विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में वायरल दावा गलत पाया। यह वीडियो पिछले साल नवंबर से वायरल हो रहा है। इस वीडियो का प्रवासी मजदूरों से कोई लेना देना नहीं है।
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस के कारण चलते लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों को लेकर कई तस्वीरें और वीडियो वायरल हुए हैं। इसी तरह एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ सिखों को चलती ट्रेन के साथ लंगर बांटते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि यह सिख ट्रेन में सफर कर रहे भूखे प्रवासी मजदूरों को लंगर बांट रहे हैं।
विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में वायरल दावा गलत पाया। यह वीडियो पिछले साल नवंबर से वायरल हो रहा है। इस वीडियो का प्रवासी मजदूरों से कोई लेना-देना नहीं है।
ट्विटर यूज़र Asjad Nazir ने एक वीडियो अपलोड किया जिसमें कुछ सिखों को चलती ट्रैन के साथ लंगर बांटते हुए देखा जा सकता है। इस वीडियो के साथ डिस्क्रिप्शन लिखा गया: One of the best videos you will see today, which shows humanity exists in these difficult times. Sikhs in rural India run after a moving train filled with starving migrants to give them food. (डिस्क्रिप्शन का हिंदी अनुवाद: आज आप सबसे अच्छे वीडियो में से एक देखेंगे, जो इन मुश्किल समय में मानवता को दर्शाता है। ग्रामीण भारत में सिख भूखे प्रवासियों से भरी ट्रेन के पीछे उन्हें लंगर देने के लिए भागते हैं)
इस पोस्ट का आर्काइव्ड लिंक।
पड़ताल की शुरुआत करते हुए हमने सबसे पहले वीडियो को ध्यान से देखा। वीडियो में महालम रेलवे स्टेशन नज़र आ रहा है और लंगर बांटने वाले लोग सर्दियों के कपड़ों में नज़र आ रहे हैं। आपको बता दें कि यह पंजाब के फ़िरोज़पुर में आता है।
अब हमने “sikh langar moving train” कीवर्ड को गूगल में सर्च किया। सर्च के नतीजों से यह साफ हो गया कि वायरल वीडियो पुराना है, हालिया नहीं। हमें 12 नवंबर 2019 को ट्वीट यह वीडियो मिला। यह वीडियो हतिंदर सिंह नाम के अकाउंट द्वारा अपलोड किया गया था। इस वीडियो के साथ अंग्रेजी में डिस्क्रिप्शन लिखा गया था: “Langar Started By First Sikh Guru Sri Guru Nanak Devji Has Made This Religion Unique Serving Langar To The Hungry Beyond His Caste & Religion Is A Duty Towards Humanity. In The Video We Can See Sikhs Youth Running Behind Moving Train To Give Langar Food To The Hungry Passengers.” डिस्क्रिप्शन का हिंदी अनुवाद: पहले सिख गुरु श्री गुरु नानक देव जी द्वारा शुरू किए गए लंगर ने इस धर्म को अद्वितीय बना दिया है। अपनी जाति और धर्म से परे भूखे लोगों के लिए लंगर की सेवा करना मानवता के प्रति एक कर्तव्य है। वीडियो में हम सिख नौजवानों को चलती ट्रेन के पीछे भागते हुए देख सकते हैं, जो यात्रियों को लंगर खाना दे रहे हैं।”
इस ट्वीट से यह साफ हुआ कि वीडियो हालिया नहीं पुराना है।
अब हमने पड़ताल को आगे बढ़ाया और हमें नवभारत टाइम्स पर इस वीडियो को लेकर आर्टिकल मिला। यह आर्टिकल 14 नवंबर 2019 को प्रकाशित किया गया था। इस आर्टिकल की हेडलाइन थी: ‘दुनिया में सिखों जैसी सेवा कोई नहीं कर सकता’, वायरल हो रहा है यह वीडियो
इस आर्टिकल के अनुसार: भाजपा के पूर्व विधायक अनिल शर्मा ने 12 नवंबर गुरु नानक जयंती के दिन एक वीडियो को अपलोड किया, जिसमें सिख चलती ट्रेन के साथ लंगर बांट रहे हैं। यह वीडियो काफी वायरल हो रहा है और अबतक लाखों लोग इसे देख भी चुके हैं।
इस वीडियो को लेकर पत्रिका और नवभारत टाइम्स की खबर आप क्लिक कर पढ़ सकते हैं।
यह तो साफ़ हो गया था कि वीडियो हालिया नहीं पुराना है। अब हमने इस वीडियो को लेकर हमारे पंजाबी जागरण के फ़िरोज़पुर इंचार्ज परमिंदर सिंह से सम्पर्क किया। परमिंदर ने हमें बताया, “यह वीडियो हालिया नहीं पुराना है और वीडियो को अगर ध्यान से देखा जाए तो पता चलता है कि लोगों ने सर्दियों के कपड़े पहने हुए हैं। यह गुरु नानक देव जी के 550वीं जयंती के समय का वीडियो है जब सुल्तानपुर लोधी दर्शन करने जा रहे श्रद्धालुओं को कुछ लोग लंगर खिलाया करते थे।“
इस वीडियो को लेकर हमारी बात महालम रेलवे स्टेशन के सुपरिंटेंडेंट कृष्णा लाल से भी हुई। उन्होंने हमें बताया, “यह वीडियो हालिया नहीं पुराना है। यह उस समय का वीडियो है, जब गुरु नानक जयंती के समय लोग सुल्तानपुर लोधी जा रहे थे। यह स्टेशन परिसर के बाहर का वीडियो है।“
इस वीडियो को सोशल मीडिया पर कई लोग वायरल दावे के साथ शेयर कर रहे हैं और इन्ही में से एक है Asjad Nazir नाम का ट्विटर यूज़र। यूज़र का ट्विटर अकाउंट आधिकारिक है और यह यूज़र एक मीडिया लेखक और ब्लॉग राइटर है।
निष्कर्ष: विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में वायरल दावा गलत पाया। यह वीडियो पिछले साल नवंबर से वायरल हो रहा है। इस वीडियो का प्रवासी मजदूरों से कोई लेना देना नहीं है।
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