Fact Check: पिता-बेटी और मां-बेटे की तस्वीर को निकाह के फेक दावे के साथ किया जा रहा शेयर
पिता-पुत्री और मां-बेटे की शादी के दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीरें बच्चों के हाफिज-ए-कुरान बनने के मौके की है, न कि निकाह की, जैसा कि वायरल पोस्ट में दावा किया गया है।
- By: Abhishek Parashar
- Published: Oct 4, 2024 at 04:01 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल एक कोलाज में दो तस्वीरें शामिल हैं, जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि एक समुदाय विशेष के पिता ने जब अपनी बेटी से शादी कर ली तो उससे नाराज होकर उस व्यक्ति की पत्नी ने अपने बेटे से निकाह कर लिया।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को फेक पाया। कोलाज में इस्तेमाल की जा रही पहली फोटो हाफिज-ए-कुरान के मौके की है। वहीं, मां-बेटे की तस्वीर कुरान के तीसो पारे मुकम्मल हो जाने के मौके की है और इन दोनों तस्वीरों को दुष्प्रचार की मंशा से शेयर किया जा रहा है।
क्या है वायरल?
सोशल मीडिया यूजर ‘Nadiya Khan Hizabi Sherni’ ने कोलाज (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “अब्बू ने बेटी के साथ निकाह कर ली तो गुस्से में आकर अम्मी ने भी अपने बेटे से निकाह कर ली इतना पवित्र मजहब है इस्लाम।”
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
पड़ताल
कोलाज में दो तस्वीरें नजर आ रही है। पहली तस्वीर में एक व्यक्ति, लड़की के साथ नजर आ रहा है, जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि दोनों पिता-पुत्री हैं और उन्होंने शादी कर ली है। तस्वीर के ऑरिजिनल सोर्स को ढूंढने के लिए हमने रिवर्स इमेज सर्च की मदद ली।
वायरल हो रही तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें यह तस्वीर इस्लामिक बोर्ड.कॉम की वेबसाइट पर मौजूद एक रिपोर्ट में लगी मिली।
रिपोर्ट में उन बच्चियों के बारे में जानकारी दी गई है, जिन्होंने कुरान का पाठ पूरा कर लिया है। वायरल तस्वीर भी इसी प्रकरण से संबंधित है, जिसमें नजर आ रहे व्यक्ति और लड़की पिता-पुत्री हैं और एक साथ कुरान का पाठ पूरा कर वह दोनों हाफिज-ए-कुरान बन गए। यह तस्वीर उसी मौके की है।
सर्च में हमें यह तस्वीर सोशल मीडिया पर भी मिली, जिसे समान दावे के साथ साझा किया गया है। 23 सितंबर 2018 को ‘ISLAM’ पेज से भी इस तस्वीर को साझा किया गया है। तस्वीर को साझा करते हुए बताया गया है कि इसमें दोनों को पिता और पुत्री बताते हुए उनके एक साथ कुरान का पाठ पूरा किए जाने का जिक्र है।
इसके बाद हमने दूसरी तस्वीर को सर्च किया और और हमें फेसबुक पेज Poshto song s पर यह फोटो मिली, जिसे 31 जनवरी 2020 को पोस्ट किया गया है। दी गई जानकारी के मुताबिक, यह बेटे के कुरान का पाठ पूरा किए जाने के मौके से संबंधित तस्वीर है।
एक अन्य पोस्ट (स्क्रीनशॉट) में भी हमें यह तस्वीर समान संदर्भ में लगी मिली। विश्वास न्यूज इन दोनों की स्वतंत्र पहचान की पुष्टि नहीं करता है, लेकिन यह स्पष्ट है कि तस्वीर में नजर आ रहे लोगों के बीच का संबंध पिता-पुत्र और मां-बेटे का है, जो हाफिज-ए-कुरान से संबंधित है।
हमने इस तस्वीर को लेकर इस्लामिक मामलों के जानकार सगीर अहमद से संपर्क किया। उन्होंने बताया, “हाफिज-ए-कुरान का मतलब है कि संबंधित व्यक्ति ने पवित्र ग्रंथ को पूरी तरह से याद कर लिया है। इसे पूरा करने में कुछ महीनों से सालों तक का समय लग सकता है।”
इससे पहले भी ये तस्वीरें अलग-अलग मौकों पर समान संदर्भ में शेयर होती रही है, जिसकी जांच रिपोर्ट को यहां और यहां पढ़ा जा सकता है।
वायरल कोलाज को फेक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब छह हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं और यूजर ने अपनी प्रोफाइल में स्वयं को डिजिटल क्रिएटर बताया है।
निष्कर्ष: पिता-पुत्री और मां-बेटे की शादी के दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीरें बच्चों के हाफिज-ए-कुरान बनने के मौके की है, न कि निकाह की, जैसा कि वायरल पोस्ट में दावा किया गया है।
- Claim Review : मुस्लिम पिता ने अपनी बेटी और मां ने अपने बेटे से की शादी।
- Claimed By : FB User-Nadiya Khan Hizabi Sherni
- Fact Check : झूठ
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