विश्वास न्यूज की जांच में पता चला कि वायरल हो रही तस्वीर का भारत चीन की हिंसा में शहीद हुए सैनिकों से कोई संबंध नहीं है। यह तस्वीर नाइजीरियन सैनिकों के शव की है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। भारत-चीन तनाव के बीच सोशल मीडिया पर अफवाहों और झूठ का बाजार गर्म है। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर को कुछ लोग इस दावे के साथ वायरल कर रहे हैं कि यह चीन के साथ झड़प में मारे गए भारतीय सैनिकों की तस्वीर है। विश्वास न्यूज ने इस दावे की पड़ताल की। हमारी पड़ताल में दावा फर्जी निकला। जिस तस्वीर को भारतीय सैनिकों की बताकर वायरल किया जा रहा है, दरअसल वह 2015 से इंटरनेट पर मौजूद है। यह तस्वीर नाइजीरियन सैनिकों की है।
फेसबुक पेज जान मोहम्मद त्यागी ने 18 जून को एक तस्वीर को अपलोड करते हुए दावा किया : ‘चाइना की जब झड़प ऐसी है तो युद्ध कैसा होगा ???? लुटेरे सरकार में बैठे हैं। इन से कुछ नहीं होने वाला…. और जनता को धर्म का नशा देकर बेहोश कर चुके हैं…… अब यह देखकर किसी का खून नहीं खोलेगा’
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले भारतीय सेना के नाम से वायरल हो रही तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज और यान्डेक्स टूल में अपलोड करके सर्च किया।
हमें सबसे पुराना लिंक एक ट्विटर हैंडल का मिला, जहां वायरल तस्वीर को अपलोड किया गया था। 21 नवंबर 2015 को freedom(@oparabiafra2015) नाम के ट्विटर हैंडल ने इस तस्वीर को अपलोड करते हुए लिखा : This some of the missing Nigerian soldiers killed by bokoharams 105 of them, they can’t even fight boko
सर्च के दौरान हमें वायरल तस्वीर 11 मई 2017 की तारीख को पब्लिश एक लेख में भी मिली। इसे NigerianEye नाम की वेबसाइट ने पब्लिश किया था। इसमें बोको हरम और नाइजीरियन सैनिकों के बारे में बताया गया था।
कई वेबसाइट पर मौजूद खबरों के अनुसार, 2015 में नाइजीरिया में बोको हरम ने 105 लापता सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया था। तस्वीर उन्हीं सैनिकों की है।
वायरल तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने भारतीय सेना के अधिकारियों से संपर्क किया। सेना के प्रवक्ता ने विश्वास न्यूज को बताया कि वायरल तस्वीर लद्दाख में शहीद हुए हमारे सैनिकों की नहीं है। यह पोस्ट फेक है।
अंत में हमने फर्जी पोस्ट करने वाले फेसबुक पेज की जांच की। हमें पता चला कि जान मोहम्मद त्यागी नाम के इस पेज को 94 हजार लोग फॉलो करते हैं। इसे 25 सितंबर 2019 को बनाया गया था। इस पेज का झुकाव एक खास राजनीतिक दल की ओर है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की जांच में पता चला कि वायरल हो रही तस्वीर का भारत चीन की हिंसा में शहीद हुए सैनिकों से कोई संबंध नहीं है। यह तस्वीर नाइजीरियन सैनिकों के शव की है।
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