Fact Check: बाइक चोरी के आरोप में पुलिस की बर्बरता का यह वीडियो पुरानी घटना का है, फेक दावे के साथ वायरल

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि अस्पताल ले जाते शख्स के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह एक पुरानी घटना का वीडियो है। डेढ़ साल पहले पुलिस ने शख्स को बाइक चोरी का आरोप लगाते हुए पकड़ा था और युवक के साथ बर्बरता की थी। अब इस घटना के वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर गोहत्या के भड़काऊ दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

Fact Check: बाइक चोरी के आरोप में पुलिस की बर्बरता का यह वीडियो पुरानी घटना का है, फेक दावे के साथ वायरल

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो में पीड़ित व्यक्ति को घायल अवस्था में कराहते हुए देखा जा सकता है। इस वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में गोहत्या के गलत आरोप में मुस्लिम युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया और उसके साथ बर्बरता की।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह एक पुरानी घटना का वीडियो है। डेढ़ साल पहले पुलिस ने शख्स को बाइक चोरी का आरोप लगाते हुए पकड़ा था और युवक के साथ बर्बरता की थी। अब इस घटना के वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर गोहत्या के भड़काऊ दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर ‘रंजन झा’ ने 6 जनवरी 2023 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “उत्तरप्रदेश पुलिस के 5 अधिकारियों ने गौ हत्या से जुड़े होने के संदेह में एक मुस्लिम व्यक्ति को प्रताड़ित करते हुए उसे बिजली के झटके दिए। क्या यही राम राज्य की निशानी है ? #योगी_का_गुंडाराज” 

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

https://twitter.com/BeingMR_/status/1743355128432697669

पड़ताल 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च करना शुरू किया। हमें दावे से जुड़ी रिपोर्ट लल्लनटॉप की वेबसाइट पर मिली। रिपोर्ट को 5 जून 2022 को प्रकाशित किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, बाइक चोरी के आरोप में बदायूं में पुलिस ने पहले रिहान नामक एक शख्स को पकड़ा और फिर बेरहमी से पीटा और उसके साथ बर्बरता की। जब पुलिस को पता चला कि उन्होंने गलत शख्स को गिरफ्तार कर लिया है तो उन्होंने रिहान को 100 रुपए देकर रिहा कर दिया। 

अन्य रिपोर्ट को यहां पर देखें।

एपीबी न्यूज की वेबसाइट पर 5 जून 2022 को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, घटना के सामने आने के बाद बदायूं जिले के एसएसपी डॉक्टर ओपी सिंह ने मामले को संज्ञान में लिया। उन्होंने दातागंज सीओ प्रेम कुमार को इस मामले में जांच करने के आदेश दिए। जांच में आरोप सही साबित होने पर दोषियों पर मुकदमा दर्ज किया गया और उन पर कार्रवाई की गई।

पड़ताल के दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी रिपोर्ट दैनिक जागरण के ईपेपर में भी मिली।

बदायूं पुलिस ने 6 जनवरी 2023 को एक्स अकाउंट पर कन्हैया कुमार नामक एक एक्स यूजर ने वायरल वीडियो को इसी दावे के साथ शेयर किया है। इसी पर रिप्लाई करते हुए पुलिस ने बताया है, “बिना तथ्य तस्दीक किए भ्रामक ट्वीट कर अफवाह न फैलाएं। प्रकरण करीब 02 वर्ष पुराना है,  तत्समय संबंधित पुलिसकर्मियों को निलंबित कर आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा चुकी है।”

अधिक जानकारी के लिए हमने इस घटना को कवर करने वाले बदायूं दैनिक जागरण के क्राइम रिपोर्टर अंकित गुप्ता से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया, वायरल दावा गलत है। यह मामला हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि डेढ़ साल  साल पुराना है। शख्स को गोहत्या नहीं, बाइक चोरी का आरोप लगाते हुए पकड़ा था और बर्बरता की गई थी। मामला सामने आने के बाद दोषी पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज किया गया था और उन्हें सस्पेंड भी किया गया था। उस समय पुलिस ने बताया था कि दोषी पुलिसकर्मियों पर उचित कार्रवाई की जा रही है। 

अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से जुड़ी पोस्ट को शेयर करता है। यूजर को करीब छह सौ लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि अस्पताल ले जाते शख्स के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह एक पुरानी घटना का वीडियो है। डेढ़ साल पहले पुलिस ने शख्स को बाइक चोरी का आरोप लगाते हुए पकड़ा था और युवक के साथ बर्बरता की थी। अब इस घटना के वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर गोहत्या के भड़काऊ दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

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