Fact Check: रेलवे में वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट अभी बहाल नहीं हुई है, वायरल दावा गलत  

रेलवे के किराये में वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट को अभी बहाल नहीं किया गया है। मार्च 2020 में वरिष्ठ नागरिकों को रेल किराये में मिलने वाली छूट को बंद कर दिया गया था।  

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। रेलवे में वरिष्ठ नागरिकों को किराये में छूट को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इसमें दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने ट्रेन में यात्रा के लिए वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट को बहाल कर दिया है। इसके तहत 60 साल या उससे अधिक आयु के पुरुष को 40 फीसदी और 58 वर्ष या उससे अधिक आयु की महिला को किराये में 50 फीसदी की रियायत मिलेगी।  

विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि केंद्र सरकार ने अभी रेल यात्रा में वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट को बहाल नहीं किया है। 20 मार्च 2020 को वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन के किराये में मिलने वाली छूट को बंद कर दिया था। इसके बाद लॉकडाउन में ट्रेनों को संचालन बंद हो गया था, लेकिन संचालन दोबारा शुरू होने के बाद इस सुविधा को बहाल नहीं किया गया है।

क्या है वायरल पोस्ट

विश्‍वास न्‍यूज के टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर यूजर ने इस पोस्ट को भेजकर इसकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया।

फेसबुक यूजर Vinay Pharasi (आर्काइव लिंक) ने 30 सितंबर को पोस्ट करते हुए लिखा,

“केंद्र सरकार ने रेलवे यात्रा में वरिष्ठ नागरिकों के लिए रियायती सुविधाओं की फिर से घोषणा की है।

पुरुष वरिष्ठ नागरिक को छूट आयु 60 वर्ष या उससे अधिक।

महिला वरिष्ठ नागरिक राहत आयु 58 वर्ष या उससे अधिक।

पुरुषों के लिए रेल यात्री किराये में 40% की छूट।

महिलाओं को रेलवे किराये में 50% की छूट।

यह छूट रेलवे के किसी भी श्रेणी की यात्री ट्रेनों जैसे मेल/एक्सप्रेस/राजधानी/शताब्दी/जनशताब्दी/दुरंतो में उपलब्ध होगी।

रेलवे आरक्षण / या, सभी सामान्य टिकट बनाते समय किसी आयु प्रमाण की आवश्यकता नहीं है।

हालांकि, ट्रेन से यात्रा करते समय रेलवे टिकट जांच (टीसी) के मामले में उम्र के प्रमाण के रूप में पैन कार्ड, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या फोटो के साथ कोई भी सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त पत्र जमा करना अनिवार्य है।

वरिष्ठ नागरिक अपने रेलवे टिकट किसी भी टिकट/आरक्षण कार्यालय से या इंटरनेट के माध्यम से खरीद सकते हैं।

रेलवे में यात्री आरक्षण प्रणाली (पीआरएस) में वरिष्ठ नागरिकों, गर्भवती महिलाओं और 45 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को स्लीपर क्लास में 6 बर्थ और एसी-3, एसी-2 में 3 बर्थ आवंटित की जाती हैं।

आपके पास जितने संपर्क नंबर और समूह हैं, सभी को भेजें।

राजधानी/दुरंतो में 4 से अधिक बर्थ आरक्षण के लिए निर्धारित की जाएंगी।

वरिष्ठ नागरिकों, बीमार यात्रियों, विकलांग यात्रियों को व्हीलचेयर निःशुल्क प्रदान की जाएगी।

इसके अलावा, यदि वरिष्ठ नागरिकों को गाइड (अधिकृत कुली) की आवश्यकता होती है, तो उन्हें अलग से शुल्क देना होगा।

रेलवे प्रशासन कुछ महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशनों पर बीमार, विकलांग और वरिष्ठ नागरिक यात्रियों को बैटरी चालित आधुनिक व्हीलचेयर मुफ्त उपलब्ध कराएगा।

वरिष्ठ नागरिकों, विकलांगों और बीमार रेलवे यात्रियों के लिए आईआरसीटीसी विशेष यात्री मित्र सेवा/सेवाएं कई प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर शुरू की गई हैं।

रेलवे यात्री ट्रेन के प्रस्थान के बाद, यदि उपरोक्त रियायतों के लिए आरक्षित निचली बर्थ खाली हैं, तो शेष बर्थ प्रतीक्षा चार्ट में वरिष्ठ नागरिकों, विकलांग व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं को पहली प्राथमिकता देते हुए अन्य सभी सामान्य यात्रियों को दी जा सकती हैं।

आपसे उपरोक्त सभी महत्वपूर्ण जानकारियों को सभी रेल यात्रियों तक पहुंचाने का निवेदन है, ताकि जरूरतमंद इसका लाभ उठा सकें।”

पड़ताल

वायरल दावे की जांच के लिए हमने कीवर्ड से इस बारे में गूगल पर सर्च किया, लेकिन ऐसी कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली, जिससे वायरल दावे की पुष्टि हो सके। हां, एबीपी लाइव में 4 अगस्त 2024 को पीटीआई के हवाले से छपी खबर में लिखा है, “रेल किराये में सीनियर सिटिजंस को मिलने वाली छूट की मांगों के बीच सरकार ने संसद में जवाब दिया है। रेल मंत्री से वरिष्ठ नागरिकों को किराये में पहले मिलने वाली छूट को लेकर सवाल पूछा गया था। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में जवाब देते हुए कहा कि 2022-23 में भारतीय रेल ने यात्रियों को किफायती सुविधाएं देने के लिए 57 हजार करोड़ की सब्सिडी दी है। इसका लाभ सभी यात्रियों को मिल रहा है। हालांकि, रेल मंत्री ने अपने जवाब में वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट का कोई जिक्र नहीं किया। वह पहले भी यह तर्क देते आए हैं कि वरिष्ठ नागरिकों को अलग से छूट देने की कोई योजना नहीं है।”

आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर अपलोड प्रेस नोट में लिखा है कि 20 मार्च 2020 से सीनियर सिटिजंस को किराये में मिलने वाली छूट की सुविधा को वापस लिया जाता है। इसमें वरिष्ठ नागरिकों को पहले मिलने वाली छूट के बारे में लिखा है। इसके अनुसार, भारतीय रेलवे में सभी श्रेणियों मेल/एक्सप्रेस/शताब्दी/जन शताब्दी/ दूरंतो की ट्रेनों में 60 साल या उससे अधिक की उम्र के पुरुष वरिष्ठ नागरिकों को 40 फीसदी और 58 साल से या उससे अधिक उम्र की महिला को किराये में 50 फीसदी की रियायत मिल रही थी। यात्रा के दौरान उनको अपना आईडी प्रूफ दिखाना होता था।

आजतक की वेबसाइट पर 12 जुलाई 2024 को छपी खबर में लिखा है कि वरिष्ठ नागरिकों को दी जानी किराये में छूट बंद करने से रेलवे को अतिरिक्त लाभ मिला है। निलंबन की अवधि के दौरान रेलवे में आठ करोड़ वरिष्ठ नागरिकों से 5 हजार करोड़ से ज्यादा का रेवेन्यू मिला है। इसमें से 2242 करोड़ रुपये उनको मिलने वाली छूट से आए हैं।

ईरेल डॉट इन पर दी गई जानकारी के अनुसार, कम्प्यूटरीकृत यात्री आरक्षण प्रणाली (पीआरएस) में वरिष्ठ नागरिकों, 45 वर्ष या उससे अधिक आयु की महिला यात्रियों को निचली बर्थ आवंटित करने का प्रावधान है। भले ही उन्होंने कोई विकल्प न दिया गया हो। इसके लिए बुकिंग के समय लोअर बर्थ उपलब्ध होनी जरूरी है।

– आरक्षित सीटों वाली सभी ट्रेनों में स्लीपर, एसी 3 टियर और एसी 2 टियर श्रेणियों में अकेले यात्रा करने वाले वरिष्ठ नागरिकों, 45 वर्ष या उससे अधिक आयु की महिला यात्री और गर्भवती महिलाओं के लिए प्रति कोच दो निचली बर्थ का कोटा निर्धारित किया गया है।

– रेलवे स्टेशनों पर व्हील चेयर उपलब्ध कराने के निर्देश हैं। कुली की सुविधा भी भुगतान पर प्रदान की जाती है। जोनल रेलवे को रेलवे स्टेशनों पर विकलांग और वृद्ध यात्रियों के लिए निःशुल्क ‘बैटरी चालित वाहन’ उपलब्ध कराने की भी सलाह दी गई है।

इस बारे में हमने नई दिल्ली रेलवे के सीनियर पीआरओ राजेश खरे और साउथ ईस्टर्न रेलवे के सीपीआरओ ओम प्रकाश से संपर्क किया। उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों  को किराये में मिलने वाली छूट की बहाली की किसी भी सूचना से इनकार किया। दोनों ने कहा कि उन्हें ऐसी कोई सूचना नहीं मिली है।

गलत पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। यूजर के तीन हजार से अधिक फ्रेंड्स हैं।

निष्कर्ष: रेलवे के किराये में वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट को अभी बहाल नहीं किया गया है। मार्च 2020 में वरिष्ठ नागरिकों को रेल किराये में मिलने वाली छूट को बंद कर दिया गया था।  

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