Fact Check: पृथ्वी की पुरानी तस्वीरों को चंद्रयान 2 द्वारा खींची हुई तस्वीरें बता कर किया जा रहा है वायरल

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर आज कल आउटर स्पेस से खींची हुई घरती की कुछ तस्वीरें वायरल हो रहीं हैं। इन तस्वीरों के साथ क्लेम किया गया है कि ये तस्वीरें चंद्रयान 2 द्वारा खींची गईं हैं। हमारी पड़ताल में हमने पाया कि यह दावा गलत है। यह सभी तस्वीरें पुरानी हैं जिन्हें गलत सन्दर्भ में वायरल किया जा रहा है।

CLAIM

वायरल पोस्ट में आउटर स्पेस से खींची हुई घरती की कुछ तस्वीरें हैं। पोस्ट के साथ डिस्क्रिप्शन लिखा है- “चंद्रयान 2 ने जारी की पहली फोटोज धरती की , आंखों की नक्काशी की तरह दिखती हुई धरती कितनी अद्भुत फोटो”।

FACT CHECK

अपनी पड़ताल को शुरू करने के लिए हमने इस पोस्ट में शेयर की गयी पांचों तस्वीरों की अलग- अलग जांच करने का फैसला किया। पहली तस्वीर को जब हमने गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया तो हमारे हाथ द टेलीग्राफ की एक खबर लगी जिसमें इस तस्वीर का डिस्क्रिप्शन था। “कुरील द्वीप समूह, रूस के सरायचेव ​​ज्वालामुखी से निकलने वाले धुएं, भाप और राख के बड़े ढेर की अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS ) पर सवार अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा ली गई एक छवि। यह माना जाता है कि इस विस्फोट के कारण इसके ऊपर बादल की परत में छेद हो गया है।”

इस सर्च में हमारे हाथ एक यूट्यूब वीडियो भी लगा जिसे Jul 1, 2009 को NASA Goddard नाम के एक चैनल ने अपलोड किया था। इस वीडियो में भी इसी फोटो का 3d जिक्र है।

इस पोस्ट में दूसरी तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें यह तस्वीर NASA की वेबसाइट पर मिली जिसे March 2, 2007 को अपलोड किया गया था। इस फोटो का कैप्शन है “Solar Eclipse from the Moon” जिसका हिंदी अनुवाद होता है- “चंद्रमा से सूर्यग्रहण”।

तीसरी तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च करने पर हमें  यह इमेज फोटो एजेंसी साइट शटरस्टॉक पर मिली, जिसे इलस्ट्रेटर एलन उस्टर ने पोस्ट किया था। इस तस्वीर के कैप्शन में लिखा है, “अंतरिक्ष में सूर्योदय और चंद्रमा के साथ पृथ्वीग्रह “।

चौथी तस्वीर को रिवर्स इमेज से ढूंढ़ने पर हमें यह तस्वीर नासा / गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर साइंटिफिक विज़ुअलाइज़ेशन स्टूडियो के क्रेडिट के साथ flickr.com पर मिली। यह इस तस्वीर का विस्तृत संस्करण था जिसमें से वायरल तस्वीर को क्रॉप किया गया था। इस तस्वीर का डिस्क्रिप्शन था “Global View of the Arctic and Antarctic on September 21, 2005” जिसका हिंदी अनुवाद होता है- “21 सितंबर, 2005 को आर्कटिक और अंटार्कटिक का वैश्विक दृश्य”

हमने रिवर्स इमेज सर्च करके पाया कि पांचों तस्वीर इमेज एजेंसी साइट शटरस्टॉक पर “सुबह की धरती पर उड़ान” शीर्षक के साथ पोस्ट की गई एक एनिमेटेड वीडियो का स्क्रीनग्रैब है।

इन सभी तस्वीरों की जांच में एक बात साफ़ तौर पर निकल कर आई कि ये तस्वीरें पुरानी हैं। आपको बता दें कि चंद्रयान 2 को 22 जुलाई 2019 को लॉन्च किया गया था।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के अंतरिक्षयान से चंद्रयान -2 को 22 जुलाई 2012 को लॉन्च किया था। इसरो के लेटेस्ट ट्वीट के अनुसार, चंद्रयान -2 अंतरिक्ष यान की दूसरी पृथ्वी-बाउंड ऑर्बिट-रेजिंग पैंतरेबाज़ी का शुक्रवार (26 जुलाई) सुबह सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया है।

हमने ज़्यादा जाँच के लिए इसरो के PRO कार्तिक से बात की जिन्होंने हमें बताया कि चंद्रयान -2 रोवर 7 सितंबर को चंद्रमा की सतह पर नीचे आएगा। इसरो ने हमें मेल पर भी जवाब दिया जिसमें उन्होंने कहा कि चंद्रयान 2 ने अभी तक कोई तस्वीरें नहीं भेजी हैं।”

इस पोस्ट को Gk Specially For Ssc नाम के एक फेसबुक पेज द्वारा शेयर किया गया था। इस पेज के कुल 9,619 फ़ॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में हमने पाया कि ये तस्वीरें चंद्रयान 2 द्वारा नहीं खींची गईं हैं। यह सभी तस्वीरें पुरानी हैं, जिन्हें गलत सन्दर्भ में वायरल किया जा रहा है।

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Symbols that define nature of fake news
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