Fact Check: एमपी में लिया गया है 9वीं से 12वीं के छात्रों की परीक्षा नहीं कराने का फैसला, पूरे देश से नहीं है लेना-देना

हमारी पड़ताल में ये दावा भ्रामक पाया गया है। 9वीं से 12वीं के छात्रों के छात्रों की परीक्षा नहीं करवाने और ऑनलाइन मूल्यांकन का फैसला मध्य प्रदेश में लिया गया है। इसका पूरे देश से कोई लेना-देना नहीं है। इसका मतलब ये है कि इस मामले में देश का प्रत्येक राज्य अपने हिसाब से फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। एक मैसेज में दावा किया गया है कि 9वीं से 12वीं के छात्रों की इस बार परीक्षा नहीं होगी, बल्कि उनका ऑनलाइन मूल्यांकन होगा। हमारी पड़ताल में ये पता चला है कि ये दावा भ्रामक है। ये फैसला मध्य प्रदेश में किया गया है। इसका देश के अन्य राज्यों से कोई लेना-देना नहीं है। 

क्या है पोस्ट में

विश्वास न्यूज के चैटबॉट (वॉट्सऐप नंबर- 95992 99372) पर एक यूजर ने कक्षा 9वीं एवं 12 वीं में पढ़ने वाले सभी विद्यार्थियों की परीक्षा आयोजित नहीं किए जाने वाले दावे के पीछे की सच्चाई पूछी। इस पोस्ट में लिखा था कि –

सूचना
कक्षा 9वीं एवं 12 वीं में पढ़ने वाले सभी विद्यार्थियों को सूचित किया जाता है कि
आपका परीक्षा का पैटर्न याने तरीका पूरी तरह बदल गया है
अब आपकी परीक्षा के दो भाग होंगे
एक आंतरिक परीक्षा और एक बोर्ड परीक्षा
आंतरिक परीक्षा में कुल 12 बार आप की परीक्षाएं ली जाएंगी
अर्थात अगले 6 महीनों तक हर 15 दिन में आपकी एक परीक्षा आयोजित होगी
इस 15 –15 दिन में होने वाली हर परीक्षा में क्या होगा
इसके साथ ही अन्य जानकारी भी दी गई है।

पड़ताल

हमने ये जानने का फैसला किया कि वाकई में 9 से 12 तक की कक्षाओं की परीक्षा होगी या नहीं। पड़ताल के लिए गूगल पर सर्च किया तो हमें नईदुनिया का एक आर्टिकल मिला। इसमें लिखा था कि 9वीं से 12वीं के छात्रों की इस बार परीक्षा नहीं होगी। इस खबर के अनुसार, मध्य प्रदेश का माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) ऑनलाइन आंतरिक मूल्यांकन करेगा। इसके साथ ही बताया गया है कि माशिमं 1 सितंबर से ऑनलाइन शिक्षण सत्र की शुरुआत करने जा रहा है। पूरी खबर यहां पढ़ी जा सकती है।

हमने इंटरनेट पर इस खबर को खोजा। हमें कई और विश्वसनीय मीडिया संस्थानों की रिपोर्ट मिली, जिसमें इस बात की पुष्टि होती है कि मध्य प्रदेश में 9वीं से 12वीं के छात्रों की इस बार परीक्षा नहीं हो होगी। उनका ऑनलाइन मूल्यांकन किया जाएगा।

इसके बाद विश्वास न्यूज ने नईदुनिया अखबार की भोपाल सिटी रिपोर्टर अंजलि राय से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि कोरोना के कारण 9वीं से 12वीं के छात्रों की इस बार परीक्षा होना संभव नहीं है। इसी कारण से माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) ने ऑनलाइन मूल्यांकन करने का फैसला लिया है। हालांकि, ये फैसला मध्य प्रदेश के लिए ही है।

इसके बाद हमने जाना कि हर राज्य में अलग-अलग बोर्ड सक्रिय हैं जो कि अपने हिसाब से शिक्षा का संचालन करते है। इसका अर्थ है कि एक राज्य का फैसला दूसरे राज्य में लागू नहीं होता है। पोस्ट से ऐसा लग रहा है कि ये फैसला पूरे देश में लागू हो गया है।

इस भ्रामक खबर को educationportal.org.in नाम के वेब पोर्टल ने 26 अगस्त, 2020 को अपलोड किया था। अर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है।

निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में ये दावा भ्रामक पाया गया है। 9वीं से 12वीं के छात्रों के छात्रों की परीक्षा नहीं करवाने और ऑनलाइन मूल्यांकन का फैसला मध्य प्रदेश में लिया गया है। इसका पूरे देश से कोई लेना-देना नहीं है। इसका मतलब ये है कि इस मामले में देश का प्रत्येक राज्य अपने हिसाब से फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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