नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर आजकल एक पोस्ट वायरल हो रही है। इस पोस्ट में एक वीडियो शेयर की गई है जिसमें कई सारी टूटी मूर्तियां नज़र आ रही हैं। इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में नवरात्रि के लिए बनाई जा रही मूर्तियां तोड़ दी गई हैं।विश्वास टीम की पड़ताल में यह वायरल हो रहा पोस्ट गुमराह करने वाला पाया गया। यह वीडियो बंगाल के हुगली जिले में 2015 में घटी घटना का है जिसे हाल का बताकर वायरल किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर Vishal Malviya 19 अगस्त को एक पोस्ट शेयर करते हैं। इस पोस्ट में एक वीडियो शेयर की गई है जिसमें कई सारी टूटी मूर्तियां नज़र आ रही हैं। इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में नवरात्रि के लिए बनाई जा रही मूर्तियां तोड़ दी गई हैं। इस पोस्ट के साथ डिस्क्रिप्शन लिखा गया है: “पश्चिम बंगाल में नवरात्रि के लिए बनाई जा रही माता की मूर्तियों को खंडित किया गया।”
पड़ताल किये जाने तक इस वीडियो को 8 हजार से ज्यादा यूजर द्वारा शेयर किया जा चुका था।
सबसे पहले हमने इस वीडियो को Invid टूल पर अपलोड किया और इसके कीफ्रेम्स निकाले। हमने फिर उन कीफ्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज में अपलोड करके सर्च करना शुरू किया। सर्च के नतीजों से हमें Youtube पर एक वीडियो मिली। यह वीडियो 10 नवंबर 2015 को अपलोड की गई थी। यह वीडियो हूबहू वायरल वीडियो की तरह ही थी। इसको “Prasun Maitra” नामक अकाउंट से अपलोड किया गया था। इस वीडियो की हेडलाइन थी: “25 idols of Maa Kali are desecrated at Hooghly, WB”
इस वीडियो के साथ लिखे डिस्क्रिप्शन के अनुसार, यह घटना बंगाल के हुगली जिले का है, जहां इन मूर्तियों को तोड़ दिया गया था।
अब हमने अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाया और कई कीवर्ड गूगल पर डालकर इस खबर को सर्च करना शुरू किया। हमें पता चला कि यह घटना हुगली जिले के पुरसरा इलाके की घटना है। इसके साथ ही हमें ट्विटर पर “@krishnpria” नाम के ट्विटर हेंडल से शेयर किया गया एक ट्वीट मिला, जिसमें एक तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था। डिस्क्रिप्शन लिखा गया था: This is #Bengal where idols of #KaliMaa beheaded wait for your turn Hindus #Islamicintolerance
यह ट्वीट 10 नवंबर 2015 को पोस्ट की गई थी।
विश्वास टीम ने इस खबर की पुष्टि करने के लिए पुरसरा थाने में संपर्क किया। थाने के सब इंस्पेक्टर देवाशीष चटर्जी ने विश्वास न्यूज को बताया, ‘2015 में ऐसी घटना हुई थी और इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।’
अब विश्वास टीम ने इस पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर Vishal Malviya के फेसबुक अकाउंट की सोशल स्कैनिंग की। हमने अपने पड़ताल में पाया कि इन्हे 6,399 लोग फॉलो करते हैं और Vishal Malviya एक विशेष विचारधारा से जुड़े हुए हैं।
निष्कर्ष: विश्वास टीम की पड़ताल में यह वायरल हो रहा पोस्ट गुमराह करने वाला पाया गया। यह वीडियो बंगाल के हुगली जिले में 2015 में घटी घटना का है जिसे हाल का बताकर वायरल किया जा रहा है।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।