वायरल पोस्ट का यह दावा सही नहीं है कि नासा के 58 फीसदी कर्मचारी भारतीय हैं। इसमें जिन सीईओ के नाम का जिक्र है उनमें से अधिकतर भारतीय मूल के हैं, लेकिन उनके पास नागरिकता किसी और देश की है। कुल मिलाकर इस वायरल पोस्ट के दावे भ्रामक हैं।
विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर एक जनवरी 2020 को एक पोस्ट शेयर की गई जो वायरल हो गई है। इस पोस्ट में कई दावे किए गए हैं। इनमें नासा में 58 फीसदी कर्मचारी भारतीय हैं, गूगल, नोकिया, Adobe, मास्टरकार्ड, माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ भारतीय हैं और Amazon के BOD भारतीय हैं, जैसे दावे शामिल हैं। विश्वास न्यूज ने हर दावे की अलग-अलग पड़ताल की। इसमें से कुछ दावे सच और कुछ फर्जी निकले। सभी दावों के हिसाब से देखें तो विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह पोस्ट भ्रामक पाई गई है।
क्या है वायरल पोस्ट में
सोशल मीडिया पर वायरल इस पोस्ट में लिखा है, ‘गूगल के सीईओ भारतीय हैं, नोकिया के सीईओ भारतीय हैं, Adobe के सीईओ भारतीय हैं, Amazon’ के BOD भारतीय हैं, मास्टरकार्ड के सीईओ भारतीय हैं, पेप्सिको की सीईओ इंदिरा नूई भारतीय हैं, नासा के 58 फीसदी कर्मचारी भारतीय हैं। भारतीय भाइयों और बहनों को सलमा।’ Faishal Saifi नाम के यूजर ने इस पोस्ट को 1 जनवरी 2020 को फेसबुक पर शेयर किया है। इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने नासा में 58 फीसदी भारतीय कर्मचारी होने के दावे की जांच से अपनी पड़ताल शुरू की। नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) की डेटा एंड एनालिटिक्स यूनिट के मुताबिक, जाति और नस्ल के हिसाब से देखें तो नासा के वर्कफोर्स में 8 फीसदी एशियाई अमेरिकन या पैसिफिक आइलैंडर हैं। इनमें 1.1 फीसदी अमेरिकन इंडियन हैं। नासा की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, ‘नासा विभिन्न पृष्ठभूमि वाले करीब 17000 लोगों को रोजगार देता है। 72 फीसदी नासा के कर्मचारी श्वेत या कोकेशियान हैं, 12 फीसदी ब्लैक या अफ्रीकी अमेरिकी, 7 फीसदी एशियाई अमेरिकन या पैसिफिक आइलैंडर, 8 प्रतिशत हिस्पैनिक या लातिनी; 1 प्रतिशत अमेरिकी भारतीय या अलास्का मूल निवासी और एक फीसदी 1 प्रतिशत से कम में एक से अधिक नस्ल हैं।
नासा मॉडल इक्वल इम्प्लॉइमेंट अपॉर्च्युनिटी (EEO) एजेंसी प्लान के मुताबिक, एशियाई अमेरिकन या पैसिफिक आइलैंडर के लोगों की हिस्सेदारी 1996 के 4.5 फीसदी की तुलना में 2016 में 7.4 फीसदी तक पहुंच गई। हालांकि, यह संख्या वायरल पोस्ट में दिए गए 58 फीसदी के आंकड़े के आसपास भी नहीं है। इसका मतलब यह है कि नासा में भारतीय कर्मचारियों की कुल संख्या एशियाई अमेरिकन या पैसिफिक आइलैंडर कैटेगरी में दी गई संख्या के कम ही होगी।
हमने नासा की पब्लिक अफेयर्स अधिकारी कैथरीन ब्राउन से बात की। उन्होंने कहा कि वायरल पोस्ट में जिस आंकड़े का दावा किया जा रहा है वो सही नहीं है। नासा के वर्कफोर्स के सही आंकड़ों को इस लिंक पर क्लिक करके देखा जा सकता है।
वायरल पोस्ट में दूसरा दावा यह है कि गूगल के सीईओ भारतीय हैं। आज यानी 27 जनवरी 2020 की बात करें तो गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई हैं। सुंदर पिचाई भारत में पैदा हुए हैं और विश्व विख्यात हैं। उनकी राष्ट्रीयता अमेरिकी, भारत में पैदा हुए अमेरिकी की है।
वायरल पोस्ट के अगले दावे में नोकिया के सीईओ को भारत का बताया गया है। नोकिया के सीईओ राजीव सूरी हैं। वह भारत में पैदा हुए सिंगापुर के नागरिक हैं।
अगले दावे में Adobe के सीईओ को भारतीय बताया गया है। Adobe के सीईओ भारतीय मूल के शांतनु नारायण हैं। शांतनु अमेरिकी नागरिक हैं।
अगले दावे में Amazon के BOD को भारतीय बताया गया है। Amazon में BOD की स्थिति हमें स्पष्ट नहीं हुई। जहां तक Amazon के ऑफिसर्स एंड डायरेक्टर्स की बात है तो इसमें जेफ पी बेजॉस प्रेसिडेंट, सीईओ और बोर्ड के चेयरमैन हैं। Brian T. Olsavsky सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर समेत अन्य हैं। हमें BOD नाम की कोई पोजिशन नहीं मिली।
अगले दावे में मास्टरकार्ड के सीईओ को भारतीय बताया गया है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि अजय बंगा मास्टरकार्ड के प्रेसिडेंट और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (सीईओ) हैं। साथ ही वह बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के सदस्य भी हैं। Ledger-Enquire वेबसाइट के मुताबिक, भारत में पैदा हुए अजय बंगा को 2007 में अमेरिका की नागरिकता मिली।
अगले दावे में माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ को भारतीय बताया गया है। हमने अपनी पड़ताल में पाया कि माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला हैं। मूल रूप से भारत के हैदाराबाद से ताल्लुक रखने वाले नाडेला बेलेव्यू, वॉशिंगटन में रहते हैं।
वायरल पोस्ट के अगले दावे में पेप्सी की सीईओ इंदिरा नूई को भारतीय बताया गया है। हमारी पड़ताल में सामने आया कि इंदिरा नूई भारतीय अमेरिकी बिजनेस एग्जीक्यूटिव और पेप्सिको की पूर्व सीईओ हैं।
निष्कर्ष: वायरल पोस्ट का यह दावा सही नहीं है कि नासा के 58 फीसदी कर्मचारी भारतीय हैं। इसमें जिन सीईओ के नाम का जिक्र है उनमें से अधिकतर भारतीय मूल के हैं, लेकिन उनके पास नागरिकता किसी और देश की है। कुल मिलाकर इस वायरल पोस्ट के दावे भ्रामक हैं।
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