Fact Check: भगत सिंह की असली फोटो बताकर वायरल की जा रही है फर्रुखाबाद के नवाब की तस्वीर

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया आज कल ऐसा प्लेटफ़ॉर्म बन गया है, जहाँ पर फर्जी ख़बरों को बड़े बारीकी से शेयर किया जा रहा है। इसी तरह एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इस तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि ये तस्वीर भगत सिंह की असली तस्वीर है।

विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में पाया है कि यह तस्वीर भगत सिंह की नहीं है। असल में यह तस्वीर 1857 में क़ैद किए गए फर्रुखाबाद के नवाब तफ्जुल हुसैन खान की है।

क्या हो रहा है वायरल?

सोशल मीडिया के फेसबुक प्लेटफॉर्म पर “Chhagan Prajapat” नाम के यूजर एक तस्वीर अपलोड करते हैं। इस तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर भगत सिंह की असली तस्वीर है। इस पोस्ट में डिस्क्रिप्शन लिखा गया है: “भगत सिंह की असली फोटो..
share जरूर करे”

पड़ताल

विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल शुरू करते हुए सबसे पहले इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज में अपलोड किया। सर्च के नतीजों में हमें कई जगह यह तस्वीर भगत सिंह के नाम से शेयर की गई मिली और कई जगह फर्रुखाबाद के नवाब, तफ्जुल हुसैन खान के नाम से शेयर की गई मिली।

हम “http://www.shahidbhagatsingh.org” नाम की वेबसाइट पर गए। यह वेबसाइट “Shaheed Bhagat Singh Centenary Foundation” की तरफ से चलाई जा रही है। इस वेबसाइट पर भगत सिंह के जीवनकाल के बारे में और उनके परिवार से जुडी जानकारी को साझा किया गया था और भगत सिंह की असली तस्वीरें भी यहां मौजूद थी। “Shaheed Bhagat Singh Centenary Foundation” के चेयरमैन शहीद भगत सिंह की बहन अमर कौर के बेटे प्रोफेसर जगमोहन सिंह है।

भगत सिंह की असली तस्वीरें आप नीचे देख सकते हो।

हमें वायरल तस्वीर यहां नहीं मिली और अगर हम भगत सिंह की असली तस्वीरों को देखते हैं तो यह बात साफ़ नजर आ जाती है कि वायरल तस्वीर भगत सिंह की नहीं है। वायरल तस्वीर और भगत सिंह की असली तस्वीर आप नीचे देख सकते हैं।


भगत सिंह की असली तस्वीर

वायरल हो रही तस्वीर

अब हमने इस वायरल हो रही तस्वीर की तफ्तीश और बढ़ाई। हमें यह तस्वीर 2011 के एक फेसबुक पोस्ट पर मिली। यह पोस्ट “History of farrukhabad.” नाम के पेज द्वारा शेयर किया गया था। इस पोस्ट के डिस्क्रिप्शन के अनुसार, यह तस्वीर “फर्रुखाबाद के नवाब” की है और इस तस्वीर को 1857 के विद्रोह से जोड़ पेश किया गया था।

इस तस्वीर की पड़ताल के दौरान हमें एक लिंक “STATE LIBRARY VICTORIA” की आधिकारिक वेबसाइट का मिला। मेलबर्न पब्लिक लाइब्रेरी के तौर पर 1854 में स्थापित, “STATE LIBRARY VICTORIA” ऑस्ट्रेलिया की सबसे पुरानी पब्लिक लाइब्रेरी है और विश्व की पहली मुफ्त लाइब्रेरी है। इस वेबसाइट पर इस तस्वीर के बारे में जानकारी दी गई थी। इस तस्वीर के साथ डिस्क्रिप्शन लिखा गया था: “The “Nawab of Ferrukhabad” banished from India for life because of his crimes during the Mutiny, now residing at Mecca. Ought to have been hanged”

डिस्क्रिप्शन के अनुसार: “फर्रुखाबाद के नवाब” ने अंग्रेजों के खिलाफ 1857 के विद्रोह में हिस्सा लिया था, जिसके बाद उसे देश निकाला दे दिया गया था और वह मक्का चला गया था।

अब हमने इस तस्वीर की आधिकारिक पुष्टि लेने के लिए “Shaheed Bhagat Singh Centenary Foundation” के चेयरमैन और शहीद भगत सिंह की बहन अमर कौर के बेटे प्रोफेसर जगमोहन सिंह से संपर्क किया। जगमोहन सिंह ने हमें इस तस्वीर के बारे में पुष्टि देते हुए बताया, “यह वायरल हो रही तस्वीर भगत सिंह की नहीं है और पहले भी कई बार यह तस्वीर भगत सिंह के नाम से वायरल हो चुकी है। असल में, यह तस्वीर फर्रुखाबाद के नवाब तफ्जुल हुसैन खान की है जिसको 1857 के विद्रोह में हिस्सा लेने के लिए फांसी की सजा सुनाई गई थी पर बाद में उन्हें अडान भेज दिया गया था, जहां 19 मई 1882 को मक्का में उनकी मौत हो गई थी।”

अंत में विश्वास टीम ने इस तस्वीर को पोस्ट करने वाले यूजर “Chhagan Prajapat” के अकाउंट की सोशल स्कैनिंग करने का फैसला किया। हमने पाया कि यूजर हैदराबाद में रहता है और इसे 15,973 लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल हो रही तस्वीर भगत सिंह की नहीं, बल्कि फर्रुखाबाद के नवाब तफ्जुल हुसैन खान की है। जिसे 1857 के विद्रोह में हिस्सा लेने के लिए फांसी की सज़ा सुनाई गई थी।

False
Symbols that define nature of fake news
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