परिवारों के घर तबाह हो गए थे जिसके बाद इन परिवारों को एक मेकशिफ्ट जगह पर शिफ्ट कर दिया गया था. अब यह परिवार अपने घर वापसी की डिमांड कर रहे हैं. साफ है कि यह तस्वीर पश्चिम बंगाल की नहीं बल्कि बांग्लादेश के गाएबंदा इलाके की है.

शेयर की गई दूसरी तस्वीर में एक घर को जलते देखा जा सकता है. जब हमने रिवर्स इमेज पर सर्च करा तो पाया कि eibela.com वेबसाइट पर एक दूसरी खबर में इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था. यह खबर बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के बारे में थी.

शेयर की जा रही तीसरी तस्वीर हमें diariesofpersecutions.net वेबसाइट की एक खबर में मिली, यह खबर बांग्लादेश के फरीदपुर में अल्पसंख्यकों के घरों में तोड़फोड़ के बारे में थी.

शेयर की जा रही चौथी तस्वीर बहुत इंटरेस्टिंग है. इस तस्वीर में कुछ लोगों को रैली में केसरिया रंग का दुपट्टा डाले देखा जा सकता है, और उन्होंने एक बैनर पकड़ा हुआ है जिस पर बांग्ला भाषा में कुछ लिखा है. हमने अपने बांग्ला भाषा के एक्सपर्ट से इस बैनर को पढ़वाया तो उन्होंने हमें बताया कि बैनर पर लिखा है “बांग्लादेश में लगातार हिंदुओं की हत्या क्यों हो रही हैं, हिंदुओं पर अत्याचार क्यों हो रहे हैं, हिंदू औरतों के साथ रेप क्यों हो रहे हैं? शेख हसीना जवाब दो”. आपको बता दें कि शेख हसीना बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हैं. इस बैनर पर लिखी बातें अपने आप में बहुत बड़ा सबूत हैं कि यह तस्वीरें बांग्लादेश की हैं.

आखिरी तस्वीर में एक महिला को रोते देखा जा सकता है, और उनके पीछे कुछ \हिंदू देवी देवताओं की तस्वीरें भी रखी है. पीछे मकान टूटा हुआ है. हमने इस तस्वीर का स्क्रीनशॉट लिया और उसे गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च करा तो हम एशियन लाइट इंटरनेशनल नाम की एक वेबसाइट की स्टोरी पर पहुंचे। स्टोरी की हेडलाइन थी ‘पाकिस्तान में हिंदू मंदिरों पर हमले बढे’. इस स्टोरी को नवंबर 28 2014 को शेयर किया गया था, और इस स्टोरी में इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था. साफ़ है कि यह तस्वीर पुरानी है और पाकिस्तान की है.

इस पोस्ट को अशोक श्रीवास्तव नाम के एक फेसबुक यूजर में अपलोड किया था.

निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में हमने पाया कि वायरल किया जा रहा दावा गलत है. वायरल तस्वीरें पश्चिम बंगाल की नहीं बल्कि बांग्लादेश और पाकिस्तान की हैं.

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Symbols that define nature of fake news
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