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Fact Check: ब्राह्मणों को अपशब्द कहने पर एट्रोसिटी एक्ट लागू होने का दावा गलत

विश्वास न्यूज की पड़ताल में ब्राह्मणों के खिलाफ अपशब्द कहने पर एट्रोसिटी एक्ट लागू होने का दावा गलत निकला। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस तरह का कोई फैसला नहीं सुनाया गया है।

  • By: Pragya Shukla
  • Published: Jul 8, 2022 at 05:16 PM
  • Updated: Jul 11, 2022 at 12:38 PM

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया यूजर्स एक पोस्ट शेयर कर दावा कर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए ये फैसला सुनाया है कि ब्राह्मणों के खिलाफ अपशब्द कहने पर अब एट्रोसिटी एक्ट लागू होगा। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा गलत निकला। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस तरह का कोई फैसला नहीं सुनाया गया है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर Radhey Pandit ने वायरल दावे को शेयर करते हुए लिखा है, मुकेश भट्ट एडवोकेट जी को दिल से धन्यवाद व बधाई सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया ने दिया बड़ा फैसलाब्राह्मण जाति के लिए अपशब्द बोलने पे अब लागू होगा एट्रोसिटी ऐक्ट।।

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां पर देखा जा सकता है।

पड़ताल

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर कई कीवर्ड्स के जरिए सर्च किया, लेकिन हमें वायरल दावे से जुड़ी कोई विश्वसनीय मीडिया रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई। पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने कानूनी मुद्दों पर लेख प्रकाशित करने वाली वेबसाइट ‘Live Law‘ और ‘BarandBench‘ को खंगालना शुरू किया। हमें यहां पर भी दावे से जुड़ी कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई।

जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर जाकर इस बारे में सर्च करना शुरू किया। हमें यहां पर भी ऐसा कोई जजमेंट नहीं मिला, जैसा कि वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है।

अधिक जानकारी के लिए हमने सुप्रीम कोर्ट के वकील मोहित त्यागी से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस तरह का कोई फैसला नहीं सुनाया गया है और ना ही इस तरह की कोई याचिका दायर हुई है। ब्राह्मणों के खिलाफ अपशब्द कहने पर अब एट्रोसिटी एक्ट लागू नहीं हो सकता है। एससी/एसटी (SC/ST) एट्रोसिटी एक्ट को 1989 में पारित किया गया था। यह एक विशेष तरह का कानून है, जो संविधान के अनुच्छेद 15 (4) के तहत बनाया गया था। यह समाज के दलित वर्ग के लिए विशेष प्रावधान करने की छूट देता है।

पड़ताल के अंत में हमने दावे को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Radhey Pandit के अकाउंट की स्कैनिंग की। स्कैनिंग से हमें पता चला कि यूजर के फेसबुक पर तकरीबन 2,658 लोग फॉलो करते हैं। यूजर एक विचारधारा से प्रभावित है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में ब्राह्मणों के खिलाफ अपशब्द कहने पर एट्रोसिटी एक्ट लागू होने का दावा गलत निकला। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस तरह का कोई फैसला नहीं सुनाया गया है।

  • Claim Review : मुकेश भट्ट एडवोकेट जी को दिल से धन्यवाद व बधाई सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया ने दिया बड़ा फैसला*ब्राह्मण जाति के लिए अपशब्द बोलने पे अब लागू होगा एट्रोसिटी ऐक्ट
  • Claimed By : Radhey Pandit
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