हमारी पड़ताल में एग्जाम वाले क्षेत्रों में पानी भरने की बात गलत साबित हुई है। यूजर्स ने पुरानी फोटो को भ्रामक संदर्भ में पेश किया है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया में वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि एग्जाम सेंटर्स पर पानी भरा है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में ये पोस्ट भ्रामक साबित हुई है। इस पोस्ट में पुरानी फोटो शेयर करके गलत दावा किया जा रहा है।
‘पोलिटिकल डॉ’ नाम के ट्विटर यूजर ने एक पोस्ट शेयर की है, जिसमें अंग्रेजी में लिखा है कि This is the condition of examination centres and govt. wants to conduct exams
इसका हिंदी अर्थ है- ये परीक्षा केंद्रों का हाल है और सरकार एग्जाम कराना चाहती है। इसके साथ ही चार फोटो भी हैं, इन फोटो में दिखाई गई जगहों पर पानी भरा है।
इस पोस्ट को 28 अगस्त, 2020 को शेयर किया गया था। इस पोस्ट को अब तक 1500 बार रीट्वीट किया जा चुका है। इसको 1200 बार लाइक भी किया गया है। इस पोस्ट का अर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।
एग्जाम सेंटर्स का बुरा हाल देखने के बाद हमने इसकी पड़ताल करने का फैसला किया। कोरोना के कारण देश में शैक्षिक गतिविधियों पर रोक लगी है। हमने पता किया तो मालूम चला कि देश में फिलहाल जेईई और नीट की परीक्षाओं का आयोजन कराया जा रहा है। 1 सितंबर को जेईई की परीक्षा चल रही है।
पहली इमेज
हमने इन जगहों के बारे में पता करने का फैसला किया। हमने पहली इमेज को गूगल रिवर्स इमेज किया तो हमें पता कि ये यूपी के इलाहाबाद की है। इस फोटो को पत्रिका डॉट कॉम ने 4 साल पहले इस्तेमाल किया था। इसका मतलब ये है कि इसका वर्तमान से कोई लेना-देना नहीं है।
दूसरी इमेज
ये इमेज हमें गूगल रिवर्स इमेज करने पर न्यूज 18 की वेबसाइट पर मिली। इस खबर में लिखे कैप्शन के अनुसार, ये फोटो मुंबई की है और इसको 29 अगस्त, 2017 को एसोसिएटेड प्रेस (एपी) ने जारी किया था।
तीसरी इमेज
ये फोटो हमें जागरण डॉट कॉम की वेबसाइट पर मिली। ये फोटो हरिद्वार की है और ये 4 अगस्त, 2019 को पोस्ट की गई थी।
इस फोटो के बारे में हमने और भी जानने का फैसला किया। इस संबंध में विश्वास न्यूज ने दैनिक जागरण, हरिद्वार के डिस्ट्रिक्ट इंचार्ज अनूप कुमार से बात की। उन्होंने बताया कि ये फोटो पुरानी है। फोटो में दिखाई गई जगह नया रानीपुर मोड़ चंद्राचार्य चौक से भगत सिंह चौक के रास्ते का है। यह रास्ता बीएचईएल (भेल) उपनगर को जाता है। इस फोटो में अंग्रेजों के जमाने का बना हुआ रेलवे ओवरब्रिज है। यहां पर हर बरसात में 4 से 6 घंटे तक का इस तरह का जलभराव होता है, लेकिन इस समय कोई जलभराव नहीं है। जिस समय तेज मूसलाधार बरसात होती है, तब यह जलभराव होता है और 2 से 4 घंटे में समाप्त हो जाता है। प्रशासन ने यहां पर पंपिंग सेट और जनरेटर की व्यवस्था की हुई है, जिससे भरने वाले पानी को निकाल दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि जेईई और नीट की परीक्षा के केंद्र हरिद्वार जिले में दो हैं। एक बहादराबाद और दूसरा पुहाना (भगवानपुर) में है। यह दोनों जगह ही इस जगह से कई किलोमीटर दूर है और उन दोनों जगहों पर जलभराव नहीं होता है। जईई की परीक्षा यहां पर बिना किसी दिक्कत के सुचारू रूप से संपन्न हो रही है।
इस जगह की ये वर्तमान इमेज है।
चौथी इमेज
गूगल रिवर्स इमेज करने पर ये फोटो हमें ये फोटो जागरण डॉट कॉम की वेबसाइट पर मिली। इस फोटो को 9 जुलाई, 2019 को पोस्ट किया गया था।
इस फोटो पर हमने जागरण डॉट कॉम के बिहार इंचार्ज अमित आलोक से बात की। उन्होंने बताया कि ये पिछले साल की फोटो है। अभी फिलहाल वहां पर किसी भी तरह का पानी नहीं भरा है। इस इलाके की पुष्टि करते हुए दैनिक जागरण पटना के फोटो जर्नलिस्ट ने बताया कि ये फोटो एसके पुरी इलाके (बसावन पार्क) की है। अभी यहां पर पानी नहीं भरा है।
‘पोलिटिकल डॉ’ के ट्विटर प्रोफाइल की सोशल स्कैनिंग करने पर हमें पता चला कि इस यूजर के 1212 फॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में एग्जाम वाले क्षेत्रों में पानी भरने की बात गलत साबित हुई है। यूजर्स ने पुरानी फोटो को भ्रामक संदर्भ में पेश किया है।
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