Fact Check : देहरादून में एक ही समुदाय के दो पक्षों की मारपीट के वीडियो को सांप्रदायिक दावे के साथ किया गया वायरल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। पता चला कि वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा भ्रामक है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्‍लेटफॉर्म और वॉट्सऐप पर मारपीट का एक वीडियो वायरल किया जा रहा है। इसमें दो पक्षों को एक-दूसरे पर हमला करते हुए देखा जा सकता है। कुछ यूजर्स इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि देहरादून में मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों ने हिंदुओं के साथ मारपीट की। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी इस वीडियो को वायरल कर रहे हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। पता चला कि वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा भ्रामक है। दरअसल मार्च में एक ही समुदाय के दो पक्ष आपस में भिड़ गए थे। उसी घटना के वीडियो को कुछ लोग सांप्रदायिक रंग देकर हिंदू मुस्लिम के नाम पर वायरल कर रहे हैं।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर निखिल गुप्‍ता ने 29 मार्च को एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया, “देहरादून लोहिया नगर का वीडियो है यह हिंदुओं को भगा भगा कर मार रहे हैं यह है काफिर।”

वायरल पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल वीडियो की जांच के लिए सबसे पहले देहरादून पुलिस के सोशल मीडिया हैंडल्‍स को स्‍कैन करना शुरू किया। हमें देहरादून पुलिस के एक्‍स हैंडल पर कई ऐसे जवाब मिले, जिसमें वायरल वीडियो के साथ किए जा रहे दावे को गलत बताया गया।

29 मार्च को देहरादून पुलिस ने लिखा, “मारपीट का उक्त वीडियो दिनांक 25/03/2024 को पटेलनगर क्षेत्र में लोहिया नगर का है, जिसमे दो मुस्लिम पक्षों के मध्य आपसी रंजिश के कारण मारपीट की घटना हुई थी, दोनों पक्षों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। दोनों पक्ष मुस्लिम समुदाय के हैं, कृपया इसे साम्प्रदायिक रूप देने का प्रयास न करें।”

जांच को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण, देहरादून के संस्‍करण को खंगालना शुरू किया गया। दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर में वायरल वीडियो को लेकर बताया गया कि इंटरनेट पर कुछ शरारती तत्‍वों ने विवाद के वीडियो को हिंदू मुस्लिम विवाद से जोड़कर सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास किया। दोनों पक्ष मुस्लिम हैं।

खबर में आगे बताया गया कि पुरानी रंजिश के चलते देहरादून के पटेलनगर क्षेत्र में होली की शाम दो पक्ष आपस में भिड़ गए। दोनों पक्ष मुस्लिम हैं। पूरी खबर को विस्‍तार से नीचे पढ़ा जा सकता है।

गूगल ओपन सर्च के दौरान हमें एक स्‍थानीय वेबसाइट पर इससे संबंधित एक खबर मिली। इसे 30 मार्च को पब्लिश किया गया। इसमें बताया गया कि देहरादून पुलिस ने वायरल वीडियो का खंडन किया है। पुलिस ने आम जनता से अनुरोध किया है कि ऐसी अफवाहों पर ध्यान न दें और न ही ऐसी किसी खबर को बिना किसी पुष्टि के आगे प्रसारित करें। संबंधित खबर को यहां पढ़ा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच के अंत में दैनिक जागरण, देहरादून के प्रभारी देवेंद्र सती से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि वायरल वीडियो एक ही समुदाय के दो पक्षों के बीच हुई मारपीट का है। इसमें कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है।

अब बारी थी देहरादून के वीडियो को सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल करने वाले यूजर की जांच करने की। सोशल स्‍कैनिंग में पता चला कि यूजर निखिल गुप्‍ता के फेसबुक पर करीब पांच हजार फ्रेंड हैं। यूजर दिल्‍ली का रहने वाला है।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। एक ही समुदाय के दो पक्षों में हुई मारपीट के वीडियो को कुछ लोग हिंदू-मुस्लिम के नाम पर वायरल करके सांप्रदायिकता फैला रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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