Fact Check : लखनऊ के वायरल वीडियो में कोई सांप्रदायिक रंग नहीं, पीड़ित और आरोपी सभी एक ही समुदाय के
- By: Ashish Maharishi
- Published: Jun 26, 2019 at 05:34 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर 25 जून से एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक लड़के और एक लड़की को खून से लथपथ देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि एक हिंदू लड़की का मुस्लिम लड़के रेप नहीं कर पाए तो उसे और उसके भाई को बुरी तरह मारा। विश्वास टीम की पड़ताल में पता चला कि वीडियो में खून से लथपथ लड़का और लड़की हिंदू नहीं, मुस्लिम हैं। आरोपी और पीडि़ता दोनों ही एक ही समुदाय से हैं। घायल भाई-बहन को हिंदू बताने वाली पोस्ट फर्जी है। घटना में कोई सांप्रदायिक रंग नहीं है।
क्या है वायरल पोस्ट में
फेसबुक से लेकर ट्विटर पर वायरल हो रहे एक वीडियो में एक लड़की और एक लड़की खून से लथपथ दिख रहे हैं। दोनों भाई-बहन है। इस वीडियो को लेकर नागेश्वर सिंह बघेल नाम के एक फेसबुक यूजर ने दावा किया, ” झारखंड घटना पर एक अपराधी (चोर) के लिए आंसू बहाने वाले फर्जी हिंदुओं,इस वीडियो को भी देख लो। लखनऊ में यह घटना इंटोजा थाना क्षेत्र की कल की है, शांतिप्रीय मजहब यानी मुस्लिमो ने जिनका नाम इस्लाम, और उसके चार पांच साथी ने इसकी लड़के के बहन का रेप करने आए। इसने रेप नही करने दिया तो इसकी बहन और दोनों को बुरी तरह पीटा । पर यह घटना मीड़ियाँ की हेड लाइन नही बनी क्योकि ये हिन्दू है।”
25 जून को अपलोड किए गए इस वीडियो को अब तक चार हजार से ज्यादा बार देखा चुका है। जबकि 161 लोग इसे शेयर कर चुके हैं। इसी वीडियो को सैकड़ों दूसरे यूजर भी अलग-अलग कैप्शन से सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल हो रहे वीडियो को ध्यान से सुना। 45 सेकंड के इस वीडियो से हमें यह तो पता चला कि आरोपी मुस्लिम हैं। हालांकि, यह कहीं से भी नहीं पता चल पा रहा था कि दोनों भाई-बहन हिंदू हैं क्या? क्योंकि सोशल मीडिया पर घटना का वीडियो सांप्रदायिक रंग लिए हुए वायरल हो रहा था। इसलिए हमें यह जानना जरूरी था।
विश्वास टीम ने वायरल पोस्ट में यूज की गई जगह का नाम ‘इंटोजा’ को गूगल न्यूज में टाइप करके सर्च किया। हमें News18.com की एक न्यूज मिली। 25 जून को पब्लिश इस खबर से हमें पता चला कि वीडियो में दिख रहे लड़के का नाम शाहरूख है। साथ में उसकी बहन है। खबर के अंत में लिखा था, ”पुलिस के अनुसार, घटना इटौंजा थाना क्षेत्र की है। यहां घर के सामने खेल रहे कुछ बच्चे/युवक आपस में भिड़ गए थे। उसी को लेकर दो पक्षों में विवाद और मारपीट हो गई।”
इसके बाद विश्वास टीम ने InVID टूल का यूज करते हुए लखनऊ पुलिस के ट्विटर हैंडल @lkopolice पर घटना से संबंधित ट्वीट सर्च करने शुरू किए। घटना 24 जून की थी। इसलिए हमने 24 जून से लेकर 26 जून तक के ट्वीट सर्च करना शुरू किए। हमें इंटौजा की घटना से जुड़े कई ट्वीट मिले।
25 जून को सुबह 8:48 बजे लखनऊ पुलिस की ओर से किए गए ट्वीट में बताया गया, ”थाना क्षेत्र इटौंजा में घरे के सामने खेल रहे बच्चे/युवक आपस में लड़ गए। उसी को लेकर दो पक्षों (एक ही सम्प्रदाय (मुस्लिम) में विवाद और मारपीट हुई।”
पूरा ट्वीट आप नीचे पढ़ सकते हैं।
इस ट्वीट के कुछ घंटे बाद लखनऊ पुलिस का दूसरा ट्वीट 10:22 बजे आता है। इसमें बताया गया कि एसएसपी ने इंटौजा की घटना में अमानवीय ढंग से पेश आने वाले कॉन्स्टेबल राहुल को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया गया।
इसके बाद 11:28 बजे लखनऊ पुलिस एक और ट्वीट करती है। इसमें जानकारी दी जाती है कि इटौंजा की घटना में आरोपी चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
इतना करने के बाद हमने लखनऊ पुलिस के एसएसपी ऑफिस में कॉल किया। वहां से हमें जनसंपर्क अधिकारी (PRO) अभिषेक तिवारी का नंबर मिला। विश्वास न्यूज ने अभिषेक तिवारी से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि वायरल हो रहा वीडियो लखनऊ के इटौंजा का ही है। इसमें सभी एक ही समुदाय के लोग थे। सांप्रदायिक एंगल पूरी तरह गलत है।
निष्कर्ष : विश्वास टीम की पड़ताल में पता चला कि लखनऊ के इटौंजा में हुई घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। आरोपी और पीड़ित दोनों ही एक ही समुदाय के हैं।
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