Fact Check : छपरा में रेल एक्‍सीडेंट के नाम पर वायरल हुईं पुरानी तस्‍वीरें

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। छपरा में रेल एक्‍सीडेंट के नाम पर पुरानी तस्‍वीरों को वायरल किया जा रहा है।

Fact Check : छपरा में रेल एक्‍सीडेंट के नाम पर वायरल हुईं पुरानी तस्‍वीरें

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। ट्रेन की बोगियों में आग की पुरानी तस्‍वीरों को अब कुछ लोग फिर से वायरल कर रहे हैं। पहले भी कई बार ये तस्‍वीरें वायरल हो चुकी हैं। इसमें ट्रेन की बोगियों को जलते हुए देखा जा सकता है। यूजर्स अब इन तस्‍वीरों के कोलाज को शेयर करते हुए छपरा में ट्रेन एक्‍सीडेंट का दावा कर रहे हैं। विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये दावा झूठा पाया गया है। पुरानी तस्‍वीरों के जरिए यह फेक सूचना फैलाई गई है। एक बार पहले भी वायरल तस्‍वीर का इस्‍तेमाल झूठ फैलाने के लिए किया जा चुका है। इसकी पड़ताल आप यहां पढ़ सकते हैं।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर रंजीत कुमार ने 11 मई को पांच तस्‍वीरों का एक कोलाज ‘अंजु कुमारी 2’ नाम के ग्रुप में वायरल करते हुए दावा किया किया कि छपरा-आनंद विहार टर्मिनल एक्‍सप्रेस टकरा गई है। तस्‍वीर उसी की है।

यूजर ने दावा किया : ‘अभी-अभी: छपरा, आनन्‍द विहार टरमिनल exp टकराई, चलती ट्रेन से कूदे लोग! भाइयों पिलिज आपके जितने भी group है पिलिज उसमें सेंनड करो। अरे भाई इस फोटो को सेंड करना नहीं भुलना। सायद किसी के घर वाले मिल जाए।’

यहां वायरल पोस्‍ट के दावे को ज्‍यों का त्‍यों ही लिखा गया है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट को स्‍कैन किया। पांच तस्‍वीरों के इस कोलाज में मुख्‍यत दो ही तस्वीरें प्रमुख थीं। इन्‍हें ही रिपीट करके कोलाज बनाया गया। अब हमें इन दोनों तस्‍वीरों की सच्चाई जाननी थी। यांडेक्स सर्च के दौरान हमें कुछ पुराने वीडियो मिले। इन वीडियो में इन तस्‍वीरों का इस्‍तेमाल किया गया था। फरवरी 2019 और दिसंबर 2019 के इन वीडियो में कभी इन तस्‍वीरों को आनंद विहार तो कभी कानपुर में एक्‍सीडेंट के नाम पर इस्‍तेमाल किया गया। जिसकी विश्‍वास न्‍यूज पुष्टि नहीं करता है।

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में अब तक यह साबित हो चुका था कि जिन तस्‍वीरों को अभी वायरल किया जा रहा है, वह कई सालों से इंटरनेट पर मौजूद हैं। इनका छपरा से कोई संबंध नहीं है।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए इस वायरल दावे को दैनिक जागरण छपरा के ब्‍यूरो प्रभारी राजीव रंजन के साथ शेयर किया। उन्‍होंने विश्‍वास न्‍यूज को बताया कि यह तस्‍वीर छपरा से संबंधित नहीं है। किसी और जगह की पुरानी तस्वीर को छपरा का बताकर वायरल किया गया है।

पड़ताल के दौरान विश्‍वास न्‍यूज ने रेल मंत्रालय के जनसंपर्क अधिकारी से भी संबंध किया। उन्‍होंने ऐसी किसी घटना से इनकार किया।

जांच को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की स्‍कैनिंग की। हमें पता चला कि फेसबुक यूजर रंजीत कुमार दारापुर का रहने वाला है। इसके तीन हजार से ज्‍यादा फ्रेंड हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। छपरा में रेल एक्‍सीडेंट के नाम पर पुरानी तस्‍वीरों को वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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