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Fact Check : अंगूर के जूस से कैंसर के 48 घंटे में ठीक होने का दावा है गलत

  • By: admin
  • Published: Mar 1, 2019 at 02:28 PM

नई दिल्‍ली, विश्‍वास टीम। सोशल मीडिया पर एक फर्जी खबर वायरल हो रही है कि 48 घंटे के अंदर किसी भी तरह के कैंसर का इलाज हो सकता है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये खबर झूठी साबित हुई है।

वायरल पोस्ट में क्या है

यह खबर उन्नत खेती नाम के पेज पर शेयर की गई है। यह खबर 16 फरवरी को शेयर की गई थी। इस खबर को अभी तक 615 बार शेयर किया जा चुका है।

वायरल न्‍यूज और हकीकत

यह खबर उन्‍नत उद्योग बिजनेस आइडिया नाम की वेबसाइट पर प्रसारित हो रही है,जिसमें यह दावा किया जा रहा है।

1- दावा :  कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में कैंसर के मरीजों पर शोध में इस बात का खुलासा हुआ कि कैंसर के मरीजों को अंगूर के बीज के रस का सेवन कराया जाए तो 48 घंटों के भीतर ही हमारे सामने नतीजे आने शुरू हो जाते हैं।

जांच : ऐसा कुछ नहीं हैं, केवल हल्‍दी के प्रयोग में एंटी कैंसर प्रॉपर्टी पाई जाती हैं। वहीं, अंगूर का जूस पीने से कैंसर को रोका जा सकता है, ऐसा नहीं है कि कैंसर हो गया हो और उसे पूरी तरह खत्‍म कर दें ।

2 – दावा : ब्रेस्ट कैंसर की रोकथाम में अंगूर का सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है। इसके अलावा दिल से जुड़ी बीमारियों के लिए भी ये विशेष रूप से फायदेमंद है। खून की कमी को दूर करने के लिए एक गिलास अंगूर के जूस में 2 चम्मच शहद मिलाकर पीने से खून की कमी दूर हो जाती है।

जांच : ऐसा कर सकते हैं, लेकिन कैंसर से बचाव के लिए बेहतर डाइट का होना जरूरी है, आ‍धुनिक खानपान और फास्‍ट फूड से बचना चाहिए।

3-  दावा : अंगूर में पर्याप्त मात्रा में कैलोरी, फाइबर और विटामिन सी और ई पाया जाता है। इसमे ग्लूकोज, मैग्नीशियम और साइट्रिक एसिड जैसे कई पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं, जो कई गंभीर बीमारियों में राहत देने के लिए कारगर माने जाते हैं। मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए भी अंगूर बेहद फायदेमंद है। ये ब्लड में शुगर के लेवल को कम करता है। इसके अलावा ये आयरन का भी एक बेहतरीन माध्यम है।

जांच : साइट्रिक एसिड से इम्‍युनिटी बढ़ती है, जिससे शरीर कई बीमारियों से लड़ने के लिए कारगर हो जाता है। साइट्रिक से आशय खट्टी चीजों के खाने से है। संतरा, नीबू में साइट्रिक एसिड होता है।

क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर : इस बारे में जब हमने एम्‍स के मेडिकल अंकोलॉजी में डॉक्‍टर राजा प्रमाणिक से बात की तो उन्‍होंने कहा कि ऐसा नहीं हैं। अंगूर के बीज के जूस से कैंसर ठीक नहीं हो सकता है। यह खबर सही नहीं है।एम्‍स में अंकोलॉजी विभाग में पैलिएटिव केयर में डॉक्‍टर राकेश गर्ग ने बताया कि कैंसर से बचाव के लिए प्राकृतिक चीजों का सेवन करना चाहिए, लेकिन कैंसर 48 घंटे में सही हो सकता है यह सही नहीं हैं। उन्‍होंने कहा कि कैंसर होने की वजह मोटापा, जे‍नेटिक, फैमिली हिस्‍ट्री, अवसाद रहते हैं। कई बार जो लोग उन फैक्‍ट्रियों में काम कर रहे हैं जहां मरकरी, एस्बेस्‍टस, सिलिका का काम होता है। ऐसे लोगों को कैंसर होने का खतरा रहता है।

एम्‍स के ही डॉक्‍टर एमडी रे ने बताया कि अंगूर के सेवन से कैंसर ठीक नहीं हो सकता है। हर कैंसर का अलग मिजाज होता है। अगर इन कारकों से दूर रखा जाये तो उसे कैंसर होने के खतरे कम हो जाते हैं। बीएल कपूर हॉस्पिटल में डॉक्‍टर दीपक कुमार शर्मा ने बताया कि अंगूर में जो साइट्रिक एसिड होता है वह कई रोगों के लिए बेहतर होता है, क्‍योंकि यह शरीर की इम्‍युनिटी को बढ़ाता है। कैंसर 48 घंटों में ठीक होने की बात अभी मेडिकल क्षेत्र में संभव नहीं है।

कुछ प्रकार के कैंसर का इलाज जल्‍द संभव: डॉ. राजा प्रमाणिक ने बताया कि कुछ कैंसरों का इलाज जल्‍द हो सकता है। कई बार यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि कैंसर कौन-सी स्‍टेज का है। उन्‍होंने कहा जर्म सेल कैंसर, ब्रेस्‍ट कैंसर, बच्‍चों का ल्यूकेमिया कैंसर जल्‍द ठीक हो जाते हैं। इसके लिए उचित मेडिसन और थेरेपी के साथ फॉलोअप की जरूरत है, लेकिन अंगूर द्वारा इलाज से कैंसर के ठीक होने की बात सही नहीं है।

कैंसर के साथ यह भी महत्‍वपूर्ण है कि कैंसर कौन-सी प्रकृति का है। कई प्रकार के कैंसर पूरी तरह सही नहीं हो सकते हैं, लेकिन उनको नियंत्रित जरूर किया जा सकता है। अगर मरीज उनके पास शुरुआती स्‍टेज में आ जाता है तो कैंसर ठीक हो जाता है। एक उदाहरण के तौर पर समझा जाये कि यदि किसी को जीभ में कोई दाना है और पता चले कि उसे कैंसर है तो यह पूरी तरह ठीक हो सकता है,लेकिन अंगूर से इलाज का अभी तक कोई प्रमाणिक साक्ष्‍य नहीं मिला है।

वहीं स्‍टेज 1 और स्‍टेज 2 के कैंसर भी ठीक हो जाते हैं। हालांकि, मरीज तीसरी और चौथी स्‍टेज में आये तो मरीज को ठीक करने में दिक्‍कत आती है।

सही इलाज ही है कैंसर का कारगर इलाज

एम्‍स  के डॉ  राकेश गर्ग ने बताया कि कैंसर किस प्रकार का है और वह शरीर के किस हिस्‍से में हैं, इन बातों पर भी इसका इलाज निर्भर करता है। वहीं कैंसर कितनी बार हुआ है, इस पर भी निर्भर रहता है। कुछ कैंसर में कीमोथेरेपी और कुछ में रेडियेशन की जरूरत पड़ती है। वहीं कुछ सर्जरी के बाद ठीक हो जाते हैं। कीमोथेरेपी का प्रोटोकॉल है कि इसे 12 बार देना ही होता है। इसके बाद ही पता चल पाता है कि कैंसर कितना कम हुआ है।  वहीं, रेडियशन थेरेपी में 30 साइकिल 6 सप्‍ताह के अंदर दी जाती है, इसमें मरीज कितना ठीक हुआ है। यह सब फॉलोअप में पता चलता है।

महिलाओं और पुरुषों को होने वाले कैंसर : कैंसर की पहचान के लिए कई बार लोगों को परेशानी होती है। ऐसे में विभिन्‍न शरीर के हिसाब से उसकी स्‍क्रीनिंग की जाती है। यह महिलाओं और पुरुष दोनों के लिए अलग-अलग होते हैं। महिलाओं में ब्रेस्‍ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर होने की समस्‍या ज्‍यादा होती है। वहीं पुरुषों में प्रोस्‍टेट कैंसर, लंग कैंसर, कोलन कैंसर ज्‍यादा होते हैं। हर कैंसर के लक्षण अलग होते हैं।

बच्‍चों का कैंसर जल्‍द ठीक होता है : मरीजों को कैंसर की जांच में फॉलोअप में आना जरूरी है, कई बार कुछ मरीज पूरी जिंदगी भर फॉलोअप में रहते हैं। डॉ एमडी रे ने बताया कि बच्‍चों के कैंसर जल्‍द ठीक हो जाते हैं, लेकिन जितना जल्‍दी डिटेक्‍शन हो जाये तो बेहतर रहेगा।

कैसे करें पहचान

1- शरीर में यदि पांच सेंटीमीटर से बड़ी गांठ है तो व्‍यक्ति को जरूर दिखाना चाहिए । कई बार गांठ चार सप्‍ताह से ज्‍यादा है तब भी उसे दिखाना चाहिए।

2- यदि व्‍यक्ति का वजन गिर रहा हो तो उसे जरूर अपनी जांच करानी चाहिए ।

3 – मुंह के कैंसर में यदि छाला दो सप्‍ताह या चार सप्‍ताह के बाद भी नहीं जा रहा है तो आपको दिखाना चाहिए। मुंह में छाला बढ़ रहा है तो भी यह कैंसर होने का लक्षण हो सकता है, वहीं सफेद दाग हो रहे हैं तब भी डॉक्‍टर से परामर्श लेना चाहिए। यदि मुंह में कोई घाव लगतार बढ़ रहा है तो भी यह कैंसर का लक्षण हो सकता है

4- खांसी, खांसी में खून आना, खांसी में जकड़न होना इनके साथ वजन गिरना, भूख न लगना आदि लंग कैंसर के लक्षण हैं।

5- कोलन कैंसर में मल त्‍याग करते हुए खून आता है, पेट में लगातार दर्द होता है। पीलिया होना, ये सब कैंसर के लक्षण है। एनीमिया अचानक हो गया हो तो यह डॉक्‍टर को दिखाना चाहिए।

6- गले में सूजन हो रही है, यदि कोई सूजन ऐसी जिसमें दर्द न हो तो तुरंत डॉक्‍टर को दिखाना चाहिए।

7- बच्‍चों के मामले में यदि उनकी हड्डियों में दर्द हो रहा है , ऐसा बुखार जिसकी पहचान नहीं हो पा रही है। कई सप्‍ताह से बुखार है तो यह कैंसर होने का लक्षण हो सकता है। 

(एम्‍स के डॉक्‍टर राजा प्रमाणिक , डॉक्‍टर एमडी रे, डॉक्‍टर राकेश गर्ग और बीएल कपूर के डॉक्‍टर दीपक कुमार शर्मा से बातचीत पर आधाारित)

क्‍या कहते हैं रिसर्च : हालांकि, कुछ रिसर्च में दावा किया गया है कि अंगूर में एंटी कैंसर प्रॉपर्टी होती हैं। हमने यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की साइट पर भी इस दावे को तलाशा, लेकिन वह हमें नहीं मिला। इसके लिए हमने university of california cancer research on grapes नाम से सर्च किया। इस दौरान हमें अन्‍य रिसर्च मिले। जिसमें द जर्नल ऑफ न्‍यूट्रिशन (https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2728696/ ) का रिसर्च मिला। इसमें कहा गया है कि अंगूर और इसके बने पदार्थ में एंटी कैंसर एजेंट होते हैं।

पड़ताल : इस खबर का प्रसार करने वाली वेबसाइट का पता लगाने के लिए हमने Whois.com की मदद ली, इससे हमें पता चला कि यह वेबसाइट 6 जून 2017 को अमेरिका के एरिजोना में रजिस्‍टर्ड की गई। इस वेबसाइट पर हेल्‍थ, खेतीबाड़ी और लाइफस्‍टाइल से जुड़ी खबर होती हैं। यहां मौजूद अधिकांश खबरें दूसरी जगह से कॉपी की गई हैं। ये साइट अपने पेज व्‍यूज बढ़ाने के लिए ऐसी अपुष्‍ट खबरें पब्लिश करती है। 

निष्‍कर्ष: कैंसर के डॉक्‍टरों से बातचीत के आधार पर यह साफ है कि ये खबर पूरी तरह से गलत है।

(फैक्‍ट चेक : कृष्‍ण कुमार) 

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